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दुनिया में कहां है सबसे बड़ी, सबसे छोटी, सबसे पुरानी और सबसे लंबी कुरआन शरीफ

रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

सूद बुरी लानत है 

'' हजरत जाबिर रदि अल्लाहो अन्हु से रवायत है कि जनाब नबी-ए-करीम ने ﷺ लानत फरमाई सूद खाने वाले, यानी सूद लेने वाले और उसके खिलाने वाली यानी देने वाले और लिखने वाले पर और उसके गवाह पर और फरमाया, ये सब बराबर हैं। '' 
- मुस्लिम शरीफ

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✅ नई तहरीक

जयपुर पहुंची दुनिया की सबसे बड़ी कुरान शरीफ

दुनिया में कहां है सबसे बड़ी, सबसे छोटी, सबसे पुरानी और सबसे लंबी  कुरआन शरीफ
    राजस्थान के जिला टोंक में मौजूद खते नस्त्र की दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ को जयपुर में कला एवं संस्क़ृति महकमा की जानिब से मुनाकिद रवींद्र मंच की हीरक जयंती तकरीब में अवाम की नुमाईश के लिए जयपुर लाया गया है। तकरीब 13 मार्च को शुरू हुई है जो 16 मार्च तक जारी रहेगी। 
    इस कुरआन शरीफ के अलावा दुनिया में मुख्तलिफ किस्म की कुरआन शरीफ होने के दावे किए जाते रहे हैं। चलिए आज जानते हैं दुनिया की मुख्तलिफ तरह की कुरआन शरीफ के बारे में।

हजरत अली रदि अल्लाहो अन्हु के हाथ की लिखी कुरआन 

उत्तर प्रदेश में आलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मौलाना आजाद लाइब्रेरी में 14 सौ साल कब्ल इस्लाम के चौथे खलीफा हजरत अली रदि अल्लाहो अन्हु के हाथ् से लिखी कुरआन शरीफ मौजूद है। मौलाना आजाद लाईब्रेरी को एशिया की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी बताया जाता है। वजीरे आजम नेंरद्र मोदी इसकी शान और कलेक्शन की तारीफ कर चुके हें। वजीरे आजम मोदी की पहल पर इसे मिनी इंडिया के एजाज से नवाजा गया है। 

मुगल हुक्मरानों ने हाथ से लिखी कुरआन शरीफ

लाईब्रेरी में एक ऐसी कुरआन शरीफ भी है, जिसे नीलम पत्थर और सोने के पानी से लिखा गया है। इसके अलावा मुगल हुक्मरानों के समय लिखी गई कुरआन शरीफ और औरंगजेब आलमगीर और शाहजहां की साहबजादी जहां आरा के हाथ की लिखी कुरआन शरीफ भी यहां मौजूद है। 

मुगल हुक्मरानों के कई फरमान भी मौजूद हैं यहां

लाईब्रेरी में उर्दू, फारसी, अरबी और संस्कृत जबानों में नायाब मख्तूतात (दुर्लभ पुडुलिपियां) समेत 16 हजार से जाइद नायाब और बेशकीमत मख्तूतात भी मौजूद है। कूफी लिपि में बाबर, अकबर, शाहजहां, शाह आलम और औरंगजेब वगैरह मुगल बादशाहों के कई फरमान यहां मौजूद है। 

अजमेर के हिंदू परिवार के पास है दुनिया की सबसे छोटी कुरआन शरीफ

अजमेर के बालकिशन खंडेलवाल के पास एक ऐसी कुरआन शरीफ है, जिसके बारे में यह दावा किया जाता है कि यह दुनिया की सबसे छोटी कुरआन शरीफ है। इस कुरआन की लंबाई-चौड़ाई 1.8 सेंटीमीटर और वजन तकरीबन 1 ग्रांम 950 मिलीग्राम है। इसे पढ़ने के लिए मैग्नीफाई लैंस की जरूरत पड़ती है। यह कुरआन उन्हें 45 साल पहले उनके वालिद ने अपने इंतेकाल के समय बड़ी इबादत से यह कहते हुए सौंपा था कि यह परिवार में खुशहाली ओर बरकत लाने वाली है। इसे संभाल कर रखेना। 

