शतरंज के विकास के लिए एआईसीएफ ने निर्धारित किया 65 करोड़ का बजट

मिशन घर-घर शतरंज, हर घर शतरंज

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✅ नई तहरीक : दुर्ग

भारत में शतरंज की स्थिति को ऊंचा उठाने के लिए अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के अध्यक्ष नितिन नारंग द्वारा 65 करोड़ रुपए के व्यापक बजट का अनावरण एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह महत्वाकांक्षी वित्तीय योजना भारतीय शतरंज पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो पेशेवर और जमीनी स्तर के खिलाड़ियों को पर्याप्त सहायता प्रदान करती है। यह घोषणा एक विस्तृत बैठक के बाद की गई। इस दौरान देशभर में शतरंज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनेक अन्य प्रमुख पहलओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
लक्ष्य : देश न सिर्फ शतरंज खेले बल्कि इसमें उत्कृष्ठता भी करे हासिल

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    एआईसीएफ के नए अध्यक्ष श्री नारंग ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा मिशन घर-घर शतरंज, हर घर शतरंज के आदर्श वाक्य के साथ शतरंज को हर घर तक पहुंचाना है। तीन वर्षों में राज्य संघों को 15 लाख रुपए तक का समर्थन देने और एआईसीएफ प्रो के तहत आयु समूहों में 2 करोड़ रुपए के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अनुबंध शुरू करने की योजना के साथ, नारंग का दृष्टिकोण स्पष्ट है। श्री नारंग का लक्ष्य ह्यभारत न केवल शतरंज खेले बल्कि विश्व स्तर पर इसमें उत्कृष्टता प्राप्त करे और भारत को ग्रैंडमास्टर्स के देश के रूप में उभारना है। उन्होंने कहा कि यह व्यापक बजट और पहलुओं की श्रृंखला उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि शतरंज न केवल व्यापक रूप से खेला जाए बल्कि पूरे भारत में मनाया भी जाए। छत्तीसगढ़ राज्य के राघवेंद्र सिंघानिया उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय शतरंज महासंघ, एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ ने कहा कि इस बजट से देश के विभिन्न राज्यों के शतरंज खिलाड़ियों को एक नई गति मिलेगी।
    घोषित प्रमुख पहलुओं में एआईसीएफ प्रो और एआईसीएफ लोकप्रिय कार्यक्रमों का शुभारंभ शामिल है। जिसका उद्देश्य शतरंज को दूर-दूर तक फैलाना और यह सुनिश्चित करना है कि यह देश के हर कोने तक यह पहुंचे। इसके अतिरिक्त, एक शतरंज विकास कोष और विशिष्ट प्रशिक्षण के लिए एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय शतरंज अखाड़ा (एनसीए) प्रस्तावित किया गया था। महासंघ द्वारा जिला और राज्य संघों के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ विभिन्न स्तरों पर खिलाड़ी अनुबंध और कोचिंग शुरू करने की भी योजना बनाई जा रही है। 

' वन नेशन, वन रजिष्ट्रेशन ' आन लाईन प्लेटफार्म 

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    एआईसीएफ ने भारत में शतरंज की भागीदारी और प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए कई नवीन रणनीतियों की रूपरेखा भी तैयार की है। ऐसी ही एक पहल है "वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन", एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जो बिना किसी लागत के राज्य संघों के लिए अद्वितीय लॉगिन क्रेडेंशियल के साथ निर्बाध खिलाड़ी पंजीकरण की सुविधा प्रदान करता है। इस कदम से भागीदारी दर में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। वित्तीय प्रोत्साहन भी महासंघ की रणनीति का एक हिस्सा है। अंडर-7 से अंडर-19 आयु वर्ग के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को दो साल के अनुबंध की पेशकश की जाएगी, जिसमें संबंधित श्रेणियों के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से धनराशि वितरित की जाएगी। इसके अलावा, शीर्ष 20 फिडे रेटेड भारतीय शतरंज खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, शीर्ष पांच पुरुष और महिला खिलाड़ियों में से प्रत्येक को 25,00,000 रुपए मिलेंगे। इसी तरह 6 वें से 10 वें स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों को 12,50,000 रुपए दिए जाएंगे।

महिला खिलाड़ियों की भागीदारी होगी सुनिश्चित

    इस वित्तीय उत्थान में राज्य संघ भी पीछे नहीं रहेंगे। एआईसीएफ ने इन संघों को तीन वर्षों में पर्याप्त फंडिंग के साथ समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अतिरिक्त, शतरंज में महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के उद्देश्य के तहत स्मार्ट गर्ल कार्यक्रम के विस्तार और कई प्रमुख क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के माध्यम से समावेशिता को बढ़ाया गया है।
    शतरंज सामग्री निर्माण और सामाजिक पहल का समर्थन करते हुए महासंघ यू-ट्यूबर्स, इन्फ्लुएंसर्स और स्ट्रीमर्स के साथ सहयोग कर शतरंज सामग्री निर्माण को बढ़ाने के लिए भी महासंघ उत्सुक है। इस प्रयास में शतरंज सामग्री निर्माण के आसपास एक संपन्न समुदाय को बढ़ावा देने के लिए नए रचनाकारों के लिए परामर्श कार्यक्रम शामिल किया गया है। इन पहलुओं के अलावा, एआईसीएफ ने रणनीतिक कार्यशालाओं और चर्चाओं के माध्यम से शतरंज को आगे बढ़ाते हुए असाधारण कोचों और खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए एक राष्ट्रीय शतरंज पुरस्कार और विकास सम्मेलन की मेजबानी करने की योजना बनाई है। कार्पोरेट शतरंज लीग की शुरूआत एक और अभिनव कदम है, जो कॉरपोरेट्स को सदस्य बनकर एआईसीएफ-रेटेड टूर्नामेंट की मेजबानी करने की अनुमति देता है। इसके अलावा श्री नारंग ने भविष्य की योजनाएँ और कई चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिसमें स्कूली पाठ्यक्रम में शतरंज को एकीकृत करना और जमीनी स्तर की अकादमियों को मजबूत करना शामिल है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खिलाड़ी इन पहलओं के केंद्र में हैं, यह स्वीकार करते हुए कि धन और अवसरों की कमी के कारण कई लोगों को समझौता करना पड़ा है।
    बैठक में एआईसीएफ के नए अध्यक्ष नितिन नारंग के अलावा राघवेंद्र सिंघानिया उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ एवं विनोद राठी, महासचिव, छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ सहित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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