रज्जब उल मुरज्जब, 1447 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"सिर्फ तीन जगह पर झूठ जाएज़ और हलाल है, एक ये के आदमी अपनी बीवी से बात करें ताकि उसको राज़ी कर ले, दूसरा जंग में झूठ बोलना और तीसरा लोगों के दरमियान सुलह कराने के लिए झूठ बोलना।"- अबू दाऊद
✅ नई तहरीक : रायपुर
23 दिसंबर को राजधानी में मुस्लिम मआशरे के बुजुर्गों को हिरासत में लिए जाने से रियासतभर में गम-ओ-गुस्से की लहर फैल गई है। पुलिस के मुताबिक राजधानी रायपुर के बुजुर्गों जिनमें खवातीन भी शामिल हैं, को शक की बिना पर हिरासत में लिए जाने की बात कही है। मामले को लेकर मआशरे के होशमंद अफराद ने 26 दिसंबर की दोपहर, बाद नमाजे जुमा, राजीव गांधी चौक, सुभाष स्टेडियम के सामने एक रोजा मुजाहिरा कर पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ एहतेजाज दर्ज कराने का फैसला लिया है।गौरतलब है कि हिरासत में लिए गए लोगों में ज्यादातर वे बुजुर्ग हैं जो इज्जत की नजर से देखे जाते हैं, शरीफ और रसूखदार हैं। इनके खिलाफ कभी कोई जुर्म सरजद नहीं हुआ इसके बावजूद पुलिस हुक्काम की जानिब से इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन्हें हिरासत में लिया गया। इनमें खवातीन भी शामिल हैं। कमाल ये कि मआशरे के बजुर्गों को हिरासत में लिए जाने की वजाहत भी सामने नहीं आई है। हालांकि पुलिस इंतेजामिया शक की बिना पर बुजुर्गों को हिरासत में लिए जाने की वजह बता रही है।
मामले को लेकर शहर की मुख्तलिफ तंजीम ने प्रेस कान्फ्रेंस मुनाकिद कर पुलिसिया कार्रवाई की मुखालफत करते हुए कहा कि पूछताछ किया जाना आईन और इंतेजामिया का हिस्सा है। जिस पर मआशरे को कोई एतराज नहीं अलबत्ता एतराज पूछताछ के नाम पर बेदाग बुजुर्गों को हिरासत में लेने के पुलिसिया तरीके पर है।
मआशरे ने कहा कि पूछताछ के नाम पर पुलिस ने बुजुर्गों जिनमें खवातीन भी शामिल हैं, को आधी रात में उनके घरों से उठा लिया। पुलिस के इस रवैय्ये से न सिर्फ मआशरे की सबीहा धूमिल हुई है, जम्हूरी जज्बात को ठेंस भी पहूंची है।
प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद मुख्तलिफ तंजीम के जिम्मेदारों ने कहा क मआशरे के जिम्मेदार और इज्जतदार लोगों के साथ किए गए इस सलूक का असर न सिर्फ उस शख्स तक महदूद रहता है, समूचे मआशरे की इज्जते नफ्स भी मजरूह होती है।
मआशरे के लोग न सिर्फ आईन की इज्जत करते हैं, इंतेजामिया कार्रवाई में तआवुन के हिमायती भी हैं। लेकिन किसी भी जम्हूरी इंतेजामिया में ये काबिले कबूल नहीं हो सकता कि बुजुर्गों जिनमें खवातीन भी शामिल हैं, को बिना किसी इत्तेला और मुनासिब प्रोसीजर के मआशरे में खौफ पैदा करने के अंदाज में उठा लिया जाए।
यहां यह भी गौरतलब है कि यही कार्रवाई दीगर मआशरे के साथ होती तो उसका वसीअ पैमाने पर रिएक्शन देखने को मिलता। ये मआवजना महज ये बताने के लिए है कि हर मआशरे को अपनी इज्जत और आईनी हुकूक के तंई सजग और जागरुक रहना चाहिए।
मआशरे का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ आईनी तरीके से आवाज बुलंद नहीं की गई तो मुस्तकबिल में ये तरीका आम हो जाएगा। और मआशरे को ये मानने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा कि बेइज्जती और खौफ के साथ की गई कार्रवाई ही इंतेजामिया का हिस्सा है।
पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ मआशरे ने की मांग
पूरी कार्रवाई का गैर जानिबदारी से शफाक तरीके से जायजा लिया जाना चाहिए।
बिना ठोस वजूहात के जिन्हें हिरासत में लिया गया है, उन्हें पूरे एहतेराम के साथ राहत दी जाए।
मुस्तकबिल में पूछताछ के लिए इंसानियत और आईनी तरीकों को अपनाया जाए।
यह आवाज़ किसी टकराव या मुखालफत के लिए नहीं, इंसाफ, एहतेराम और आईनी इकदार की हिफाजत के लिए है। आज जरूरत है कि मआशरा अपने सभी शोबे के लोगो को एकजुट कर आईनी तरीके से इस कार्रवाई के खिलाफ आवाज़ बुलंद करे।
प्रेस कान्फ्रेंस में सीरत कमेटी के साबिक सदर नौमान अकरम हामिद, अलीम रजा, सोहेल सेठी, सदर सीरत कमेटी, राहिल रउफी, सदर राष्ट्रीय हुसैनी सेना, जनरल सेक्रेटरी रफीक गौटिया, ऑल मुस्लिम वेल्फेयर फाउंडेशन के मोहम्मद सिराज, छत्तीसगढ़ मुस्लिम महासभा के एजाज कुरैशी, मोहम्मद फहीम शेख, कुरैशी ज़मात के मोहम्मद अलीम कुरैशी, मोहम्मद एजाज, मोहम्मद हसन के अलावा शहर की मुख्तलिफ समाजी व मजहबी तंजीमों के नुमाइंदे, मआशरे के सीनियर शहरी वगैरह मौजूद थे। ये जानकारी शहर सीरत कमेटी के सदर सुहेल सेठी व हुसैनी सेना के सदर राहिल रऊफी ने दी।