मन्नान मस्जिद (रीवां) का दावा, सबसे छोटी कुरआन शरीफ यहां है

रीवां शहर की मन्नान मस्जिद में एक बेहद छोटी कुरआन शरीफ मौजूद है। दावा किया जाता है कि यह दुनिया की सबसे छोटी कुरआन शरीफ में से एक है। इसकी लंबाई ढाई सेंटीमीटर और चौड़ाई डेढ़ सेंटीमीटर है। इसमें कुल 258 पेज हैँ। यह हाथों से लिखी हुई है और इसे भी पढ़ने के लिए मैग्नीफई ग्लास की मदद लेनी पड़ती है। यह रीवां के अनवारुल हक के परिवार में सात पीढियों से मौजूद है। रमजान के मौके पर इसे लोगों के दीदार के लिए निकाला जाता है। 

यहां भी है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ

वडोदरा शहर के मांडवी इलाके की तारीखी जामा मस्जिद में ढाई सौ साल से भी ज्यादा पुरानी कुरआन शरीफ को हिफाजत के साथ संभालकर रखा गया है। बताया जाता है कि इराक से आए बुजुर्ग ने इसे अपने हाथों से लिखा है। बुजुर्ग ने जब इसे लिखना शुरु किया था, तब उनकी उम्र 17 साल थी और जब कुरआन मुकम्मल हुआ, तब बुजुर्ग की उम्र 80 साल हो गई थी। बताया जाता है कि कुरआन शरीफ को लिखने के लिए बुजुर्ग ने कागज और स्याही भी अपने साथ लाया था। 

इसी मस्जिद के आहाते में गुजरा है इरफान पठान और यूनुस पठान का बचपन

शाही जामा मस्जिद के शाही मोअज्जन पठान अब्दुल मजीद खान शेर जमान खान का दावा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ है जो हाथ से लिखी गई है। क्रिकेटर इरफान पठान और यूसुफ पठान इसी मस्जिद में पले बढ़े हैं। पहले इस तारीखी कुरआन की देखभाल पठान भाईयों के वालिद महमूद खान करते थे। 

1882 में छपी थी दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ की तीन कापी 

बताया जाता है कि दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ की साल 1882 में तीन कापी छापी गई थी। इनमें से एक ब्रिटिश लाईब्रेरी, लंदन में दूसरी मौलाना आजाद लाइब्रेरी, अलीगढ़ और तीसरी जामिया मिलिया इस्लामिया में है। 

बिहार के गया में है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ

विहार के गया नाबागढ़ी, रामसागर में वाके खानकाह मीनामियां चिश्तिया में 1152 पन्नों की वर्ल्ड की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ है। 140 साल पुरानी इस कुरआन शरीफ को 1973 में हाथों से लिखा गया था। इसे लिखने में सात साल लगे थे। 

कलियर शरीफ में है दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे छोटी कुरआन शरीफ

मुजफ्फर नगर से 70 किलोमीटर की मुसाफत पर वाके कलियर शरीफ में दरगाह से चंद कदमों की दूर पर कुरान महल है, जहां दो हजार किलोग्राम वजनी कुरान शरीफ है। इसके एक पन्ने को पलटने के लिए दो लोगों की जरूरत पड़ती है। ऐसा माना जाता है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ है। यह कुरआन हाजी बसी ने 1992 में पाकिस्तान में अपने हाथों से लिखा था। 
    मुजफ्फर नगर में ही थाना रतनपुरी इलाके के एक गांव के दीनी इदारे में एक कुरआन महज दो इंच चौडी है। बताया जाता है इसे 9 सौ साल पहले हाथों से लिखा गया था। 
हरियाणा के एक हिंदू परिवार के पास भी है दुनिया की नायाब कुरआन शरीफ। ये परिवार इसे चालीस सालों से संभाल कर रखे हुए है। 

इराक में है दुनिया की सबसे लंबी कुरआन शरीफ

इराक में दुनिया की सबसे लंबी कुरआन शरीफ बताई जा रही है। इस कुरआन की लांबाई छह किलोमीटर है। इराक के हुसैन अल खर्सन ने दिनभर धुटने के बल बैठकर कागज के एक रोल पर इसे लिखा है। रोल की लंबाई तकरीबन छह हजार मीटर है। वे 503 पन्नों वाली इस कुरआन के हर रोज तीन पन्ने लिखते थे। कूफा की कैलीग्राफी मशहूर है इस तरह की कला सदियों से इस्तेमाल की जा रही है। 
  • पाकिस्तान के कलाकार बैनुल अकवामी इनाम याफ्ता शाहिद रसम भी ने भी लिखा है अपने हाथों से नायाब कुरआन 
  • दुनिया का सबसे बड़ी कुरआन शरीफ का रिकार्ड रूस के पास है। 
  • एक और कुरआन शरीफ जिसे दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ कहा जाता है, अफगानिस्तान के काबुल में है। 



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