जमादी उल आखिर 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
पहलवान वो नहीं जो कुश्ती लड़ने पर गालिब हो जाए बल्कि असल पहलवान वो है, जो गुस्से की हालत में अपने आप पर काबू पाए।
- सहीह बुखारी
✅ ग़ज़ा : आईएनएस, इंडिया
ग़ज़ा में रिहायश पज़ीर सात बच्चों की माँ एतिमाद अलकंवा के पास खाने और खिलाने को बहुत कम रह गया है और वो सोचती हैं कि सबने उन्हें बे-यार ओ मददगार छोड़ दिया है।
न्यूज एजेसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ एतिमाद अलकंवा कभी सोचती हैं कि ख़ानदान की भूख का हल अब मौत ही है, क्योंकि एक साल से जारी जंग ने पूरे इलाक़े को क़हतज़दा कर दिया है। तीन लड़कों और चार लड़कियों की माँ कहती हैं कि 'अब हम पर एटम बम गिरा दें, ताकि ये सब ख़त्म हो जाए। हम ये ज़िंदगी नहीं चाहते, हम रोज़ाना मरते हैं। कुछ तो रहम करें, इन बच्चों को देखें। उनके क़स्बे देर अलबलाह में खाने पीने की अश्या तक़सीम करने वाले एक ख़ैराती इदारे के बाहर बच्चों का हुजूम है, जो अपने ख़ाली बर्तनों के साथ खड़े हैं। ख़ुराक के हुसूल के लिए बेचैन बच्चों में इमदादी कारकुन बर्तन से दाल तक़सीम कर रहे हैं। लेकिन ये सारा इंतिज़ाम भूख को ख़त्म करने और बड़े पैमाने पर उसके एहसास को कम करने के लिए किसी तरह भी काफ़ी नहीं।
न्यूज एजेसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ एतिमाद अलकंवा कभी सोचती हैं कि ख़ानदान की भूख का हल अब मौत ही है, क्योंकि एक साल से जारी जंग ने पूरे इलाक़े को क़हतज़दा कर दिया है। तीन लड़कों और चार लड़कियों की माँ कहती हैं कि 'अब हम पर एटम बम गिरा दें, ताकि ये सब ख़त्म हो जाए। हम ये ज़िंदगी नहीं चाहते, हम रोज़ाना मरते हैं। कुछ तो रहम करें, इन बच्चों को देखें। उनके क़स्बे देर अलबलाह में खाने पीने की अश्या तक़सीम करने वाले एक ख़ैराती इदारे के बाहर बच्चों का हुजूम है, जो अपने ख़ाली बर्तनों के साथ खड़े हैं। ख़ुराक के हुसूल के लिए बेचैन बच्चों में इमदादी कारकुन बर्तन से दाल तक़सीम कर रहे हैं। लेकिन ये सारा इंतिज़ाम भूख को ख़त्म करने और बड़े पैमाने पर उसके एहसास को कम करने के लिए किसी तरह भी काफ़ी नहीं।
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एतिमाद अलकंवा का कहना है कि उसके ख़ानदान को इसराईली फ़िज़ाई हमलों का सामना है जिसमें एक तरफ़ दसियों हज़ार लोग मारे गए हैं और ग़ज़ा का बड़ा हिस्सा तबाह हो चुका है जबकि दूसरी तरफ़ भूख है। इन्सानी इमदाद ले जाने वाले ट्रकों को पीर को एरीज़ क्रासिंग के ज़रीये शुमाली ग़ज़ा में दाख़िल होने की इजाज़त दी गई। अमरीका रवां हफ़्ते इस बारे में फ़ैसला करेगा कि क्या इसराईल ने ग़ज़ा में इन्सानी सूरत-ए-हाल को बेहतर बनाने की तरफ़ पेश-रफ़्त की है और इसके बाद वाशिंगटन इस पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करेगा।
