जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
बेवाओं और मिस्कीनों के काम आने वाला अल्लाह की राह में जेहाद करने वाले के बराबर है, या रातभर इबादात और दिन में रोज़ा रखने वाले के बराबर है।
- बुख़ारी शरीफ
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी वज़ीर हज-ओ-उमरा डाक्टर तौफ़ीक़ अल रबीअह ने कहा कि हज 2024 में हुज्जाज कराम की तादाद 18 लाख 33 हज़ार 164 तक पहुंच गई। सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ सनीचर को प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने मक्का से मीना और अर्फ़ात तक हज के मराहिल की कामयाबी का भी ऐलान किया।
सऊदी जनरल अथार्टी बराए शुमारियात के आदाद-ओ-शुमार (आंकड़ों) के मुताबिक़ 'हुज्जाज का ताल्लुक़ दुनिया के 200 से ज़्यादा मुल्कों से है। एशियाई मुल्कों से आने वाले हुज्जाज की तादाद 63.3 फ़ीसद, अरब ममालिक से 23.3 फ़ीसद, अफ़्रीक़ा से 11.3 फ़ीसद जबकि अमरीका और आस्ट्रेलिया से 3.2 फ़ीसद रही। दाख़िली हुज्जाज की तादाद दो लाख 21 हज़ार 854 जबकि बैरून ममलकत से आने वाले आज़मीन की तादाद 16 लाख 11 हज़ार 310 रिकार्ड की गई है। हुज्जाज में 9 लाख 58 हज़ार 137 मर्द और 8 लाख 75 हज़ार 25 ख़वातीन हैं। 15 लाख 46 हज़ार 345 हुज्जाज फ़िज़ाई, 60 हज़ार 251 बहरी जबकि 4 हज़ार 714 बहरी रास्ते से सऊदी अरब पहुंचे। मक्का रूट के ज़रीये ममलकत आने वाले हुज्जाज की तादाद 3 लाख 22 हज़ार 901 रही।
सऊदी जनरल अथार्टी बराए शुमारियात के आदाद-ओ-शुमार (आंकड़ों) के मुताबिक़ 'हुज्जाज का ताल्लुक़ दुनिया के 200 से ज़्यादा मुल्कों से है। एशियाई मुल्कों से आने वाले हुज्जाज की तादाद 63.3 फ़ीसद, अरब ममालिक से 23.3 फ़ीसद, अफ़्रीक़ा से 11.3 फ़ीसद जबकि अमरीका और आस्ट्रेलिया से 3.2 फ़ीसद रही। दाख़िली हुज्जाज की तादाद दो लाख 21 हज़ार 854 जबकि बैरून ममलकत से आने वाले आज़मीन की तादाद 16 लाख 11 हज़ार 310 रिकार्ड की गई है। हुज्जाज में 9 लाख 58 हज़ार 137 मर्द और 8 लाख 75 हज़ार 25 ख़वातीन हैं। 15 लाख 46 हज़ार 345 हुज्जाज फ़िज़ाई, 60 हज़ार 251 बहरी जबकि 4 हज़ार 714 बहरी रास्ते से सऊदी अरब पहुंचे। मक्का रूट के ज़रीये ममलकत आने वाले हुज्जाज की तादाद 3 लाख 22 हज़ार 901 रही।
मक्का मुकर्रमा के डिप्टी गवर्नर और मर्कज़ी हज कमीशन के वाइस चेयरमैन शहज़ादा सऊद बिन मशाल से ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन के मुशीर और गवर्नर मक्का शहज़ादा ख़ालिद अल फ़ैसल ने फ़ोन पर हज के उमूर पर तबादला-ए-ख़्याल किया। उन्होंने मनासिक हज की पुरअमन माहौल में अदाई और हुज्जाज किराम को फ़राहम करदा मन्सूबों और सरगर्मियों की कामयाबी पर इत्मीनान का इज़हार किया।
शहज़ादा ख़ालिद अल-फ़ैसल ने जईफुर्रहमान को तमाम ख़िदमात की फ़राहमी यक़ीनी बनाने, ममलकत की क़ियादत की तरफ़ से जारी हिदायात पर अमल दरआमद और उनकी हिफ़ाज़त व सलामती पर ज़ोर दिया ताकि हुज्जाज किराम फ़रीज़ा हज के तमाम मनासिक मुकम्मल कर सकें। मक्का मुकर्रमा रीजन के गवर्नर ने हुज्जाज की ख़िदमत में काम करने वाले तमाम अफ़राद और इदारों को मुबारकबाद पेश की और उनकी कारकर्दगी को सराहा। इस मौके़ पर डिप्टी गवर्नर शहज़ादा सऊद बिन मशाल ने आज़मीन की ख़िदमत के लिए की जाने वाली कोशिशों के बारे में गवर्नर को ब्रीफिंग दी। उन्होंने मीना और अर्फ़ात में हुज्जाज को बेहतरीन सहूलयात की फ़राहमी के लिए क़ियादत का शुक्रिया अदा किया।
हस्पतालों में जेरे इलाज 366 आज़मीन-ए-हज्ज को अर्फ़ात पहुंचाने किया गया खुसूसी इंतेजाम
सऊदी सेहत के निज़ाम ने मक्का मुकर्रमा के हस्पतालों और मीना, जददा और ताइफ के हस्पतालों में ज़ेरे इलाज 366 बीमार आज़मीन-ए-हज्ज को 9 जिल हज्ज को यानी यौम अर्फ़ा को खुसूसी इंतेजाम से अर्फ़ात पहुंचाया। वक़ूफ़ अर्फ़ा हज का रुक्ने आज़म है और अर्फ़ात में क़ियाम किए बग़ैर हज ना-मुकम्मल होता है।याद रहे, गुजिश्ता बरस 1444 हिज्री में हज के मौसम में 397 हाजियों को इसी तरह अर्फ़ात पहुंचाया गया था। वज़ारत-ए-सेहत के मुताबिक़ हुज्जाज किराम को पाँच क़ाफ़िलों के ग्रुपों में तक़सीम किया गया और आज़मीन को तिब्बी सहूलयात से आरास्ता 55 बसों, एम्बूलेंस और 40 सर्विस और स्पोर्ट व्हीकल के ज़रीये अर्फ़ात मुंतक़िल किया गया। इस दौरान इन सबकी सिक्योरिटी को भी यक़ीनी बनाया गया।