शअबान उल मोअज्जम -1445 हिजरी
हदीसे नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लमतकदीर का लिखा टलता नहीं
'' हजरत अबु हुरैरह रदि अल्लाहो अन्हुमा ने फरमाया-अपने नफे की चीज को कोशिश से हासिल कर और अल्लाह ताअला से मदद चाह, और हिम्मत मत हार और अगर तुझ पर कोई वक्त पड़ जाए तो यूं मत कह कि अगर मैं यूं करता तो ऐसा हो जाता, ऐसे वक्त में यूं कह कि अल्लाह ताअला ने यही मुकद्दर फरमाया था और जो उसके मंजूर हुआ, उसने वहीं किया। '' - मुस्लिम शरीफ
------------------------------------------------
सऊदी अरब की वज़ारत-ए-इस्लामी उमूर की जानिब से रमज़ान के दौरान मसाजिद के अंदर दी जाने वाली इफ़तार पार्टी पर पाबंदी कर दी गई है। वज़ारत इस्लामी उमूर ने मसाजिद की सफ़ाई बरक़रार रखने के लिए सेहनों में इफ़तार की दावतें मुनाक़िद न करने की हिदायत की है।
ग़ैर मुल्की मीडीया रिपोर्टस के मुताबिक़ सऊदी अरब के शहज़ादा मुहम्मद बिन सलमान ने रमज़ान उल-मुबारक से कब्ल मसाजिद में इफ़तार पर पाबंदी आइद करने का हुक्म-जारी किया है, ये पाबंदी आरिज़ी तौर पर 11 मार्च से शुरू हो कर रवां साल 9 अप्रैल को ख़त्म हो जाएगी। सऊदी अरब की वज़ारत इस्लामी उमूर की जानिब से 20 फरवरी 2024 को एक हुक्मनामे में मसाजिद के मुलाज़मीन के लिए माहे रमज़ान के दौरान काम से मुताल्लिक़ हिदायात जारी की गई हैं।
सऊदी वज़ारत ने इमाम और मुअज़्ज़न को इफ़तार की दावतों के लिए माली अतयात जमा करने से रोकने के अहकामात भी जारी किए हैं। सऊदी अरब की इस्लामी उमूर की वज़ारत ने सफ़ाई के हवाले से ख़दशात का इज़हार करते हुए मसाजिद के अंदर इफ़तार की तक़ारीब के इनइक़ाद पर पाबंदी आइद कर दी है। सऊदी वज़ारत की जानिब से जारी हुकमनामे में कहा गया है कि ममलकत के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में इमाम और मुअज़्ज़न रोज़ा दारों और दीगर अफ़राद के लिए इफ़तार के लिए माली अतयात जमा ना करें। नोटिस में इमाम-ओ-मुअज़्ज़न को हिदायत की गई है कि वो मसाजिद के अंदर इन दावतों के इनइक़ाद की निगरानी करें और सफ़ाई सुथराई से मुताल्लिक़ मुआमलात पर भी नज़र रखें।