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आलमी ग़िज़ाई तहफ़्फ़ुज़ के माहिरीन ने कहा कि इस बात का क़वी इमकान है कि शुमाली ग़ज़ा के कुछ हिस्सों में क़हत पड़ने वाला है क्योंकि इसराईल वहां हम्मास के अस्करीयत पसंदों के ख़िलाफ़ फ़ौजी कार्रवाई कर रहा है और किसी भी तरह की इमदाद वहां तक नहीं पहुंच पा रही। ग़ज़ा में क़हत की वार्निंग के बाद अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की फ़लस्तीनी इमदादी एजेंसी 'उनरवा के सरबराह फ़लिप लाज़ारीनी ने इसराईल पर भूख को हथियार के तौर पर इस्तिमाल करने का इल्ज़ाम लगाया।
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भूख के मारे ग़ज़ा के बाशिंदों का कहना है कि उनके पास जाने के लिए कोई महफ़ूज़ जगह नहीं। इसराईली फ़ौज की जानिब से ग़ज़ा के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों के रिहायशियों को हमलों से क़बल दूसरी जगहों पर मुंतक़िल होने की हिदायात दी जाती हैं। इस दौरान कई मुक़ामात पर पनाह गज़ीन कैम्पों को भी निशाना बनाया गया है। ग़ज़ा के बाअज़ रिहायशियों का कहना है कि उनकी हालत 1948 के 'नक़बा से भी बदतर है, जब लाखों फ़लस्तीनीयों को उनके घरों से बेदख़ल कर दिया गया था। ग़ज़ा पर इसराईली हमलों को अब 14वां महीना है। गुजिश्ता बरस सात अक्तूबर को हम्मास के अस्करीयत पसंदों के ग़ज़ा से निकल कर क़रीबी इसराईली शहरों पर हमलों के बाद हालिया जंग शुरू हुई थी।
यक़ीन रखें, हम इसराईल से बदला लेकर रहेंगे : पासदाराने इन्क़िलाब
तेहरान : आईएनएस, इंडिया
अगरचे गुजिशता अक्तूबर के आखिर में इसराईल की जानिब से ईरान पर किए गए फ़िज़ाई हमलों को तक़रीबन एक माह गुज़र चुका है, लेकिन पासदाराने इन्क़िलाब ने इस बात का इआदा किया कि वो उसका जवाब देगा।
पासदाराने इन्क़िलाब के कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी ने बासीज फ़ोर्सिज़ के साथ मुलाक़ात के दौरान कहा कि इसराईल ख़ौफ़ज़दा है, उसके अहलकार परेशान और फ़िक्रमंद हैं और उसके शहरी पनाह गाहों में रह रहे हैं। न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़ उन्होंने मज़ीद कहा कि इसराईली फ़ौज थक चुकी है, जबकि हिज़्बुल्लाह और मुज़ाहमती महाज़ के हौसले अपने उरूज पर हैं। ईरानी रहनुमा ने ये भी कहा कि इस जंग का जारी रहना सिर्फ़ इसराईल की तबाही का बाइस बनेगा।
ईरानी हुक्काम का कहना है कि तेहरान जंग को वुसअत देने की कोशिश नहीं कर रहा। ईरानी सुप्रीम लीडर के मुशीर अली युजानी ने रद्द-ए-अमल को अकली क़रार दिया है। ये उस वक़्त सामने आया, जब हिज़्बुल्लाह ने लेबनानी पार्लियामेंट के स्पीकर नबीह बरी के ज़रीये लेबनान के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों पर तबाहकुन इसराईली जंग को रोकने के लिए बातचीत की है।
26 अक्तूबर को इसराईल ने तीन ईरानी सूबों को निशाना बनाते हुए एक फ़िज़ाई हमला किया था जिसमें मिज़ाईल बनाने और लॉन्च करने के मुक़ामात के साथ-साथ दिफ़ाई निज़ाम को भी निशाना बनाया गया था।
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