यूनेस्को ने माना रमजानुल मुबारक के मौके दी जाने वाली इफ़तार पार्टी दुनिया की अनूठी रिवायत

नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया

    अक़वाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्ट्र) की सक़ाफ़्ती (सांस्कृतिक) एजेंसी यूनेस्को ने इफ़तार पार्टी को सक़ाफ़्ती विरसे (सांस्कृति धरोहर) की फेहरिस्त में शामिल कर लिया है। इसके लिए ईरान, तुर्की, आज़रबाईजान और उज़बेकिस्तान ने मुशतर्का (साझा) तौर पर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की तालीमी, साईंसी और सक़ाफ़्ती तंज़ीम यूनेस्को में दरख्वास्त जमा कराई थी। 
यूनेस्को ने माना रमजानुल मुबारक के मौके दी जाने वाली इफतार दुनिया की अनूठी रिवायत
इफ्तार पार्टी, सउदी (फाईल फोटो)

    यूनेस्को ने अपने बयान में कहा है कि इफ़तार ख़ानदान और बिरादरी के ताल्लुक़ात को मज़बूत करने, ख़ैरात, यकजहती और समाजी तबादले को फ़रोग़ देने और इजतिमाईयत (सामुहिकता) से मुंसलिक है। यूनेस्को ने कहा कि इफ़तार तमाम मज़हबी और रस्मी रसूमात की तकमील के बाद, रमज़ान के महीने में ग़ुरूब-ए-आफ़्ताब के वक़्त मुस्लमानों के ज़रीया देखा जाता है। इफ़तार जो मुक़द्दस महीने के दौरान नमाज़ के लिए ग़ुरूब-ए-आफ़्ताब की काल के बाद ख़ानदानी और मुआशरती ताल्लुक़ात को मज़बूत बनाने और ख़ैरात, यकजहती और मुआशरती तबादले को फरोग देने के साथ वाबस्ता है। मुतअद्दिद (कई) मुस्लमान ममालिक में, चाय के साथ खजूर खा कर इफ़तार करने का रिवाज है। ताहम, मुल्क के लिहाज़ से तरीक़े बहुत मुख़्तलिफ़ होते हैं। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के इदारा ने कहा कि इफ़तार की मश्क़ आम तौर पर ख़ानदानों में मुंतक़िल होती है, और बच्चों और नौजवानों को अक्सर रिवायती खानों की तैयारी के सुपुर्द किया जाता है।

फ़ातिमा वसीम सियाचिन ग्लेशियर पर तयनात होने वाली पहली मेडिकल आफ़ीसर

नई दिल्ली :  हिन्दुस्तानी ख़वातीन बुलंदियों की सीढ़ी चढ़ कर मुसलसल कामयाबियां हासिल कर रही हैं। कैप्टन फ़ातिमा वसीम उनमें से एक हैं जिन्होंने एक विरासत क़ायम की है। कैप्टन फ़ातिमा वसीम सियाचिन ग्लेशियर पर एक ऑपरेशनल पोस्ट पर बतौर ख़ातून मेडिकल ऑफीसर तायिनात होने वाली पहली ख़ातून बन गई हैं। 
    सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया में सबसे ऊंचाई वाले मैदान-ए-जंग के तौर पर जाना जाता है और ये हिन्दोस्तान-पाकिस्तान लाईन आफ़ कंट्रोल के क़रीब है। इंडियन आर्मी की फ़ायर एंड फ़ेअरी ने इंस्टाग्राम एक्स पर एक वीडीयो शेयर की है जिस पर उन्होंने लिखा कि उन्हें (कैप्टन वसीम) को सियाचिन बैटिल स्कूल में सख़्त तर्बीयत के बाद 15,200 फुट की बुलंदी पर एक पोस्ट पर शामिल किया गया जो उनके नाक़ाबिल-ए-तसख़ीर जज़बे और बुलंद हौसला की अक्कासी करता है। भारती फ़ौज की फ़ायर एंड फ़ेअरी ने कैप्टन फ़ातिमा वसीम की कामयाबी पर जश्न मनाया जिसके बाद पोस्ट में एक वीडीयो भी अपलोड की है। कैप्टन वसीम की तयनाती एक तारीख़ी लम्हा है। हिन्दुस्तानी ख़वातीन को संग-ए-मील तक पहुंचते देखना अच्छी बात है।

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