जीकाअदा-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
'जो शख्स ये चाहता है कि उसके रिज्क में इजाफा हो, और उसकी उम्र दराज हो, उसे चाहिए कि रिश्तेदारों के हुस्न सुलूक और एहसान करे।'
- मिश्कवात शरीफ
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✅ जौनपुर : आईएनएस, इंडिया
दावा किया गया है कि जौनपूर शर्क़ी सलातीन के अह्द की तारीख़ी अटाला मस्जिद, अटाला माता का मंदिर है। इसके लिए महकमा आसारे-ए-क़दीमा के डायरेक्टर की रिपोर्ट और कई किताबों का हवाला दिया गया।
दावा में कहा गया है कि अटाला मस्जिद की तस्वीर में त्रिशूल, फूल वग़ैरा की तस्वीरें मौजूद हैं। मामला अदालत पहुंच गया है। 22 मई को इसे लेकर सुनवाई भी हुई। दरहक़ीक़त सिविल जज सीनीयर डिवीज़न कोर्ट में आगरा के वकील अजय प्रताप सिंह ने अटाला मस्जिद को अटाला माता मंदिर बताते हुए उतर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड और मैनेजमेंट कमेटी अटाला मस्जिद के ख़िलाफ़ दावा पेश किया है। अदालत ने दावा को मुतफ़र्रिक़ मुक़द्दमे के तौर पर दर्ज किया और दावों की तसदीक़ पर समाअत की।
एडवोकेट अजय प्रताप सिंह ने बताया कि अटाला मस्जिद बुनियादी तौर पर अटाला माता मंदिर है। तारीख़ी ज़राइआ के मुताबिक़ दावा किया गया कि अटाला मस्जिद माता मंदिर, कन्नौज के बादशाह जय चन्द्र राठौर ने बनवाया था। आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया के पहले डायरेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अटाला माता मंदिर को गिराने का हुक्म फ़िरोज़ शाह ने दिया था, लेकिन मुख़ालिफ़त की वजह से मंदिर नहीं गिराया जा सका। बाद में इबराहीम शाह ने मंदिर पर कब्जा कर लिया और उसे मस्जिद के तौर पर इस्तिमाल करना शुरू कर दिया।
कोलकाता स्कूल आफ़ आर्ट के प्रिंसिपल अबी हैवल ने अपनी किताब में अटाला मस्जिद की नौईयत (प्रकृति) और किरदार को हिंदू बताया है आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया की कई रिपोर्टों में अटाला मस्जिद की तस्वीरें दी गई हैं जिसमें त्रिशूल, फूल वग़ैरा पाए गए हैं। इस सिलसिले में डीजीसी फ़ौजदारी सतीश पांडे ने बयान जारी किया है कि सनातन धर्म को ख़त्म करने के मक़सद से मुग़ल हुकमरानों ने हिंदू मंदिरों को गिरा कर मसाजिद में तबदील कर दिया। अटाला माता के मंदिर को दीगर मंदिरों के साथ मुनहदिम करके अटाला मस्जिद का नाम दिया गया। जबकि मंदिर की बाक़ियात और शक्ल अब भी मौजूद है।
वाजेह हो कि ये मस्जिद मुग़्लिया दौर-ए-सलतनत सैंकड़ों साल क़बल की है और हिन्दोस्तान की शानदार तारीख़ी मस्जिदों में शुमार है।
दावा में कहा गया है कि अटाला मस्जिद की तस्वीर में त्रिशूल, फूल वग़ैरा की तस्वीरें मौजूद हैं। मामला अदालत पहुंच गया है। 22 मई को इसे लेकर सुनवाई भी हुई। दरहक़ीक़त सिविल जज सीनीयर डिवीज़न कोर्ट में आगरा के वकील अजय प्रताप सिंह ने अटाला मस्जिद को अटाला माता मंदिर बताते हुए उतर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड और मैनेजमेंट कमेटी अटाला मस्जिद के ख़िलाफ़ दावा पेश किया है। अदालत ने दावा को मुतफ़र्रिक़ मुक़द्दमे के तौर पर दर्ज किया और दावों की तसदीक़ पर समाअत की।
एडवोकेट अजय प्रताप सिंह ने बताया कि अटाला मस्जिद बुनियादी तौर पर अटाला माता मंदिर है। तारीख़ी ज़राइआ के मुताबिक़ दावा किया गया कि अटाला मस्जिद माता मंदिर, कन्नौज के बादशाह जय चन्द्र राठौर ने बनवाया था। आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया के पहले डायरेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अटाला माता मंदिर को गिराने का हुक्म फ़िरोज़ शाह ने दिया था, लेकिन मुख़ालिफ़त की वजह से मंदिर नहीं गिराया जा सका। बाद में इबराहीम शाह ने मंदिर पर कब्जा कर लिया और उसे मस्जिद के तौर पर इस्तिमाल करना शुरू कर दिया।
कोलकाता स्कूल आफ़ आर्ट के प्रिंसिपल अबी हैवल ने अपनी किताब में अटाला मस्जिद की नौईयत (प्रकृति) और किरदार को हिंदू बताया है आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया की कई रिपोर्टों में अटाला मस्जिद की तस्वीरें दी गई हैं जिसमें त्रिशूल, फूल वग़ैरा पाए गए हैं। इस सिलसिले में डीजीसी फ़ौजदारी सतीश पांडे ने बयान जारी किया है कि सनातन धर्म को ख़त्म करने के मक़सद से मुग़ल हुकमरानों ने हिंदू मंदिरों को गिरा कर मसाजिद में तबदील कर दिया। अटाला माता के मंदिर को दीगर मंदिरों के साथ मुनहदिम करके अटाला मस्जिद का नाम दिया गया। जबकि मंदिर की बाक़ियात और शक्ल अब भी मौजूद है।
वाजेह हो कि ये मस्जिद मुग़्लिया दौर-ए-सलतनत सैंकड़ों साल क़बल की है और हिन्दोस्तान की शानदार तारीख़ी मस्जिदों में शुमार है।
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