शाअबान अल मोअज्जम, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
जो चीज़ सबसे ज़्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी, वह ख़ौफ-ए-खुदा और हुस्न अखलाक है।
- तिर्मिज़ी
बैकुंठधाम, बिजली आफिस के सामने अंबेडकर भवन में मुनाकिद तीन रोजा दीनी इज्तेमा गुजिश्ता सनीचर को दुआओं के साथ इख्तेताम पजीर हुआ। इज्तेमा में रियासत छत्तीसगढ़ समेत महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के अलावा आसपास के इलाकों से बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की।
तब्लीगी जमात, भिलाई के अमीर सैय्यद ज़मीर व नज़्म के जिम्मेदार नासिर कुरैशी ने बताया कि इंसानियत के रहबर हजरत मोहम्मद ﷺ ने इंसानों के सामने जहन्नुम से बचने सच्चाई और ईमानदारी के साथ वाली एक पाकीजा जिंदगी लोगों के सामने पेश की। इज्तिमा में पैगम्बर हजरत मुहम्मद ﷺ की इन्हीं तालीम के बारे में बताया गया।
निजामुद्दीन मरकज से आए मुफ्ती अबुजर आदिलाबाद, मौलाना अब्दुल मालिक खान भोपाल, हाफ़िज़ शकील अमरावती, मोहम्मद असलम दिल्ली, अब्दुल हमीद, मौलाना अब्दुल्ला नागपुर, मोहम्मद इफ्तेखार, नागपुर और शरीफ नागपूर ने इज्तेमा से खिताब किया। पहले रोज अमरावती के हाफ़िज़ शकील ने अल्लाह के साथ इबादत में किसी को शरीक न करने, हज़रत मुहम्मद ﷺ की पाकीजा जिंदगी अपनाने के साथ मां बाप, पड़ोसी और अपने दोस्त अहबाब के साथ अच्छा अखलाक बरतने को जोर दिया। आदिलाबाद के मुफ्ती अबुजर ने इंसानियत का पैगाम लेकर चलने लोगों को कुरान और हदीस में बताए रास्ते पर चलने की ताकीद की। मौलाना अब्दुल्ला नागपुर ने शादी ब्याह में सादगी लाने और खर्चीली शादियां रोकने की अपील की।
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आखिरी दिन शनिवार को दुआ से पहले मौलाना अब्दुल मालिक खान, भोपाल ने लोगों को अल्लाह से डरकर जिंदगी गुजारने और झूठ बोलने से बचने की ताकीद दी। इज्तिमा में छत्तीसगढ़ सूबे के रायपुर, भिलाई, दुर्ग, कवर्धा, राजनांदगांव, खैरागढ़, गंडई, भाटापारा, बिलासपुर, कटघोरा, रायगढ़, सारंगढ़, खुज्जी, बालोद, बेमेतरा सहित मुख्तलिफ हल्को से 10 हजार से जाईद लोगों ने शिरकत की। इज्तिमा इंतेजामिया ने कलेक्टर दुर्ग, आयुक्त नगर निगम, भिलाई, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, भिलाई, निगम प्रशासन, और भिलाई व बैकुंठ के रहवासियों का दिल से शुक्रिया अदा किया जिन्होंने ने इज्तिमा को कामयाब बनाने कलीदी किरदार अदा किया।