रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
'' हजरत आएशा रदि अल्लाहो अन्हु से रवायत है कि रसूल अल्लाह ने दो दिन के रोजे से मना फरमाया है, एक ईद उल फितर और दूसरा ईद उल अदहा।''- सही मुस्लिम
'' अब्दुल्लाह इब्ने उमर रदि अल्लाहो अन्हु से रवायत है कि रसूल अल्लाह ईदगाह जाने के लिए एक रास्ते को इख्तियार करते और वापस आते वक्त दूसरे रास्ते को इख्तियार करते थे।''- सुनन अबु दाउद
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✅ लंदन : आईएनएस, इंडिया
हालीवुड स्टार विल स्मिथ ने शाहिद प्लेटफार्म पर बिग टाइम पोडकास्ट प्रोग्राम के ज़रीये सहाफ़ी (पत्रकार) उमरो अदीब को इंटरव्यू देते हुए हैरानकुन इन्किशाफ़ात (खुलासे) किए हैं। विल स्मिथ ने बताया कि उन्होंने रमज़ान के महीने में पूरा क़ुरआन पढ़ा था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं रूहानियत से मुहब्बत करता हूँ। स्मिथ ने कहा कि उनकी ज़िंदगी के पिछले दो साल काफी मुश्किलभरे थे। इस दौरान उन्होंने अपने बातिन (अंतरमन) के बारे में सोचना शुरू किया। उन्होंने निशानदेही की कि उस अर्से में उन्होंने क़ुरान-ए-पाक समेत तमाम मुक़द्दस किताबें पढ़ीं। उन्होंने कहा कि इस साल रमज़ान के महीने में उन्होंने क़ुरआन को मुकम्मल तौर पढ़ा है। उन्होंने मज़ीद कहा कि ये मेरी ज़िंदगी में रूहानियत की तलाश थी। ये मेरी ज़िंदगी का वो दौर था, जब में अपने दिल को ज़्यादा से ज़्यादा वुसअत देना चाहता था ताकि में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों पर मुश्तमिल हो सकूं। विल स्मिथ ने क़ुरआन के मआनी के बारे में भी बात की और बताया कि मूसा (अलैहिस-सलाम) की कहानी ने उन्हें किस तरह मुतास्सिर किया। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने पूरा क़ुरआन पढ़ने से किया दरयाफ़त किया तो हालीवुड स्टार ने इन्किशाफ़ किया कि क़ुरआन में हज़रत-ए-मूसा (अलैहिस-सलाम) का जितनी बार तज़किरा हुआ है, उससे वो हैरान रह गए। ये दिलचस्प बात है। मुझे उनकी कहानी और तजुर्बे ने बहुत मुतास्सिर किया। उन्होंने मज़ीद कहा कि मैं सादगी से मुतास्सिर हुआ। क़ुरआन सादा है और इसमें चीज़ें शीशे की तरह बिलकुल वाज़िह हैं। उसे पढ़ने के बाद कोई ग़लतफ़हमी नहीं रहती।
सहाफ़ी उमरो अदीब ने तबसरा करते हुए कहा कि ऐसे लोग हैं, जो उसे ग़लत समझते हैं, तो उन्होंने कहा कि क़ुरआन को गहराई से पढ़ें तो ग़लत-फ़हमियाँ दूर हो जाती हैं। विल स्मिथ ने तमाम मुक़द्दस आसमानी किताबों के मुताले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सब कुछ तौरात, बाइबल और क़ुरआन तक एक कहानी की तरह लगता है। उनके दरमयान ताल्लुक़ नहीं टूटा। उन्होंने कहा कि इबराहीम अलैहिस-सलाम अंबिया के वालिद हैं। उनकी नसल से इस्माईल और इसहाक़ (अलैहिस्सलाम) आए। वो इस सिलसिला नबुव्वत की पूरी तस्वीर समझ कर बहुत ख़ुश हैं।
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