रोजादार का हर अमल इबादत
'' नबी-ए-करीम ﷺ का इरशाद है कि रोजेदार का सोना भी इबादत है, उसकी खामोशी तस्बीह, उसके अमल का सवाब दो गुना है, उसकी दुआ कुबूल की जाती है और उसके गुनाह बख्श दिए जाते हैं। ''
- कंजुल इमान
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✅ लंदन : आईएनएस, इंडिया
स्वीडन की हुकूमत ने क़ुरआन की तौहीन करने वाले इराक़ी पनाह गज़ीन का रिहायशी इजाज़तनामा मंसूख़ (रदद) कर दिया है जिसके बाद उसे नार्वे मुंतक़िल होना पड़ रहा है।
ख़बररसां इदारे एएफ़पी के मुताबिक़ मसीही मज़हब से ताल्लुक़ रखने वाले इराक़ी पनाह गज़ीन सलवान मोमीका ने एक से ज़ाइद बार क़ुरआन की बे-हुरमती की थी जिसके बाद पूरी दुनिया बिल ख़सूस मुस्लिम ममालिक में शदीद रद्द-ए-अमल देखने में आया था। सलवान मोमीका ने एएफ़पी को बताया कि वो नार्वे पहुंच चुके हैं और वहां पनाह के हुसूल का इरादा रखते हैं। उन्होंने एक टेक्स्ट मैसेज में कहा कि 'मैं स्वीडन के सरकारी इदारों की जानिब से ज़्यादतियों के बाद ये मुल़्क छोड़ रहा हूँ। जब क़ुरआन की बे-हुरमती का वाक़िया पेश आया था, उस वक़्त स्वीडन समेत दुनिया के मुख़्तलिफ़ ममालिक में मुज़ाहिरे हुए थे। इस वाकिए के बाद जुलाई 2023 मैं इराक़ी मुज़ाहिरीन ने बग़दाद में स्वीडन के सिफ़ारत ख़ाने के सामने दो मर्तबा एहितजाजी मुज़ाहिरे किए थे। दूसरे एहतिजाज के दौरान एक कंपाउंड को आग भी लगाई गई थी। उस वक़्त स्वीडन की हुकूमत ने क़ुरआन की बे-हुरमती के वाकिए की मुज़म्मत तो की थी, लेकिन इसके साथ उन्होंने मुल्क में आज़ादी इज़हार और आज़ादी इजतिमा से मुताल्लिक़ क़वानीन का हवाला भी दिया था। अगस्त के वस्त में स्वीडन की खुफिया एजेंसी ने इस वाकिए पर रद्द-ए-अमल के तनाज़ुर में दहश्तगर्दी का अलर्ट भी जारी किया था।
ख़बररसां इदारे एएफ़पी के मुताबिक़ मसीही मज़हब से ताल्लुक़ रखने वाले इराक़ी पनाह गज़ीन सलवान मोमीका ने एक से ज़ाइद बार क़ुरआन की बे-हुरमती की थी जिसके बाद पूरी दुनिया बिल ख़सूस मुस्लिम ममालिक में शदीद रद्द-ए-अमल देखने में आया था। सलवान मोमीका ने एएफ़पी को बताया कि वो नार्वे पहुंच चुके हैं और वहां पनाह के हुसूल का इरादा रखते हैं। उन्होंने एक टेक्स्ट मैसेज में कहा कि 'मैं स्वीडन के सरकारी इदारों की जानिब से ज़्यादतियों के बाद ये मुल़्क छोड़ रहा हूँ। जब क़ुरआन की बे-हुरमती का वाक़िया पेश आया था, उस वक़्त स्वीडन समेत दुनिया के मुख़्तलिफ़ ममालिक में मुज़ाहिरे हुए थे। इस वाकिए के बाद जुलाई 2023 मैं इराक़ी मुज़ाहिरीन ने बग़दाद में स्वीडन के सिफ़ारत ख़ाने के सामने दो मर्तबा एहितजाजी मुज़ाहिरे किए थे। दूसरे एहतिजाज के दौरान एक कंपाउंड को आग भी लगाई गई थी। उस वक़्त स्वीडन की हुकूमत ने क़ुरआन की बे-हुरमती के वाकिए की मुज़म्मत तो की थी, लेकिन इसके साथ उन्होंने मुल्क में आज़ादी इज़हार और आज़ादी इजतिमा से मुताल्लिक़ क़वानीन का हवाला भी दिया था। अगस्त के वस्त में स्वीडन की खुफिया एजेंसी ने इस वाकिए पर रद्द-ए-अमल के तनाज़ुर में दहश्तगर्दी का अलर्ट भी जारी किया था।
✒ मैंने पूरा क़ुरआन हर्फ़ ब हर्फ़ पढ़ा, ये आईने की तरफ़ शफ़्फ़ाफ़ है : हालीवुड स्टार विल स्मिथ
अक्तूबर 2023 में स्वीडन की पनाह गज़ीनों से मुताल्लिक़ एजेंसी ने ग़लत मालूमात देने की वजह से सलवान मोमीका का रिहायशी इजाज़तनामा मंसूख़ कर दिया था लेकिन वापिस इराक़ डी-पोर्ट करने में क़ानूनी रुकावटों के सबब उन्हें आरिज़ी तौर पर स्वीडेन में रहने की इजाज़त दी गई थी। एक माह कब्ल इराक़ ने क़ुरआन जलाने के जुर्म में सलवान मोमीका की हवालगी का मुतालिबा किया था। उन्होंने एएफ़पी को बताया कि 'मुझे निकालने के फ़ैसले के बाद स्वीडन मेरे लिए ख़तरनाक मुल्क बन चुका है। मुझे डर है कि वो मुझे इराक़ी हुक्काम के हवाले ना कर दें। सलवान मोमीका ने स्वीडन के आज़ादी इज़हार और इन्सानी हुक़ूक़ के तहफ़्फ़ुज़ को बड़ा झूठ करार दिया है।✒ राजस्थान के टोंक शहर में है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ
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