राजस्थान के टोंक शहर में है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ

 रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

हदीसे नबवी 

तकदीर का लिखा टलता नहीं

'' हजरत अबु हुरैरह रदि अल्लाहो अन्हुमा ने फरमाया-अपने नफे की चीज को कोशिश से हासिल कर और अल्लाह ताअला से मदद चाहो, और हिम्मत मत हारो और अगर तुम पर कोई वक्त पड़ जाए तो यूं मत कहो कि अगर मैं यूं करता तो ऐसा हो जाता, ऐसे वक्त में यूं कहो कि अल्लाह ताअला ने यही मुकद्दर फरमाया था और जो उसे मंजूर हुआ, उसने वहीं किया। '' 
- मुस्लिम शरीफ

------------------------------

राजस्थान के टोंक शहर में है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ, The world's largest Quran Sharif is in Tonk city of Rajasthan.

खते नस्त्र में हाथ से लिखा अब तक की दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ
कुल सफहात 32
वजन ढाई सौ किलोग्राम
साईज 10 फुट 5 इंच बाई 7 फुट 6 इंच


राजस्थान के टोंक शहर में है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ, The world's largest Quran Sharif is in Tonk city of Rajasthan.

✅ माजिद अली काविश : जयपुर

दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ राजस्थान के जिला टोंक में होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि कुरआन शरीफ को लेकर अक्सर अवकात मुख्तलिफ दावे किए जाते हैं। कोई अपने पास दुनिया की सबसे छोटी कुरआन शरीफ होने का दावा करता है तो कोई दुनिया की सबसे बड़ी, कोई सबसे कदीम और कोई अपने पास सबसे लंबी कुरआन शरीफ होने का दावा करता है। अब तक दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ अफगानिस्तान में होने की बात सामने आती रही है। लेकिन अब हिंदूस्तान के राजस्थान रियासत के जिला टोंक में सबसे बड़ी कुरआन शरीफ होने की बात सामने आ रही है। 

राजस्थान के टोंक शहर में है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ, The world's largest Quran Sharif is in Tonk city of Rajasthan.

    जिला टोंक में मौजूद कुरआन शरीफ साईज और वजन के एतबार से तो दुनिया का सबसे बड़ा कुरआन शरीफ है ही, इसकी खुसूसियत खते नस्त्र में इसकी किताब है, जो इसे दुनिया के तमाम बड़े कुरआन शरीफ से अलहदा करती है। इस लिहाज से इसे बिला उज्र दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ कहा जा सकता है। 

परिवार के हर फर्द ने निभाया नुमाया किरदार
राजस्थान के टोंक शहर में है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ, The world's largest Quran Sharif is in Tonk city of Rajasthan.

अरबी, फारसी रिसर्च इंस्टीटयूट, टोंक में मौजूद इस कुरआन शरीफ को पूरा करने में हाफिज जमील अहमद के परिवार के हर फर्द ने नुमाया किरदार अदा किया है। एक ओर हाफिज जमील अहमद की निगरानी में कुरआन शरीफ की किताबत उनके भाई हाफिज, कारी गुलाम अहमद ने की है तो दूसरी ओर कुरआन शरीफ के सफहात में नक्काशी करने, उनमें रंग भरने, कागज काटने, जोड़ने और हर सफहात के कोनों में सोने व चांदी के पानी से खूबसूरती उकेरने जैसे हर छोटे-बड़े काम में बेटे, बहू और बेटी यानी घर के हर फर्द ने बेहद शौक से नुमाया किरदार अदा किया है।  
राजस्थान के टोंक शहर में है दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन शरीफ, The world's largest Quran Sharif is in Tonk city of Rajasthan.

अलिफ से शुरू होता है हर सफा

कुरआन शरीफ की एक दूसरी खुसूसियत उसके हर सफा के शुरु में दीख पड़ने वाला लफज ह्यह्ण अलिफ ह्णह्ण है। यह खूबी भी इसे दीगर कुरआन से अलग करती है। हर सफे पर खूबसूरत नक्काशी की गई है। कुरआन शरीफ में कुल 32 सफे हैं। हर सफे पर 41 लाईन है। एक सफा खोलने के लिए चार लोगों की जरूरत पड़ती है। इसका वजन 250 किलोग्राम है। लंबाई 10 फुट 5 इंच और चौड़ाई 7 फुट 6 इंच है। 

दो साल में हुआ मुकम्मल

हाफिज ओ कारी गुलाम अहमद ने बताया कि कुरआन शरीफ को मुकम्मल करने में दो साल का वक्त लगा। हर रोज वे 8 से 10 घंटा किताबत करते थे। उन्होंने बताया कि कुरआन शरीफ का एक पेज बनाने के लिए कागज की 18 सीट को आपस में बारीकी से जोड़ा गया है। सफों की लंबाई-चौड़ाई के सबब उस पर किताबत करने का मसला था। इसके लिए प्लास्टिक की लंबी और मोटी पाईप का सहारा लिया गया। कागज को पाईप में लपेटकर उस पर किताबत की गई। इस तरह कांगज साफ सुथरे भी रहे और उनकी हुर्मत भी बनी रही। उन्होंने बताया कि किताबत के लिए जर्मन की स्याही ह्यह्णरोड्रिंकह्णह्ण का इस्तेमाल किया गया है। बेलबूटों को कुछ रेडीमेड रंगों से भरा गया है और कुछ रंग घर पर ही तैयार किए गए हैं। 

कुरआन शरीफ का दीदार करने हर रोज पहुंचते हैँ सैकड़ों लोग

टोंक में वाके अबुल कलाम अरबी फारसी रिसर्च इंस्टीटयूट (एपीआरआई) में मौजूद इस कुरआन शरीफ को देखने हर रोज बड़ी तादाद में लोग आते हैं और कुरआन शरीफ की खूबसूरती और उसका साईज देखकर दांतो तले ऊंगली दबा लेते हैं। साबिक सदर हिंद ज्ञानी जैल सिंह भी इसकी खूबसूरती और साईज देखकर खुद को इसकी तारीफ करने से रोक न सके थे। कुरआन शरीफ की जियारत के लिए हर रोज एपीआरआई पहुंचने वालों की तादाद में मुसलसल इजाफा हो रहा है। इनमें आला सियासतदां, ताजिर और आम शहरी के अलावा बड़ी तादाद में रिसर्च स्कालर्स शामिल होते हैं। एपीआरआई में इसे सागौन के खूबसूरत फ्रेम में रखा गया है। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