Top News

गाजा : रमजान की खुशी में कैंप के सामने कर रहा था चिरागां, गोली लगने से मासूम की मौत

 रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी 

13 रमज़ान 
(इंजील शरीफ नुजूल) 

हदीस-ए-नबवी 

'' रमजान में घर वालों पर खुलकर खर्च किया करो क्योंकि रमजान के महीने में खर्च करना अल्लाह ताअला की राह में खर्च करने की तरह है। '' 
- अल जामिउस्सगीर

---------------------------------------------------

35 फ़ीसद इमारतें बन गई मलबे का ढेर, सेटेलाइट फूटेज में दिखे ख़ौफ़नाक मंजर

✅ यरूशलम : आईएनएस, इंडिया 

मशरिक़ी यरूशलम में 12 साला बच्चा रमजान की खुशी में चिराग़ां कर रहा था। तभी एक धमाका हुआ और सीने में गोली लगने के बाइस वह हलाक हो गया। बच्चे ने ये रोशनी रमज़ान के इस्तिक़बाल की ख़ुशी में की थी। बच्चे को शाफ़ात पनाह गज़ीन कैंप में निशाना बनाया गया। 
    इसराईली पुलिस अहलकार ने बच्चे के सीने में गोली मारी। उसे हिलाल अह्मर की एमरजैंसी में लाया गया कि उसकी ज़िंदगी बचाई जा सके, लेकिन उसे बचाया न जा सका। उसके ख़ानदान ने कहा है कि बच्चे को सीने में गोली लगी है। गोली उस जानिब से आई, जहां इसराईली पुलिस का टावर है। जो शफात पनाह गज़ीन कैंप की निगरानी के लिए क़ायम किया गया है। इसके भाई और चार दोस्तों का कहना है कि वो रमज़ान के दूसरे रोज़े के इख़तताम पर इफ़तारी के वक़्त ख़ुशी मना रहा था। उसने ये रोशनीयां फ़लस्तीनीयों ख़ुसूसन फ़लस्तीनी बच्चों से इज़हार-ए-यकजहती के लिए की थी, जो बग़ैर किसी जवाज़ के इसराईली फ़ौज के हाथों क़तल हुए हैं। 
35 फ़ीसद इमारतें बन गई मलबे का ढेर, सेटेलाइट फूटेज में दिखे ख़ौफ़नाक मंजर

    इसराईली पुलिस ने कहा है कि पुलिस अहलकार ने क़ानून के मुताबिक़ फायर किया है। पुलिस को ये इख़तियार है कि वो आतिशबाज़ी करने वाले किसी भी शख़्स को गोली मार सकती है। अगर पुलिस को ये ख़तरा महसूस हो कि वो आतिशबाज़ी किसी को निशाना लेकर की जा रही हो। इसराईली हुक्काम का कहना है कि इस वाक़िया की तहक़ीक़ात की जा रही हैं। 12 साला बच्चे का वालिद उस वक़्त घर पर मौजूद था जब उसके बेटे को गोली लगी। वालिद ने गोली चलने और अपने बेटे की आवाज़ सुनी। बच्चे के वालिद और वालिदा फ़ौरन बाहर निकले तो इन्होंने देखा कि बच्चा मुँह के बल गिरा हुआ है। 
    7 अक्तूबर के बाद से मग़रिबी किनारे और मशरिक़ी यरूशलम में तशद्दुद के वाक़ियात बहुत ज़्यादा हो गए हैं। अब तक 435 लोगों को शहीद किया जा चुका है। जिनमें सौ के क़रीब बच्चे हैं। ये बात इसराईली इन्सानी हुक़ूक़ के इदारे बी-टी सेलम ने बताई है। इस इदारे का कहना है कि कम अज़ कम 60 वाक़ियात ऐसे हैं, जिनमें बग़ैर किसी जवाज़ के गोली चलाई गई है। ये लोग एहतिजाज में हिस्सा ले रहे थे। इन्सानी हुक़ूक़ के इस इदारे के तर्जुमान का कहना है कि इसराईली फ़ौज और पुलिस के लिए पिस्तौल का ट्रीगर दबाना बड़ा ही ख़ुशगवार अमल है। जिसके ज़रीये वो किसी की भी जान ले लेते हैं। जिनमें फ़लस्तीनी बच्चे भी शामिल होते हैं। शफात पनाह गज़ीन कैंप में जिस बच्चे को रात 8 बजे के क़रीब उसके घर के बाहर गोली मारी गई, वो पुलिस के लिए कोई ख़तरा नहीं था। वो इसराईली पुलिस से सिर्फ 60 मीटर के फ़ासले पर था, जैसा कि वीडीयो में दिखाया गया है और रमज़ान की ख़ुशी मना रहा था। एक 16 साला बच्चा इबराहीम जो इस मौक़ा पर क़रीब ही खड़ा था और मक़्तूल बच्चे का रिश्तेदार है, ने कहा कि हम ख़ौफ़ज़दा हैं। उसने कहा, इसराईली पुलिस के टावर से हमारे लिए किसी भी वक़्त गोली आ सकती है। ख़्याल रहे कि शफात पनाह गज़ीन कैंप में 60 हज़ार फ़लस्तीनी रहते हैं और ये अक्सर इसराईली फ़ौजीयों की गोलीयों का निशाना बनते रहते हैं। ये ग़रीबों की एक ऐसी ग़नजान आबाद बस्ती है जिसमें कोई भी बुनियादी सहूलत नहीं है और ये मशरिक़ी यरूशलम शहर के क़रीब तरीन है। 
35 फ़ीसद इमारतें बन गई मलबे का ढेर, सेटेलाइट फूटेज में दिखे ख़ौफ़नाक मंजर

