दुबई एयरपोर्ट पर 60 घंटे फंसे पाकिस्तानी साबिक़ क्रिकेटर्ज़ पर क्या बीती, अमरीका पहुंचने पर हुआ दिलचस्प इन्किशाफ

शव्वाल -1445 हिजरी

कर्ज की जल्द से जल्द करें अदायगी 

'' हजरत अबू मूसा अश्अरी रदिअल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि जनाब नबी-ए-करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया- कबाईर (बड़े) गुनाहों के बाद सबसे बड़ा गुनाह यह है कि कोई शख्स मर जाए और उस पर देन यानी किसी का मी हक हो और उसके अदा करने के लिए वह कुछ न छोड कर जाए। ''
- अबु दाउद

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दुबई एयरपोर्ट पर 60 घंटे फंसे पाकिस्तानी साबिक़ क्रिकेटर्ज़ पर क्या बीती, अमरीका पहुंचने पर हुआ दिलचस्प इन्किशाफ़ात

✅ न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया 

मुत्तहदा अरब अमीरात में शदीद बारिशों के बाइस फ्लाइट ऑप्रेशन बुरी तरह मुतास्सिर हुआ, जिसके सबब पाकिस्तानी साबिक़ क्रिकेटर्ज़ 60 घंटे तक दुबई एयरपोर्ट पर फंसे रहे। दुबई एयरपोर्ट पर फंसने वाले पाकिस्तानी साबिक़ खिलाड़ियों ने अमरीका पहुंचने पर अपनी ज़िंदगी के मुश्किल तरीन वक़्त के दिलचस्प और अफ़सोसनाक वाक़ियात सुनाए।

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    होवस्टन पहुंचने पर अब्दुल रज्जाक, मिसबाह-उल-हक़, उमर गुल और कामरान अकमल को 'मुतास्सिरीन दुबई के नाम से पुकारा जाने लगा है। खिलाड़ियों ने होवस्टन एयरपोर्ट से निकलते वक़्त वही शॉर्टस या कपड़े पहन रखे थे, जो 16 अप्रैल को लाहौर में घर से चलते वक़्त पहने थे। सब लोगों ने सवाल किया कि उन्होंने अमरीका के सफ़र के लिए इसी एयर लाईन का इंतिख़ाब क्यों किया, उनका कहना था कि इस एयर लाईन का खाना बहुत अच्छा होता है इसलिए उसे तर्जीह दी।

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    खिलाड़ियों ने बताया कि लाहौर से परवाज़ कई घंटे ताख़ीर से रवाना हुई। फिर जब दुबई में लैंड किया तो पहले जहाज़ रन वे पर दो घंटे तक खड़ा रखा गया फिर गेट पर पहुंचने में मज़ीद एक घंटा लगा, एयरपोर्ट के अंदर गए तो संगीनी का अंदाज़ा हो गया। मिसबाह-उल-हक़ ने बताया कि उन्हें साल 2009 मैं वर्ल्ड कप जीतना इतना मुश्किल नहीं लगा जितना अमरीका का सफ़र मुश्किल लगा। उन्होंने कहा कि इस तमाम मुश्किल में सबसे तकलीफ़देह बात ये रही कि उन्हें नहीं बताया गया कि एयरपोर्ट पर कई घंटे नहीं बल्कि कई दिन लग सकते हैं। 

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    साबिक़ कप्तान ने बताया कि उन्हें हर एक दो घंटे बाद अगले एक दो घंटे का वक़्त दिया जाता रहा। यूं रात होने पर परवाज़ मंसूख़ कर दी जाती और अगले दिन फिर हर दो घंटे बाद नया टाइम दिया जाता रहा और यूं ढाई दिन गुज़ार दिए गए। अबदूर्रज़्ज़ाक़ ने बताया कि उन्होंने पूरी ज़िंदगी में कभी इस तरह का मुश्किल वक़्त नहीं गुज़ारा जो लाहौर से बरास्ता दुबई अमरीका तक पहुचने के लिए गुज़ारा। उनका कहना है कि उनसे इतने ऐलानात और वाअदे किए गए कि जब 3 दिन बाद परवाज़ का ऐलान हुआ तो उन्हें यक़ीन नहीं आया। यहां तक कि वो जहाज़ में बैठ गए और टेक आफ करने तक बे-यक़ीनी सूरत-ए-हाल का शिकार रहे। उमर गुल वहां मौजूद अफ़राद के जूतों का साइज़ चैक करते रहे कि वो किस का जूता पहन सकते हैं। कोई किसी की शर्ट देख रहा था तो कोई किसी की पैंट क्योंकि मुख़्तसर कपड़ों में होटल पहुंचे तो मालूम हुआ कि तमाम खिलाड़ियों का सामान दुबई में रह गया है और मज़ीद दो तीन दिन तक सामान आने की कोई उम्मीद नहीं है।✒ अमीरात और सल्तनत-ए-अम्मान के बाद सैलाब ने यमन में मचाई तबाही] पाकिस्तानी क्रिकेटर्ज़ फंसे    

    इस पर कामरान अकमल ने तंज़ किया कि दुबई से होवस्टन एयरपोर्ट और फिर होटल पहुंचने तक की तमाम फूटेज इन्ही कपड़ों में सामने आई हैं जो उन्होंने घर से निकलते वक़्त पहने थे। इस मुश्किल वक़्त के हवाले से अबदूर्रज़्ज़ाक़ ने मज़ीद कहा कि वो तो ख़ुदा का शुक्र है कि सोने के लिए एयरपोर्ट पर कारपेट मिल गया वर्ना उन्हें ठंडे फ़र्श पर सोना पड़ सकता था। उन्होंने उमर गुल की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि सोने के दौरान उन्हें ठंड लगी तो वो गर्म चादर ढ़ूढ़ने लगे जब उन्हें कोई चादर ना मिली तो वो वाश रुम में जाकर तौलिये ले आए। अबदूर्रज़्ज़ाक़ ने बात जारी रखते हुए कहा कि वो एक जगह गए और कई कम्बल चोरी करके साथियों को लाकर दिए।


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