जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
उस शख्स लिए जन्नत की बशारत है जिसने अपनी जबान पर काबू पा लिया और अपनी गलतियों पर अश्क बहाता हो।
- बुखारी शरीफ
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी महिकमा शुमारियात (सांख्यिकी विभाग) का कहना कि ममलकत में 32 फ़ीसद सऊदी ख़वातीन कुँवारी हैं जबकि ममलकत में मुक़ीम ग़ैर शादीशुदा ग़ैरमुल्की ख़वातीन का तनासुब 18 फ़ीसद है। अलवतन ने सऊदी महिकमा शुमारियात की सर्वे रिपोर्ट शाइआ की है जिसमें बताया गया कि मदीना में बड़ी उम्र की ग़ैर शादीशुदा ख़वातीन का तनासुब (अनुपात) 38 फ़ीसद है जबकि सबसे कम नजरान रीजन में 19 फ़ीसद है।
शादीशुदा सऊदी ख़वातीन का तनासुब 62 फ़ीसद जबकि ग़ैरमुल्की ख़वातीन 79 फ़ीसद हैं। तलाक़ याफताह सऊदी ख़वातीन 6 और ग़ैरमुल्की 3 फ़ीसद हैं, बेवा सऊदी ख़वातीन 2 फ़ीसद जबकि ग़ैरमुल्की एक फ़ीसद हैं। शादी में ताख़ीर के हवाले से ख़ानगी उमूर के माहिर ज़ियाद सलाम का कहना है कहा इसकी मुतअद्दिद (कई) वजूहात हैं जिनमें सबसे बड़ी वजह ये है कि लड़कियां आला तालीम हासिल करने की ख़ाहां होती हैं जिसकी वजह से वो शादी की जानिब तवज्जा नहीं देतीं। दूसरी बड़ी वजह माहिर ख़ानगी उमूर के मुताबिक़ शादी पर होने वाली ख़तीर अख़राजात हैं। महर में इज़ाफ़ा और दीगर रसूम-ओ-रिवाज शामिल हैं।
शादीशुदा सऊदी ख़वातीन का तनासुब 62 फ़ीसद जबकि ग़ैरमुल्की ख़वातीन 79 फ़ीसद हैं। तलाक़ याफताह सऊदी ख़वातीन 6 और ग़ैरमुल्की 3 फ़ीसद हैं, बेवा सऊदी ख़वातीन 2 फ़ीसद जबकि ग़ैरमुल्की एक फ़ीसद हैं। शादी में ताख़ीर के हवाले से ख़ानगी उमूर के माहिर ज़ियाद सलाम का कहना है कहा इसकी मुतअद्दिद (कई) वजूहात हैं जिनमें सबसे बड़ी वजह ये है कि लड़कियां आला तालीम हासिल करने की ख़ाहां होती हैं जिसकी वजह से वो शादी की जानिब तवज्जा नहीं देतीं। दूसरी बड़ी वजह माहिर ख़ानगी उमूर के मुताबिक़ शादी पर होने वाली ख़तीर अख़राजात हैं। महर में इज़ाफ़ा और दीगर रसूम-ओ-रिवाज शामिल हैं।
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अलावा इसके बाअज़ लड़कीयां शादी को अपनी ज़ाती आज़ादी के लिए बंदिश समझती हैं। सर्वे के मुताबिक़ अलबाहा रीजन में बड़ी उम्र की ग़ैर शादीशूदा लड़कीयों का तनासुब 34 फ़ीसद जबकि क़सीम रीजन में 32 और शुमाली हदूद रीजन में 31 फ़ीसद है। तबूक के आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ वहां ग़ैर शादीशुदा लड़कीयों का तनासुब 30 फ़ीसद, अलजोफ़ में 28 ، मक्का मुकर्रमा 27، और मशरिक़ी रीजन में 23 फ़ीसद है। सर्वे में मज़ीद कहा गया 45 से 49 बरस की ग़ैर शादी शूदा ख़वातीन का तनासुब 3 फ़ीसद है, जबकि इसी उम्र की शादीशुदा ख़वातीन का तनासुब 86 फ़ीसद और मुतल्लक़ा ख़वातीन 10 फ़ीसद हैं।
जापान में शरह पैदाइश में रिकार्ड कमी, शादी के लिए डेटिंग एप का इस्तेमाल
टोकीयो : जापान में शरह पैदाइश (जन्म दर) में रिकार्ड कमी के बाद हुकूमत ने शादी करवाने के लिए डेटिंग एप मुतआरिफ़ करवाया है। जापान की शरह पैदाइश में मुसलसल कमी आ रही है। हाल ही में हुकूमत ने बच्चों की पैदाइश में रिकार्ड कमी देखी है।➧ सउदी में खजूर की सालाना पैदावार 1.6 मिलियन टनRead This Also
जापानी वज़ारत-ए-सेहत की जानिब से जारी करदा आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ 123.9 मिलियन आबादी पर मुश्तमिल मुल्क में गुजिश्ता साल सिर्फ 7 लाख 27 हज़ार 277 बच्चों की पैदाइश हुई। माहिरीन के मुताबिक़ आबादी को मुस्तहकम (स्थिर) रखने के लिए किसी भी मुल्क को 2.1 की शरह अफ़्ज़ाइश की ज़रूरत है लेकिन जापान में शरह पैदाइश नसफ़ सदी से 2.1 से काफ़ी नीचे रही है। जापान में आबादी में तेज़ी से कमी की वजह बच्चों की कम पैदाइश और ज़्यादा अम्वात का होना है जिसके सबब आबादी सिकुड़ रही है।
वज़ारत-ए-सेहत के मुताबिक़ गुजिश्ता साल में 1.57 मिलियन अम्वात हुईं जो पैदाइश की शरह से कई गुना ज़्यादा थी। माहिरीन का कहना है कि जापान में अज़दवाजी ताल्लुक़ात में भी कमी देखी गई है, गुजिश्ता साल शादी की तादाद में 30 हज़ार की कमी वाके हुई जबकि तलाक़ की शरह में इज़ाफ़ा हुआ। गिरती हुई शरह पैदाइश के मसले को हल करने के लिए हुकूमत की जानिब से डेटिंग एप मुतआरिफ़ करवाई जा रही है। इसके अलावा हुकूमत बच्चों की देख-भाल की सहूलयात को बढ़ाने, वालदैन को हाऊसिंग सबसिडी की पेशकश और कुछ कस्बों में जोड़ों को बच्चे पैदा करने के लिए अदायगी जैसे इक़दामात शुरू कर रही है।