रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
बदफाली शिर्क है
'' अब्बास रदि अल्लाह अन्हू से रवायत है कि नबी-ए-करीम ﷺ ने फरमाया, मेरी उम्मत के सत्तर हजार लोग बिना हिसाब के जन्नत में जाएंगे। ये वो लोग होंगे, जो झाड़-फूंक नहीं करते हैं और न शगुन लेते हैं। यानी अच्छे-बुरे शगुन में यकीन नहीं करते और अपने रब पर भरोसा करते हैं। ''- सही बुखारी
(तशरीह : शगुन यानि फालतू बातों में यकीन करके उस काम को छोड़ देना। जैसे काली बिल्ली रास्ता काट जाने से काम खराब हो जाएगा या घर से दही पीकर निकलने से काम अच्छा होगा, ये सब शुगुन में आता है, ऐसी बातों का यकीन नहीं करना चाहिए, क्यूंकि होता वही है, जो अल्लाह चाहता है।)------------------------------------
✅ इंदौर : आईएनएस, इंडिया
मध्य प्रदेश के भोजशाला में सर्वे के मुआमले में सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि एएसआई सर्वे जारी रहेगा। अदालत ने सर्वे पर पाबंदी लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि एएसआई की रिपोर्ट की बुनियाद पर सुप्रीमकोर्ट की इजाज़त के बग़ैर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
सुप्रीमकोर्ट ने मुस्लिम फ़रीक़ की दरख़ास्त पर नोटिस जारी करते हुए हिंदू फ़रीक़ से चार हफ़्तों में जवाब तलब किया है। मध्य प्रदेश के धार में वाके भोज शाला में एएसआई के साईंसी सर्वे पर पाबंदी लगाने की मांग को लेकर सुप्रीमकोर्ट में गुजिश्ता रोज समाअत हुई। मुस्लिम फ़रीक़ ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के फ़ैसले को सुप्रीमकोर्ट में चैलेंज किया है।
हाईकोर्ट ने एएसआई के सर्वे का हुक्म दिया था। मुस्लिम फ़रीक़ ने हाईकोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगाने का मुतालिबा किया है। हिंदू तन्ज़ीमों के मुताबिक़ धार में वाके कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल सरस्वती मंदिर भोज शाला है, जिसे राजा भोज ने संस्कृत की तालीम के लिए 1034 में तामीर किया था, लेकिन बाद में मुग़ल हमला आवरों ने उसे मुनहदिम कर दिया था। काबिल-ए-ज़िक्र है कि 11 मार्च को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एएसआई को हुक्म दिया था कि वो छः हफ़्ते के अंदर भोज शाला काम्प्लेक्स का साइंटिफिक सर्वे करे।
☑ काशी और मथुरा के बाद अब कमाल मौला मस्जिद का सर्वे करने एएसआई को हुक्म
उसके बाद एएसआई ने 22 मार्च से काम्प्लेक्स का सर्वे शुरू किया। ये काम्प्लेक्स क़ुरून वसती की एक यादगार है, जिसे हिंदू बिरादरी वाग्देवी सरस्वती का मंदिर मानती है, जबकि मुस्लिम बिरादरी उसे कमाल मौला मस्जिद कहती है। 7 अप्रैल 2003 को जारी करदा एएसआई आर्डर के ज़रीये तय-शुदा इंतिज़ामात के मुताबिक़, हिंदूओं को हर मंगल को भोज शाला में पूजा की इजाज़त है, जबकि मुस्लमानों को हर जुमा को इस जगह पर नमाज़ पढ़ने की इजाज़त है।
फ़्रांस : कई मसाजिद के बाहर हराम जानवर का सर बरामद, वज़ीर-ए-दाख़िला ने की मजम्मत
☑ सुनहरी बाग मस्जिद का हसरत मोहानी से रिश्ता
फ़्रांसीसी न्यूज इदारे एएफ़पी के मुताबिक़ इस्तिग़ासा ने कहा है कि नसली मुनाफ़िरत पर उकसाने की तहक़ीक़ात उस वक़्त शुरू की गई जब जुमे को एक इलाक़े के एक गांव की एक मस्जिद में नमाज़ियों ने जानवर का सर देखा। फ़्रांसीसी वज़ीर-ए-दाख़िला (होम मिनिस्टर) ने सनीचर की रात देर गए सोशल मीडीया पर एक ट्वीट में कहा कि शुमाली फ़्रांस में दो दीगर मसाजिद की भी तौहीन की गई। उन्होंने बताया कि इस हफ़्ते के आख़िर में दो इलाकों में मसाजिद की तौहीन की गई। उन्होंने कहा कि मैं मुस्लमान हम वतनों के ख़िलाफ़ इन नाक़ाबिल-ए-क़बूल कार्यवाईयों की पुरज़ोर मज़म्मत करता हूँ। ख़्याल रहे कि ये वाक़ियात मुस्लमानों के लिए मुक़द्दस महीने रमज़ान में रौनुमा हुए हैं, जिससे पेरिस के मुक़ीम मुस्लमानों में शदीद इज़तिराब (चिंता) पाया जा रहा है।For the latest updates of islam
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