डेढ़ दर्जन उलमा के कत्ल में शामिल मलेशिया के दो जंगजू गिरफ़्तार

जीकाअदा-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

' जो शख्स ये चाहता है कि उसके रिज्क में इजाफा हो, और उसकी उम्र दराज हो, उसे चाहिए कि रिश्तेदारों के हुस्न सुलूक और एहसान करे। '

- मिश्कवात शरीफ

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✅ कराची : आईएनएस, इंडिया 

पाकिस्तान के शहर कराची में पुलिस ने ईरान से मुंसलिक एक अस्करीयत पसंद ग्रुप के दो जंगजूओं को हिरासत में लिया है जिन पर मुल्क में दहश्तगर्दी की कार्यवाईयों और उलमा के कत्ल में मुलव्वस होने का इल्ज़ाम है। 
    सिंध की सुबाई पुलिस के इन्सिदाद-ए-दहशतगर्दी के महिकमे ने पाकिस्तान में सुबाई दार-उल-हकूमत कराची में ईरान से वाबस्ता ज़ेंबीवन ब्रिगेड मलेशिया से ताल्लुक़ रखने वाले दो मुसल्लह (हथियारबंद) अफ़राद की गिरफ़्तारी की ऐलान किया है। रेडीयो फ़्री यूरोप के पाकिस्तान सेक्शन रेडियो मशाल ने इत्तिला दी है कि सिंध में पुलिस ब्रांच के सरबराह आसिफ़ एजाज़ शेख़ ने जुमेरात 16 मई को कराची में एक प्रेस कान्फ्रेंस में दो मुसल्लह अनासिर की गिरफ़्तारी का ऐलान किया। 
    उन्होंने मज़ीद कहा कि मुद्दा अलीहान को ईरान में तर्बीयत दी गई थी और ईरानी इंटेलीजेंस सर्विसिज़ के अहकामात के तहत उन्होंने कराची में मज़हबी स्कालरज़ और ज़ेंबीवन की मुख़ालिफ़त करने वाले मज़हबी ग्रुप के अराकीन को निशाना बनाया। वासिल आसिफ़ एजाज़ शेख़ ने मुल्ज़िमान की शिनाख़्त बयान करते हुए बताया गिरफ़्तार अनासिर में वक़ार अब्बास और हुसैन अकबर जो पाकिस्तानी सूबे गिलगित बलतसतान के रिहायशी हैं, शामिल हैं। उन पर गुज़शता साल सितंबर से 21 फरवरी तक कराची में 17 उलमा को क़तल और 11 को ज़ख़मी करने का इल्ज़ाम है। 
    रेडीयो मशाल के मुताबिक़ कराची पुलिस चीफ़ राजा उम्र ख़िताब ने कराची में प्रेस कान्फ्रेंस में शिरकत करते हुए कहा कि कराची में इस गिरोह की क़ियादत सय्यद हुसैन मूसवी कर रहे हैं, जिसे ''अलमसलम' का उर्फ़ी नाम दिया जाता है। पाकिस्तानी पुलिस हुक्काम के मुताबिक़ कराची में ईरानी हिमायत याफताह ज़ेंबीवन मुसल्लह ग्रुप के 23 अरकान के नामों की निशानदेही कर ली गई है, जिनकी गिरफ़्तारी के लिए कार्यवाहीयां शुरू कर दी गई हैं। पाकिस्तानी शीयों पर मुश्तमिल ज़ेंबीवन ब्रिगेड और अफ़्ग़ान शीयों पर मुश्तमिल फ़ातमेवन ब्रिगेड इन ग्रुपों में शामिल हैं जिन्हें इलाक़ाई तनाज़आत, खासतौर पर शाम में इस्तिमाल करने के लिए बनाया है। अमरीका ने 2019 से इन दोनों ग्रुपों पर दहश्तगर्दी के इल्ज़ाम में पाबंदिया आइद कर रखी हैं।

बोसनियाई मुस्लमानों का क़त्ल-ए-आम, 11 जुलाई को 'आलमी यौम सरेबरेनेत्सा नसल कुशी' क़रार दिया गया

जिनेवा : बोसनिया हरज़े गोवेना में 1995 मैं सरबियाई फौज के हाथों बोसनियाई मुस्लमानों के क़त्ल-ए-आम पर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ने 11 जुलाई को आलमी यौम सरेबरेनेत्सा (Srebrenica) नसल कुशी क़रार दे दिया । न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असेंबली में 11 जुलाई को आलमी यौम सरेबरेनेत्सा नसल कुशी क़रार देने की क़रारदाद जर्मनी और रवांडा ने अमरीका और दीगर 17 ममालिक के साथ पेश की थी। जनरल असेंबली में क़रारदाद 193 रुकन ममालिक में से 84 ममालिक के वोटों की सादा अक्सरीयत के साथ मंज़ूर हुई। क़रारदाद (प्रस्ताव)  में कहा गया कि 11 जुलाई को सरबरेनेत्सा में 1995 की नसल कुशी का यादगारी दिन हर साल मनाया जाएगा। ग़ैर मुल्की न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ जुलाई 1995 में सरब अफ़्वाज ने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जानिब से महफ़ूज़ इलाक़ा क़रार दिए गए सरबरेनेत्सा पर हमला करके 8 हज़ार से ज़्यादा बोसनियाई मुस्लमानों का क़त्ल-ए-आम किया था।

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