जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
उस शख्स लिए जन्नत की बशारत है जिसने अपनी जबान पर काबू पा लिया और अपनी गलतियों पर अश्क बहाता हो।
- बुखारी शरीफ
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
हज के दौरान होने वाली अम्वात की तादाद 1301 हो गई है उनमें से 83 फ़ीसद अम्वात बग़ैर परमिट वाले हाजियों की है। ये वो लोग थे जिन्हें हज करने की इजाज़त नहीं थी। दहकते सूरज के नीचे ये लोग बग़ैर किसी पनाह-गाह या आरामगाह के थे और उनमें मुअम्मर और बीमार अफ़राद भी शामिल थे।
सऊदी वज़ीर-ए-सेहत फ़हद ने कहा कि वज़ारत ने अम्वात होने पर मरने वालों के अहिल-ए-ख़ाना से राबते किए और बातचीत की। मुतवफ़्फ़ी की कोई मालूमात या शिनाख़ती कार्ड ना होने सूरत में उनकी मक्का में तदफ़ीन के लिए ज़रूरी तरीका-ए-कार इख़तियार किया गया। जांबाहक़ होने वालों के डेथ सर्टीफ़िकेट जारी किए गए हैं। उन्होंने वाजेह किया कि सेहत के निज़ाम और हज सिक्योरिटी फ़ोर्सिज़ की मुशतर्का कोशिशों से इस साल हज सीज़न में सेहत के निज़ाम की कोशिशें कामयाब हुईं क्योंकि कोई वबाई बीमारी या वसीअ पैमाने पर रिकार्ड नहीं हुईं।
सैंकड़ों अम्वात की वजह सऊदी हुकूमत की नाकामी नहीं : ओहदादार
एक सीनीयर सऊदी अहलकार ने जुमे के रोज़ एएफ़पी से बात करते हुए मुल्क के हज के इंतिज़ामात का दिफ़ा (बचाव) किया। अहलकार का ये रद्द-ए-अमल उस वक्त सामने आया है, जब मुख़्तलिफ़ ममालिक में 1,100 से ज़्यादा आज़मीन-ए-हज्ज की अम्वात की इत्तिला दी गई, जिनमें से बेशतर की वजह शदीद गर्मी थी।
एएफ़पी के एक आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़, जो सरकारी बयानात और रद्द-ए-अमल में शामिल सिफ़ारत कारों की रिपोर्टों से मुरत्तिब किए गए हैं, अम्वात की तादाद 1,126 बताई गई है, जिनमें से नसफ़ (आधी) से ज़्यादा अफ़राद का ताल्लुक़ मिस्र से है। सीनीयर सऊदी ओहदेदार ने कहा कि सऊदी हुकूमत ने हज के दो मसरूफ़ तरीन दिनों में 577 अम्वात की तसदीक़ की है। ये मौतें भी तब हुई, जब हुज्जाज किराम मैदान अर्फ़ात पर जमा हुए, और जब उन्होंने मीना में शैतान को कंकर मारने में हिस्सा लिया। ये हज मुश्किल मौसमी हालात और इंतिहाई सख़्त दर्जा हरारत के दरमयान अमल में आया।
उन्होंने तस्लीम किया कि 577 की तादाद हतमी (आखिरी) नहीं है और हज के तमाम दिनों का अहाता नहीं करती। सऊदी हुक्काम ने उसी बीच कहा था कि इस साल 1.8 मिलियन आज़मीन ने शिरकत की, जो पिछले साल के बराबर है, और ये कि 1.6 मिलियन बैरून-ए-मुल्क से आए थे। हज के लिए कोटे की बिना पर इजाज़त नामे ममालिक को दिए जाते हैं और क़ुरआ अंदाज़ी के ज़रीये अफ़राद में तक़सीम किए जाते हैं। भारी अख़राजात की वजह से बहुत से आज़मीन बग़ैर इजाज़त के हज की कोशिश करने पर मजबूर हो जाते हैं, हालाँकि अगर सऊदी सिक्योरिटी फ़ोर्सिज़ के हाथों पकड़े गए तो उन्हें गिरफ़्तारी और मुल्क बदरी का ख़तरा है।
