दिल्ली से 4046 दरख़ास्त जमा : कौसर जहां
✒ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
सफ़र हज के लिए ऑनलाइन फ़ार्म जमा कराने की तारीख़ 15 जनवरी को ख़त्म हो गई है। दिल्ली स्टेट हज कमेटी की चेयरपर्सन कौसर जहां के मुताबिक़ इस साल दिल्ली रियासत हज कमेटी को मौसूल (प्राप्त) होने वाली हज दरख़ास्तों की तादाद 4046 है, जिनमें आम लोगों की तादाद 3922 है जबकि 70 साल या इससे ज़्यादा उम्र के 78 और बग़ैर महरम के हज के लिए दरख़ास्त देने वाली ख़वातीन की तादाद 46 है। वाजेह रहे कि गुजिश्ता साल दिल्ली में हज दरख़ास्त की तादाद 4110 थी।इस तरह गुजिश्ता साल के मुक़ाबले इस साल 64 दरख़ास्तें कम मौसूल हुई हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली एंबारकेशन प्वाईंट और दीगर रियास्तों से भी हज के लिए रवाना होने वाले तक़रीबन 22000 आज़मीन-ए-हज को हर तरह की सहूलयात फ़राहम करने के लिए दिल्ली हज कमेटी की जानिब से इंतिज़ामात शुरू कर दिए गए हैं। मुहतरमा कौसर जहां ने बताया कि हज कमेटी आफ़ इंडिया के जारी करदा आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ इस साल कुल 1,73,775 हज दरख़ास्तें मौसूल हुई है। दिल्ली हज कमेटी की चेयरपर्सन ने बताया कि गुजिश्ता बरसों में हकूमत-ए-हिन्द की वज़ारत अक़ल्लीयती उमूर की तरफ़ से आज़मीन-ए-हज्ज को मुख़्तलिफ़ किस्म की सहूलयात फ़राहम करने के लिए दूसरी रियास्तों से हज के लिए जाने वाले ख़ाहिशमंद आज़मीन को एम्बारकेशन प्वाईंट के अलावा किसी भी सफ़री मुक़ाम पर सवार होने की इजाज़त दी गई थी। उनकी सहूलत और ख़ाहिश के मुताबिक़ उनकी रियासत के एम्बारकेशन प्वाईंट से निकलने की सहूलत फ़राहम की गई है जिसके तहत दिल्ली से हज परवाज़ें हासिल करने वाले हाजियों की तादाद में हर साल मुसलसल इज़ाफ़ा हो रहा है और दिल्ली स्टेट हज कमेटी इन तमाम आज़मीन-ए-हज्ज को सहूलयात और ख़िदमात फ़राहम करने के लिए पाबंद अह्द है।