रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
विसाल (14 रमज़ान)
हज़रत ख्वाजा बायज़ीद बुस्तामी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु
हदीस-ए-नबवी ﷺ
'' मेरी रहमत हर चीज को घेरे हुए है तो अनकरीब मैं अपनी रहमत उनके लिए लिख दूंगा जो मुझ से डरते और जकात देते हैं ओर जो हमारी आयतों पर ईमान लाते हैं। ''-------------------------------------------------
✅ ग़ज़ा : आईएनएस, इंडिया
ग़ज़ा में भूक-ओ-अफ़्लास के शिकार मज़ीद 19 फ़लस्तीनी शहरी इसराईली फायरिंग से शहीद हो गए। आटे के थैलों का इंतेजार करने वालों पर इसराईली टैंकों ने मशीनगन से फायरिंग की जिसके नतीजे में 19 अफ़राद शहीद और मुतअद्दिद ज़ख़मी हो गए। ग़ज़ा के इलाक़ों रफा और देरालबलह में घरों पर हमलों में 14 फ़लस्तीनी शहीद हो गए। दूसरी जानिब आलमी इदारा-ए-सेहत ने कहा है कि ग़ज़ा में भूख और शदीद ग़िज़ाई क़िल्लत से नौज़ाईदा बच्चों की मौत में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है। तर्जुमान आलमी इदारा-ए-सेहत डाक्टर मारग्रेट हैरिस के मुताबिक़ ग़ज़ा में काम करने वाले डाक्टर्ज बता रहे हैं कि वो इलाक़े में भूख और ख़ुराक की कमी के बहुत ज़्यादा असरात देख रहे हैं जबकि ग़ज़ा में शदीद ग़िज़ाई क़िल्लत और भूख की वजह से बच्चों बिल खुसूस नौज़ाईदा की अम्वात में इज़ाफ़ा हो रहा है। तर्जुमान के मुताबिक़ डाक्टरज़ ने बताया कि वो नोमोलूदों (छोटे बच्चों) को मरता देख रहे हैं क्योंकि पैदाइश के वक़्त उनका वज़न बहुत कम होता है और उन्हें ख़ुराक की ज़रूरत होती है जो उन्हें नहीं मिल रही है।
रिपोर्टस के मुताबिक़ ग़ज़ा में मौजूद मेडिकल टीमों ने भी इस बात को तस्लीम किया कि हामिला ख़वातीन को भी ख़ुराक की कमी के बाइस बहुत सी पेचीदगीयों और मसाइल का सामना करना पड़ रहा है। इलाके में ख़ुराक का ये बोहरान (संकट) जंग का नतीजा है। उधर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सेक्रेटरी जनरल अन्तोनियो गोत्रयस ने कहा है कि हमारे पास इख़तियार नहीं, जिनके पास इख़तियार है, उनसे अपील है कि ग़ज़ा की जंग रोक दी जाए। मिस्र में रफा क्रासिंग के दौरे पर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के सरबराह का कहना था कि ग़ज़ा के फ़लस्तीनीयों का दर्द दुनिया के सामने लाने के लिए रफा आया हूँ। उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में पहले से कहीं ज़्यादा अब इन्सानी इमदाद की ज़रूरत है, इमदादी सामान के ट्रकों को ग़ज़ा की सरहद पर रोकना अख़लाक़ी कमज़ोरी है, इसराईल को इन्सानी इमदाद की रसाई पूरे ग़ज़ा में बिला रोक-टोक होने देना चाहिए।
इसराईल की नस्लकुशी दूसरी जंग-ए-अज़ीम से भी ज़्यादा वहशियाना : अर्दवान
अँकरा : तुरकिया के सदर रजब तय्यब अर्दवान ने कहा कि इसराईल ने ग़ज़ा में दूसरी जंग-ए-अज़ीम के मुक़ाबले में ज़्यादा वहशियाना नसल कुशी की है। वे इस्तांबूल में मुनाकिद एक इफ़तार प्रोग्राम से ख़िताब कर रे थे। इस दौरान कहा कि शाम, इराक़, सूडान और हाल ही में ग़ज़ा में रौनुमा होने वाले वाक़ियात ने रमज़ान के मुक़द्दस अय्याम की ख़ुशी को सही तौर पर समझने से रोक दिया।
इस बात पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसराईल, इन्सानियत से आरी एक दहश्तगर्द रियासत 7 अक्तूबर से ग़ज़ा के बाशिंदों बशमोल बच्चों, ख़वातीन, बूढ़ों और आम शहरीयों का क़त्ल-ए-आम कर रहा है, उन्होंने कहा कि इसराईल ग़ज़ा में नसल कुशी कर रहा है जो दूसरी जंग-ए-अज़ीम से भी ज़्यादा वहशियाना है। हम देखते हैं कि हस्पतालों, सेहत की देख-भाल करने वाले कारकुनान और इबादत गाहैं, जिन्हें जंग में भी हाथ नहीं लगाया जाना चाहिए, क़ाबिज़ अफ़्वाज की तरफ़ से खासतौर पर निशाना बनाया जाता है। बैन-उल-अक़वामी इदारे बिलख़सूस अक़वाम-ए-मुत्तहिदा महज रद्द-ए-अमल के अलावा इसराईली इंतिज़ामीया की इस बरबरीयत को सिर्फ देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि तुरकिया और चंद ममालिक को छोड़ कर इसराईल और उसके मग़रिबी हामीयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाला तक़रीबन कोई मुल्क नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अपने नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की हदीस के मुताबिक़, अपने हाथ, ज़बान और दिल से जुल्म के ख़िलाफ़ खड़े हैं और हम अपने ग़ज़ा के भाईयों की हिमायत करते हैं।
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