एएफ़पी के मुताबिक़ इस साल के हज से कब्ल, सऊदी हुक्काम ने कहा था कि उन्होंने मक्का से आने वाले 300,000 से ज़ाइद आज़मीन को क्लीयर किया है जिनके पास हज परमिट नहीं थे। लेकिन बाद में , सीनीयर सऊदी अहलकार ने जुमा को कहा कि ऊपर से एक हुक्म आया कि हम मुक़द्दस मुक़ामात के दरवाज़ों पर पहुंचने वाले लोगों को शिरकत की इजाज़त देते हैं। ओहदेदार ने कहा कि हम ग़ैर रजिस्टर्ड हाजियों की तादाद का अंदाज़ा लगभग 400,000 बता सकते हैं।
हज कोटा की ख़िलाफ़वरज़ी, अरदन ने 10 अफ़राद को सफ़र से रोक दिया
ये भी पढ़ें : 👇
दुबई : अरदन ने हज से मुताल्लिक़ सरकारी ज़वाबत (कानून) की ख़िलाफ़वरज़ी पर 10 अफ़राद को बैरून-ए-मुल्क सफ़र से रोक दिया जबकि 28 पर इन्सानी स्मगलिंग और मुल्क के सरकारी कोटे से हट कर लोगों को हज के लिए भिजवाने का इल्ज़ाम आइद किया गया है।
अरब न्यूज़ के मुताबिक़ अरदन की सरकारी न्यूज़ एजेंसी पेट्रा का कहना है कि पब्लिक प्रासीक्यूशन ने ये ऐलान उन तहक़ीक़ात के बाद किया है जो सरकारी कोटे से हट कर अरदन के लोगों को हज 2024 के लिए भिजवाने पर शुरू की गई थीं जिसके नतीजे में 99 अफ़राद की मौत हुई। रिपोर्ट के मुताबिक़ ये अरदन की वज़ारत-ए-ख़ारजा उमूर की जानिब से जारी किए गए नए आदाद-ओ-शुमार हैं। न्यूज़ एजेंसी का ये भी कहना है कि तहक़ीक़ात के नतीजे में मंगल को 28 मुद्दा अलीहान को इन्सानी स्मगलिंग और धोकादही का मुल्ज़िम भी ठहराया गया।
रिपोर्ट में ये बताया गया है कि प्रासीक्यूशन ने 19 अफ़राद को गिरफ़्तार करने का भी फ़ैसला किया है जिनमें ख़वातीन भी शामिल हैं जबकि केस की तहक़ीक़ात के दौरान 10 अफ़राद को सफ़र से रोकने का फ़ैसला भी किया गया है। सऊदी अरब की वज़ारत-ए-दाख़िला के तर्जुमान कर्नल तलाल अलशलहोब ने कहा था कि बाअज़ ममालिक की सयाहती (टूरिस्ट) कंपनियों ने लोगों को मुख़्तलिफ़ नौईयत (प्रकृति) के विजिट वीज़े जारी कर धोका दिया जो हज के लिए नहीं थे। उन्हें हज से दो माह क़बल मक्का में क़ियाम किराया और कायदे की ख़िलाफ़वरज़ी करने की तरग़ीब दी। तर्जुमान के मुताबिक़ 'हज के अय्याम में मरने वालों की मजमूई तादाद 1301 थी जिनमें 1079 वो थे जो हज परमिट के बग़ैर मुशाविर मुक़द्दसा पहुंचे थे और वो मरने वालों की तादाद का 83 फ़ीसद हैं।
For the latest updates of Islam 👇
क्लिक to join our Whatsappchannel