मीना में हिंदूस्तानी वालिंटियर्स ने की हाजियों की रहनुमाई

जिल हज्ज-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

बेवाओं और मिस्कीनों के काम आने वाला अल्लाह की राह में जेहाद करने वाले के बराबर है, या रातभर इबादात और दिन में रोज़ा रखने वाले के बराबर है।

-  बुख़ारी शरीफ

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मीना में हिंदूस्तानी वालिंटियर्स ने की हाजियों की रहनुमाई

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

हज 2024 में जहां सऊदी सिक्योरिटी इदारे और स्काउट्स हुज्जाज की ख़िदमत में मसरूफ़ रहे वहां ग़ैरमुल्की कम्यूनिटी के रज़ाकार भी जईफुर्रहमान की ख़िदमत के लिए मुशाविर मुक़द्दसा में मौजूद थे। इंडियन कल्चरल सेंटर और रिसाला स्टडी सर्किल (आरएससी) के सैकड़ों कारकुन सिर्फ़ रब तआला की रज़ा के हुसूल और उसके मेहमानों की ख़िदमत के लिए ख़ुद को बे-आराम करने पर फ़ौक़ियत दी। 
    तंज़ीम के मुशतर्का कोआर्डीनेटर सादिक़ चाल्या ने बताया कि रवां साल हमारे 400 के क़रीब रज़ाकार हुज्जाज की ख़िदमत के लिए मुशाविर मुक़द्दसा में मौजूद हैं। तीन हज़ार से ज़ाइद ने ख़ुद को रजिस्टर कराया था, मगर मुक़ामी क़वानीन के मुताबिक़ हम इतनी बड़ी तादाद के लिए क़ानूनी उमूर का बंद-ओ-बस्त ना कर सके। सादिक़ चाल्या का मज़ीद कहना था कि हज सीज़न के आग़ाज़ से हमारे दीगर रज़ाकार, जिनकी तादाद 3 हज़ार से ज़ाइद है, मदीना मुनव्वरा और जददा हज टर्मीनल पर ख़िदमत में मसरूफ़ हैं। रज़ाकाराना ख़िदमात के हवाले से सादिक़ का कहना था कि ह्यहुज्जाज का आराम हमारा हदफ़ह्ण के स्लोगन के तहत हम हज सीज़न में आज़मीन-ए-हज्ज की ख़िदमत कर रहे हैं। 
मीना में हिंदूस्तानी वालिंटियर्स ने की हाजियों की रहनुमाई

    उन्होंने आगे कहा कि जहां तक फ़राहम की जाने वाली ख़िदमात का ताल्लुक़ है, रज़ाकार मीना में इन हुज्जाज की रहनुमाई करते हैं जो जुमरात से वापिस आते वक़्त अपने खे़मे का रास्ता भूल जाते हैं। एक जैसे ख़ेमों की वजह से बेशतर हुज्जाज को रास्ता तलाश करने में दुशवारी का सामना करना पड़ता है। हमारे रज़ाकारों के पास मीना की ख़ेमा बस्ती का मुकम्मल और तफ़सीली नक़्शा होता है। अलावा इसके स्मार्ट एप्लीकेशन के ज़रीये भी वो मतलूबा खे़मे की लोकेशन मालूम कर के हुज्जाज की रहनुमाई करते हैं। हुज्जाज की रहनुमाई के अलावा ऐसे मुअम्मर और बीमार हुज्जाज भी होते हैं, जिनके खे़मे जुमरात से काफ़ी फ़ासले पर होते हैं, उन्हें हमारे वालिंटियर व्हील चेयर पर बैठा कर ख़ेमों तक पहुंचा देते हैं। ऐसे हुज्जाज जिनके पास अपनी रिहायश का कोई सबूत नहीं होता, उन्हें मख़सूस गुमशुदा सेंटर पहुंचाया जाता है ताकि वहां से उनकी रिहायश तलाश की जा सके। 
    रज़ाकारों के पास फ्रस्ट एड भी होता है ताकि किसी भी हंगामी सूरत-ए-हाल में फ़ौरी तौर पर मदद फ़राहम की जा सके। चाल्या का कहना था कि उनकी टीम गुजिश्ता 15 बरस से हुज्जाज की ख़िदमत में मसरूफ़ है। 'हमारा हर कारकुन सिर्फ़ जज़बा ख़िदमत के तहत ये काम करता है।

तवाफ के दौरान जब होने लगी बारिश, हुज्जाज कराम ने मांगी दुआएं

मीना में हिंदूस्तानी वालिंटियर्स ने की हाजियों की रहनुमाई
रियाद :  सऊदी अरब में मस्जिद उल-हराम मक्का मुकर्रमा में अय्याम तशरीक़ के पहले दिन पीर को हुज्जाज बारिश हुई। सेहन-ए-हरम में ईमान अफ़रोज़ मुनाज़िर देखने में आए। हुज्जाज दुआएं मांगते रहे। याद रहे कि मस्जिद उल-हराम के मर्कज़ी इलाक़े में साया में दर्जा हरारत 51.8 डिग्री सेंटीग्रेड, अर्फ़ात में 49 और मीना में 47 डिग्री सेंटीग्रेड रिकार्ड किया गया था। ताहम बारिश के बाद गर्मी का ज़ोर टूटने लगा था। मौसमियात के क़ौमी मर्कज़ के मुताबिक हज के मुक़ामात पर दर्जा हरारत में कमी आ गई थी। 
    हरमैन शरीफ़ैन इंतिज़ामीया ने मस्जिद उल-हराम की ख़िदमत पर मामूर मुतअद्दिद सरकारी इदारों के तआवुन से मस्जिद उल-हराम में बारिश के मसाइल से निमटने के लिए हंगामी स्कीमों पर अमल दरआमद शुरू कर दिया था। बारिश के दौरान मताफ़, नमाज़ के मुक़ामात, दाख़िली रास्तों पर फ़ौरी तौर पर पानी की निकासी और फ़र्श ख़ुशक किए जाने को यक़ीनी बनाया गया। 

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