छत्तीसगढ़ के आजमीन-ए-हज मई के आखिरी हफ्ते से नागपुर से भरेंगे उड़ान

शव्वाल -1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

'' जो कोई इल्म की तलाश में किसी राह पर चलता है, 
अल्लाह ताअला उसके लिए जन्नत की राह आसान कर देता है। '' 

- इब्ने माजा

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छत्तीसगढ़ के हज यात्रियों की फ्लाईट नागपुर से भरेगी जददा के लिए उड़ान

वैक्सीनेशन के लिए निजी टूर्स ऑपरेटर्स से मांगी गई 
आजमीन-ए-हज की फेहरिस्त

नई तहरीक : बिलासपु

इमसाल 2024 में हज्जे बैतुल्लाह जाने वाले आजमीन-ए-हज हज के अरकान के मुताल्लिक ट्रेनिंग देने के अलावा उनका वैक्सीनेशन किया जाना है। वैक्सीनेशन सभी आजमीन-ए-हज का किया जाना है चाहे वो हुकूमती सतह पर सफर पर जा रहे हों या निजी टूर ऑपरेटर्स के जरिए। इसके लिए हज कमेटी ने निजी टूर आपरेटेर्स से आजमीन-ए-हज की जानकारी तलब की है। 
    राज्य हज कमेटी के सीईओ डॉक्टर एसए फारुकी ने सभी प्राइवेट हज टूर्स ऑपरेटर से 8 मई तक आजमीन-ए-हज की फेहरिस्त जमा करने कहा है। जनाब फारुखी ने बताया कि बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, मुंबई और नागपुर एंबारकेशन प्वायंट से रवाना होने वाले जायरीन की फ्लाइट की तारीख का खुलासा हो गया। तारीख की जानकारी सामने आने के साथ ही सीईओ जनाब फारुखी ने आजमीन-ए-हज से तैयारी मुकम्मत कर लेने की गुजारिश की है।

नई तहरीक : उर्दू अदब और इस्लामी तारीख का पहला और वाहिद न्यूज पोर्टल… 

पहली फ्लाईट 9 को भरेगी उड़ान 

सीईओ जनाब फारुखी के मुताबिक आजमीन-ए-हज की पहली फ्लाइट 9 से 25 मई के बीच उड़ान भरेगी। इसमें बेंगलुरु और चेन्नई के आजमीन-ए-हज सवार होंगे। इनकी वापसी 22 जून से 8 जुलाई के बीच होगी। इसी तरह दिल्ली से जाने वाले आजमीन-ए-हज की रवानगी 9 से 25 मई तक और वापसी 22 जून से 9 जुलाई के बीच होगी। हैदराबाद के आजमीन-ए-हज 9 से 25 मई के बीच उड़ान भरेंगे जबकि उनकी वापसी 21 जून से 8 जुलाई के बीच होगी। जयपुर से जाने वाले आजमीन-ए-हज की रवानगी 21 से 27 मई और वापसी 4 से 11 जुलाई के बीच होगी। लखनऊ से 9 से 24 मई के बीच रवानगी होगी और वापसी 22 जून से 9 जुलाई के बीच होगी। मुंबई के आजमीन-ए-हज 26 मई से 9 जून के बीच रवाना होंगे जबकि 1 जुलाई से 21 जुलाई के बीच उनकी वापसी होगी। इसी तरह छत्तीसगढ़ के आजमीन-ए-हज 28 से 31 मई के बीच उड़ान भरेंगे जिनकी वापसी 6 से 9 जुलाई के बीच होगी। 

परमिट के बगैर हज अदा न करें मुकामी जायरीन : आला उलमा कमेटी 

👉 हज-2024 : गुजिश्ता साल की बनिस्बत 64 दरख्वास्त कम, मुल्क से कुल 1 लाख 73 हजार 775 दरख्वास्तें मिली
👉 सऊदी अरब आने वाले ज़ाइरीन को मक्का-मदीना में निकाह की सहूलत, मास्क की पाबंदी करने की हिदायत
👉 साल 2023 में रिकार्ड तोड़ तादाद में लोगों ने अदा किया उमरह, ट्रक ड्राईवर की लापरवाही से पूरा खानदान शहीद
👉 20 लीटर आब-ए-जमजम में 549 मिली लीटर ताइफ का अर्क मिलाकर किया खाना-ए-काबा का गुसल  
👉 उमरा वीजे में शामिल होती है इंश्योरेंस की रकम