    यरूशलम में फ़लस्तीनीयों का ये वाहिद पनाह गज़ीन कैंप है। इसके इर्दगिर्द बड़ी तादाद में इसराईली चैक प्वाईंटस हैं, जहां से इसराईली फ़ौज जब चाहे किसी फ़लस्तीनी को मुश्तबा क़रार देकर गिरफ़्तार कर सकती है।

35 फ़ीसद इमारतें बन गई मलबे का ढेर, सेटेलाइट फूटेज में दिखे ख़ौफ़नाक मंजर

35 फ़ीसद इमारतें बन गई मलबे का ढेर, सेटेलाइट फूटेज में दिखे ख़ौफ़नाक मंजर
जिनेवा : अक़वाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्ट्र) के सेटेलाइट सैंटर की तरफ़ से तजज़िया करदा सेटेलाइट इमेजेज़ से पता चलता है कि इसराईली जंग का शिकार फ़लस्तीनी इलाक़े गाजा की पट्टी पर इसराईली हमले के दौरान 35 फ़ीसद इमारतें तबाह हो गई हैं। 29 फरवरी को जमा की गई सेटेलाइट तसावीर के मुताबिक गाजा की पट्टी की तमाम इमारतों में से 35 फ़ीसद यानी 88,868 इमारतें मुकम्मल तौर पर तबाह हो चुकी हैं। 16,908 इमारतों को शदीद नुक़्सान पहुंचा और 40,762 इमारतों को मामूली नुक़्सान पहुंचा। 
    मर्कज़ ने मज़ीद कहा कि इसमें जनवरी में ली गई तसावीर की बुनियाद पर किए गए पिछले जायज़े के मुक़ाबले में तक़रीबन 20,000 इमारतों का इज़ाफ़ा शामिल है जिसमें कुल इमारतों का 30 फ़ीसद तबाह हुआ है। उन्होंने मज़ीद कहा कि ख़ान यूनुस और गाजा के इलाक़ों में सबसे ज़्यादा नुक़्सान हुआ, क्योंकि ख़ान यूनुस में 12,279 इज़ाफ़ी इमारतों को नुक़्सान पहुंचाया, ओर ग़ज़ा शहर में 2010 इमारतें तबाह हुईं। सबसे ज़्यादा नुक़्सान ख़ान यूनुस शहर में हुआ, जहां 6,663 इज़ाफ़ी इमारतें तबाह हुईं।

For the latest updates of islam please join our

0 whatsapp group Whatsapp channel_____________________________


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने