जीकाअदा-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
'जो शख्स ये चाहता है कि उसके रिज्क में इजाफा हो, और उसकी उम्र दराज हो, उसे चाहिए कि रिश्तेदारों के हुस्न सुलूक और एहसान करे।'
-मिश्कवात शरीफ
------------------------------------
✅ धार : आईएनएस, इंडिया
मध्य प्रदेश के धार ज़िले में 11वीं सदी के काम्लेक्स के कुछ हिस्सों में मुबय्यना खुदाई और सुप्रीमकोर्ट की हिदायात के ख़िलाफ़ भोज शाला में मुस्लमानों ने स्याह पट्टियाँ बांध कर नमाज़ अदा की। गुजिश्ता जुमे को मुसलमानों की एक बड़ी तादाद ने स्याह पट्टियाँ बांध कर जुमा की नमाज़ अदा की।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की हिदायात के मुताबिक़ एएसआई पिछले 64 दिनों से ढाँचे का सर्वे कर रहा है। हिंदुओं का एक तबक़ा 11वीं सदी की एक यादगार भोज शाला को एएसआई के ज़रीये महफ़ूज़ मानते हैं, जिसे वाग्देवी (देवी सरस्वती) के लिए वक़्फ़ एक मंदिर समझते हैं, जबकि मुस्लमान उसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं। हिंदू फ़रीक़ के वकील शिरीष दूबे ने कहा कि मुस्लिम कम्यूनिटी के रहनुमा इस मुआमले पर सुप्रीमकोर्ट की हिदायत की ग़लत तशरीह कर रहे हैं।
कमाल मौला मस्जिद के ओहदेदार जुल्फीक़ार पठान ने नमाज़-ए-जुमा के बाद मीडीया से गुफ़्तगु की। उन्होंने कहा कि हमने सदर को एक याददाश्त पेश की है, जिसमें कहा गया है कि अदालत-ए-उज़्मा के अहाते में खुदाई ना करने की हिदायत के बावजूद, एएसआई मस्जिद की दीवारों की खुदाई कर उन्हें कमज़ोर कर रहा है। उन्होंने कहा कि कम्यूनिटी लीडरों ने गुजिश्ता जुमा को ये मसला उठाया था। उन्होंने उस वक़्त ऐलान किया था कि अगर एएस ई सर्वे में कोई तबदीली नहीं की गई तो वो स्याह पट्टी बांध कर एहतिजाज करेंगे। पठान ने कहा कि वो ख़ामोशी से एहतिजाज कर रहे हैं लेकिन अगर उनके मुतालिबात ना माने गए तो वो अपना एहतिजाज तेज़ कर देंगे।
अप्रैल में सुप्रीमकोर्ट ने भोज शाला काम्प्लेक्स के साईंसी सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, ये वाजेह करते हुए कि कोई भी ऐसी खुदाई नहीं की जानी चाहिए जिससे काम्प्लेक्स का किरदार मुतनाज़ा हो। ताहम, हिंदू फ़रीक़ के वकील शिरीष दूबे ने कहा, सुप्रीमकोर्ट ने अपने हुक्म में कहा था कि खुदाई इस तरह की जाए कि इससे साइट के बुनियादी ढाँचे में कोई तबदीली ना आए। एएसआई ज़रूरत के मुताबिक़ अपना सर्वे कर रहा है। हिंदू फ़रीक़ के वकील शिरीष दूबे ने दावा किया कि मुस्लिम कम्यूनिटी के रहनुमा सुप्रीमकोर्ट की हिदायत की ग़लत तशरीह कर रहे हैं और इस मुआमले पर गुमराह कुन मुहिम चला रहे हैं।
7 अप्रैल 2003 को एएसआई की तरफ़ से किए गए इंतिज़ामात के तहत, हिंदू मंगल को भोज शाला काम्प्लेक्स में पूजा करते हैं और मुस्लमान जुमा को नमाज़ अदा करते हैं।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की हिदायात के मुताबिक़ एएसआई पिछले 64 दिनों से ढाँचे का सर्वे कर रहा है। हिंदुओं का एक तबक़ा 11वीं सदी की एक यादगार भोज शाला को एएसआई के ज़रीये महफ़ूज़ मानते हैं, जिसे वाग्देवी (देवी सरस्वती) के लिए वक़्फ़ एक मंदिर समझते हैं, जबकि मुस्लमान उसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं। हिंदू फ़रीक़ के वकील शिरीष दूबे ने कहा कि मुस्लिम कम्यूनिटी के रहनुमा इस मुआमले पर सुप्रीमकोर्ट की हिदायत की ग़लत तशरीह कर रहे हैं।
कमाल मौला मस्जिद के ओहदेदार जुल्फीक़ार पठान ने नमाज़-ए-जुमा के बाद मीडीया से गुफ़्तगु की। उन्होंने कहा कि हमने सदर को एक याददाश्त पेश की है, जिसमें कहा गया है कि अदालत-ए-उज़्मा के अहाते में खुदाई ना करने की हिदायत के बावजूद, एएसआई मस्जिद की दीवारों की खुदाई कर उन्हें कमज़ोर कर रहा है। उन्होंने कहा कि कम्यूनिटी लीडरों ने गुजिश्ता जुमा को ये मसला उठाया था। उन्होंने उस वक़्त ऐलान किया था कि अगर एएस ई सर्वे में कोई तबदीली नहीं की गई तो वो स्याह पट्टी बांध कर एहतिजाज करेंगे। पठान ने कहा कि वो ख़ामोशी से एहतिजाज कर रहे हैं लेकिन अगर उनके मुतालिबात ना माने गए तो वो अपना एहतिजाज तेज़ कर देंगे।
अप्रैल में सुप्रीमकोर्ट ने भोज शाला काम्प्लेक्स के साईंसी सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, ये वाजेह करते हुए कि कोई भी ऐसी खुदाई नहीं की जानी चाहिए जिससे काम्प्लेक्स का किरदार मुतनाज़ा हो। ताहम, हिंदू फ़रीक़ के वकील शिरीष दूबे ने कहा, सुप्रीमकोर्ट ने अपने हुक्म में कहा था कि खुदाई इस तरह की जाए कि इससे साइट के बुनियादी ढाँचे में कोई तबदीली ना आए। एएसआई ज़रूरत के मुताबिक़ अपना सर्वे कर रहा है। हिंदू फ़रीक़ के वकील शिरीष दूबे ने दावा किया कि मुस्लिम कम्यूनिटी के रहनुमा सुप्रीमकोर्ट की हिदायत की ग़लत तशरीह कर रहे हैं और इस मुआमले पर गुमराह कुन मुहिम चला रहे हैं।
7 अप्रैल 2003 को एएसआई की तरफ़ से किए गए इंतिज़ामात के तहत, हिंदू मंगल को भोज शाला काम्प्लेक्स में पूजा करते हैं और मुस्लमान जुमा को नमाज़ अदा करते हैं।
👉 ये भी पढ़ें :
👇👇👇
For the latest updates of islam
Please क्लिक to join our whatsapp group & Whatsappchannel
0 टिप्पणियाँ