उदास हैं और काम पर जाने का मन नहीं है तो ले लें दस दिन की छुट्टी

शव्वाल -1445 हिजरी

बंदों के हुकूक की माफी के लिए सिर्फ तौबा काफी नहीं

'' हजरत अबु हरैरह रदि अल्लाहो अन्हु से रियायत है कि नबी ए करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया, जिसके जिम्मे उसके मुसलमान भाई का कोई हक हो, चाहे वो आबरू का हो या किसी और चीज का, उसे आज ही माफ करा लेना चाहिए। इससे पहले कि न दीनार होगा और न दिरहम होगा। (इससे मुराद कयामत का दिन है, यानी वहां हुकूक की अदायगी के लिए रुपया-पैसा न होगा।) '' 

- बुखारी शरीफ

------------------------------------------- 

चीन के सुपर मार्केट ने कंपनी के मुलाज़मीन के लिए की पेशकश
सउदी में चीनियों को अरबी जबान सिखाने का नया प्रोग्राम मुतआर्रुफ

चीन के सुपर मार्केट ने कंपनी के मुलाज़मीन के लिए की पेशकश सउदी में चीनियों को अरबी जबान सिखाने का नया प्रोग्राम
✅ बीजिंग : आईएनएस, इंडिया 
चीन की एक सुपर मार्कीट ने अपने मुलाज़मीन के लिए साल में 10 दिन की ह्यसैड लीवह्ण का ऐलान किया है। न्यूज़ वेबसाइट 'दी स्ट्रीटस टाईम्स के मुताबिक़ फ़ीट डांग लाई नामी सुपरमार्केट के मुलाज़मीन अगर उदास हैं और उनका काम पर आने का दिल नहीं कर रहा तो वो साल में दस दिन की छुटटी ले सकेंगे, इन छुट्टीयों को मैनेजर भी रदद नहीं कर पाएँगे।
    1995 मैं अपना पहला स्टोर शुरू करने वाले फ़ीट डांग लाई के मालिक यू डोंग लाई का कहना है हर शख़्स की जिंदगी में ऐसे दिन भी आते हैं, जब वो उदासी की कैफ़ीयत से गुज़र रहे होते हैं, ये इन्सानी फ़ित्रत है। यू डोंग ने कहा कि दिलचस्प बात ये है कि जब मुलाज़मीन उदास होने पर छुट्टी लेते हैं, तो वो एक-बार फिर ख़ुशी महसूस कर सकते हैं। इस तरीक़े से वो समझ पाते हैं कि कंपनी उनसे तआवुन करती है और वो अपने काम और ज़ाती ज़िंदगी में तवाज़ुन क़ायम रख सकते हैं। 
    मिस्टर यू के मुताबिक़ फ़ीट डोंग लाई के मुलाज़मीन पहले ही 40 दिन की सालाना छुट्टियां हासिल करते हैं, इसके अलावा चीनी नए साल के जश्न के दौरान पाँच दिन वैसे ही स्टोरज़ बंद रहते है। ये पहली बार नहीं हुआ है कि फ़ीट डोंग लाई कंपनी अपने 'वर्कर फ्रस्ट कल्चर और इससे वाबस्ता मुराआत के लिए ख़बरों में आई हो। साल 2023 मैं चीनी मीडीया में रिपोर्ट की गई ख़बरें बहुत वाइरल हुई थीं जिनके मुताबिक़ इस कंपनी के मुलाज़मीन को काम के दौरान किसी भी किस्म के नागवार या हतक आमेज़ वाकिये का सामना करना पड़े ,तो कंपनी उन्हें अज़ाले के तौर पर 5,000 यवान (950) की रक़म भी देती है। हाल ही में 5 अप्रैल को फ़ीट डोंग लाई कंपनी उस वक़्त ख़बरों की ज़ीनत बनी थी, जब कंपनी के मालिक मिस्टर यू ने इंतिज़ामी सतह के मुलाज़मीन को छुट्टीयों पर यूरोप जबकि दीगर मातहत मुलाज़मीन को जापान के दौरे पर भेजा था।

अब अरबी जबान बोलेंगे चीनी 

चीन के सुपर मार्केट ने कंपनी के मुलाज़मीन के लिए की पेशकश सउदी में चीनियों को अरबी जबान सिखाने का नया प्रोग्राम


रियाद : सऊदी वज़ीर सक़ाफ़्त शाह सलमान इंटरनेशनल एकेडमी बराए अरबी ज़बान के चेयरमैन बोर्ड आफ़ ट्रस्टीज़ शहज़ादा बदर बिन अबदुल्लाह बिन फ़रहान ने चीन में अरबी ज़बान सिखाने के लिए ख़ुसूसी प्रोग्राम का ऐलान किया है। सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ शहज़ादा बदर बिन अबदुल्लाह इन दिनों चीन के सरकारी दौरे पर हैं, जहां उन्होंने दोनों ममालिक के माबैन (बीच) सक़ाफ़्ती उमूर में दो तरफ़ा तआवुन के लिए मुफ़ाहमती याददाश्त पर भी दस्तख़त किए। 
    अरबी शॉर्ट प्रोग्राम एक माह पर मुश्तमिल होगा, जिसका आग़ाज़ 28 मार्च 2024 से हुआ और 26 अप्रैल तक जारी रहेगा। ये प्रोग्राम चीन के दो शहर बीजिंग और शंघाई में शुरू किया जा रहा है। अरबी प्रोग्राम का मक़सद अवामी सतह पर दोनों ममालिक को मज़ीद क़रीब लाना और एक दूसरे की तहज़ीब-ओ-सक़ाफ़्त से वाक़िफ़ होना है। इस हवाले से दोनों ममालिक के माबैन सक़ाफ़्ती वफ़ूद और तफ़रीही प्रोग्रामों के तबादले पर भी इत्तिफ़ाक़ किया गया है। 
    उसी बीच शाह सलमान एकेडमी बराए अरबी ज़बान के सेक्रेटरी जनरल डाक्टर अबदुल्लाह अलोशमी ने बताया कि एकेडमी के तहत अरबी ज़बान के फ़रोग़ के लिए मुक़ामी और आलमी सतह पर मुख़्तलिफ़ नौईयत के प्रोग्राम मुतआरिफ़ कराए जा रहे हैं। गैर अरब ममालिक में अरबी ज़बान के असातिज़ा की सलाहीयत को बढ़ाने के लिए भी मुफ़ीद कोर्सज़ कराए जाएंगे। बीजिंग यूनीवर्सिटी के शोबे सक़ाफ़्त-ओ-ज़बान और शाह सलमान एकेडमी के तआवुन से मुख़्तलिफ़ कोर्सज़ मुरत्तिब किए गए हैं, जिनमें फन्ने ख़िताबत, क़िस्सा गोई और अरबी रस्म-उल-ख़त शामिल है। 
    चीन में शुरू किया जाने वाला अरबी ज़बान के प्रोग्राम के तहत 3 हफ़्ते बीजिंग में जबकि एक हफ़्ते का प्रोग्राम शंघाई में कराया जाएगा जिसमें अरबी ज़बान के असातिज़ा के लिए भी ख़ुसूसी कोर्सज़ रखे गए हैं। प्रोग्राम के लिए 'एक माह चीन में अरबी ज़बान का उनवान तजवीज़ किया गया है। इससे पहले ऐसे प्रोग्राम इंडिया, उज़बेकिस्तान और इंडोनिशिया में भी मुनाक़िद किए जा चुके हैं।

For the latest updates of islam

Please क्लिक to join our whatsapp group & Whatsappchannel



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