रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
बदफाली शिर्क है
'' अब्बास रदि अल्लाह अन्हू से रवायत है कि नबी-ए-करीम ﷺ ने फरमाया, मेरी उम्मत के सत्तर हजार लोग बिना हिसाब के जन्नत में जाएंगे। ये वो लोग होंगे, जो झाड़-फूंक नहीं करते हैं और न शगुन लेते हैं। यानी अच्छे-बुरे शगुन में यकीन नहीं करते और अपने रब पर भरोसा करते हैं। ''- सही बुखारी
(तशरीह : शगुन यानि फालतू बातों में यकीन करके उस काम को छोड़ देना। जैसे काली बिल्ली रास्ता काट जाने से काम खराब हो जाएगा या घर से दही पीकर निकलने से काम अच्छा होगा, ये सब शुगुन में आता है, ऐसी बातों का यकीन नहीं करना चाहिए, क्यूंकि होता वही है, जो अल्लाह चाहता है।)-------------------------------------
✅ लंदन : आईएनएस, इंडिया
बर्तानवी दार-उल-हकूमत लंदन में एक बार फिर हज़ारों अफ़राद का ग़ज़ा में जंग बंदी और फ़लस्तीनीयों के हक़ में बड़ा मुज़ाहरा देखने में आया, ये मुज़ाहरा सनीचर के दिन किया गया था। मुज़ाहिरीन भूख और क़हत की ज़द में आ चुके फ़लस्तीनीयों के लिए ग़ज़ा में इन्सानी बुनियादों पर ज़्यादा इमदाद भेजने का मुतालिबा भी कर रहे थे। मुज़ाहिरे का एहतिमाम फ़लस्तीन सोलीडरेटी कैंम्पियन ने किया था।
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मुज़ाहिरे का आग़ाज़ रसुल चौक से हुआ जो लंदन शहर के वस्त (बीच) में वाके है। मुज़ाहिरीन मार्च करते हुए ट्रीफ़ल गार चौक की तरफ़ गए और ये सिलसिला बाद अज़ दोपहर के दरमयान तक जारी रहा। इस दौरान थोड़ी तादाद में ऐसे मुज़ाहिरीन भी नमूदार हुए, जो जवाबन इसराईल की हिमायत कर रहे थे। लंदन पुलिस इन दोनों तरह के मुज़ाहिरीन के दरमयान सफ़ बह सफ़ खड़ी थी। ताकि कोई नाख़ुशगवार वाक़िया ना पेश आए। वाजेह रहे कि ग़ज़ा में इसराईली जंग के शुरू से लेकर अब तक कई बार ऐसा हो चुका है कि हज़ारों लोग फ़लस्तीनीयों के हक़ में और जंग के ख़िलाफ़ सड़कों पर निकल आए। इसी तरह इसराईल के हक़ में भी मुज़ाहिरीन की छोटी-छोटी टुकड़ियां निकलती रही हैं।☑ आटे का थैला मिलने के इंतेजार में खड़े फ़लस्तीनीयों पर इसराईली टैंकों से हमला, 19 शहीद
हालांकि फ़लस्तीनीयों के हामियों की रैली पर उनके मुख़ालिफ़ीन ये इल्ज़ाम आइद करते रहे हैं कि ये यहूदीयों के ख़िलाफ़ दुश्मनी बढ़ाने का काम कर रहे हैं। बर्तानिया के कंज़रवेटिव पार्टी से ताल्लुक़ रखने वाले अरकान पार्लीमान ने ब-तौर-ए-ख़ास फ़लस्तीन के हक़ में रैलीयां निकालने वालों को अपनी तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए नफ़रत पर मबनी मार्च करने वाले क़रार दिया। फ़लस्तीन के हामीयों को बर्तानवी पुलिस ने अब तक दर्जनों की तादाद में हिरासत में लिया है। उन पर इल्ज़ाम है कि उन्होंने यहूद मुख़ालिफ़ नारे लगाए, बैनर लहराए और कुलअदम तन्ज़ीमों को फ़रोग़ देने के लिए उनकी हिमायत की। सनीचर के रोज़ भी पोलिसी ने 4 मज़ीद मुज़ाहिरीन को नफ़रत पर मबनी जराइम के ज़ुमरे में गिरफ़्तार किया है।☑ फ़लस्तीन की आजादी के लिए अमरीकी एयर मैन ने इसराईली एंबेसी के सामने खुद को लगा ली आग
पुलिस के मुताबिक़ ये अमन-ओ-अमान को क़ायम रखने और दहश्तगर्दी को रोकने की कोशिश के तौर पर किया गया है। लंदन मेट्रो पोलीटन पुलिस ने कहा कि एक शख़्स को इसलिए बंद किया गया है कि वो दहश्तगर्दी से मुताल्लिक़ जारिहाना अंदाज़ में एक कुलअदम तंज़ीम की हिमायत का इज़हार कर रहा था। ताहम फ़लस्तीन के इन हामीयों का शुरू से ये कहना रहा है कि वो अपने पुरअम्न एहतिजाज का हक़ इस्तिमाल कर रहे हैं और जमहूरी अंदाज़ से अपनी बात पहुंचा रहे हैं। 65 साला एक रिटायर्ड समाजी ख़ातून सेल वर्गान ने मग़रिबी इंगलैंड से लंबा सफ़र कर फ़लस्तीनीयों के हक़ में इस रैली को ज्वाइन किया। इस समाजी कारकुन का कहना था कि मेरे ख़्याल में ये बहुत ज़रूरी है कि हम फ़लस्तीनीयों को बताएं कि वो अकेले नहीं हैं और हम उनके साथ हैं।मुंतज़मीन में से एक बिन जमाल ने कहा कि रैली के शुरका ग़ज़ा में मुस्तक़िल जंग बंदी चाहते हैं और ये चाहते हैं कि ग़ज़ा में ज़्यादा से ज़्यादा ख़ुराक और इमदादी सामान फ़राहम किया जाए और इसकी तरसील में रुकावट ना पैदा की जाए। उनका ये भी कहना था कि हम जानते है कि 70 फ़ीसद बर्तानवी शहरी उन मुतालिबात की हिमायत करते हैं। जैसा कि राय आम्मा के कई जायज़ों में भी ये बात सामने आ चुकी है।
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