हज परमिट का हुसूल लाज़िमी और शरई तक़ाज़ा है  

रियाद : आईएनएस, इंडिया 

सऊदी अरब की आला उलमा कमेटी का कहना है कि आज़मीन (हज यात्रियों) के लिए हज परमिट का हुसूल लाज़िमी और शरई तक़ाज़ा है। सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ हज परमिट के हवाले से वज़ारत-ए-दाख़िला, वज़ारत हज-ओ-उमरा और हरमैन शरीफ़ैन अथार्टी की जानिब से उलमा कमेटी को मौसूल होने वाली सिफ़ारिशात की रोशनी में जारी बयान में मज़ीद कहा गया कि परमिट का मक़सद इज़ाफ़ी इज़दहाम (अतिरिक्त भीड़) को कंट्रोल करना और ज़ाइरीन-ओ-आज़मीन को राहत-ओ-आराम पहुंचाना है। 
    बयान में कहा गया कि हज परमिट की पाबंदी करने का मक़सद इंतिज़ामात को बेहतर तौर पर अंजाम देना है जो इज़ाफ़ी लोगों की वजह से मुम्किन नहीं हो सकता। हज इंतिज़ामीया की जानिब से तमाम उमूर को मददे नज़र रखते हुए इंतिज़ामात किए जाते हैं जिनमें आज़मीन-ए-हज्ज की तादाद और उनके क़ियाम-ओ-तआम (रहने और खाने) का इंतिज़ाम करने के अलावा उनकी नक़ल-ओ-हरकत को मुनज़्ज़म अंदाज़ में मुकम्मल करना है। 
    आला उलमा कमेटी ने बयान में कहा कि रास्तों पर डेरा डालने से दीगर लोगों को शदीद मुश्किलात का सामना करना पड़ता है जिससे ख़तरनाक सूरत-ए-हाल भी पैदा हो सकती है। बयान में मज़ीद कहा गया कि हज परमिट का हुसूल दरअसल अर्बाब हुकूमत की इताअत है जो लाज़िमी है। परमिट के बग़ैर गै़रक़ानूनी तौर पर हज के लिए जाने वालों की वजह से उन आज़मीन को ख़तरात लाहक़ होते हैं, जो बाक़ायदा परमिट हासिल करते हैं और बैरून-ए-मुल्क से फ़रीज़ा हज अदा करने के लिए आते हैं। उसूली तौर पर परमिट के बग़ैर हज करने वाले दरअसल दूसरों के लिए भी ख़तरे का बाइस होते हैं जो किसी तरह भी जायज़ नहीं। उलमा कमेटी ने ज़ोर दिया कि किसी भी सूरत में परमिट के बग़ैर हज के लिए ना जाया जाए क्योंकि ऐसा करने वाला गुनाह का मुर्तक़िब क़रार पाएगा। उसका ये अमल अर्बाब हुकूमत के अवामिर की भी ख़िलाफ़वरज़ी होगी जो किसी सूरत में जायज़ नहीं।

सऊदी वज़ारत हज ने आज़मीन के लिए नसक़ कार्ड मुतआर्रुफ़ कराया

रियाद :  सऊदी वज़ारत हज-ओ-उमरा ने नसक़ कार्ड मुतआर्रुफ़ कराया है। दौरान हज आज़मीन के लिए ये कार्ड रखना ज़रूरी होगा। अख़बार 24 के मुताबिक़ बैरून ममलकत (बाहरी मुल्कों) से आने वाले आज़मीन को ये कार्ड हज के मुताल्लिक मैसेजेस फ़राहम करेंगे। 
    दाख़िली आज़मीन को कार्ड फ़राहम करने की ज़िम्मेदारी हज ख़िदमात फ़राहम करने वाले इदारों की होगी। वज़ीर हज-ओ-उमरा ने नसक़ कार्ड का पहला एडीशन इंडोनेशी हज मिशन के हवाले किया। दीगर हज मिशन्ज़ को भी उनके आज़मीन के कार्डज हज वीज़े स्टंप होने के साथ जारी किए जाएंगे। वज़ारत हज का कहना है कि 'नसक़ कार्ड में आज़िम हज की तमाम तफ़सीलात दर्ज होंगी जबकि उसकी कापी 'नसक़ और' तवक्कुलना पोर्टल पर भी अपलोड की जाएगी।
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