जमादी उल आखिर १४४६ हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
अफज़ल ईमान ये है कि तुम्हें इस बात का यकीन हो के तुम जहाँ भी हो, खुदा तुम्हारे साथ है।
- कंजुल इमान
वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज कैम्पस में एक मस्जिद और एयके सामने की ज़मीन पर वक़्फ़ बोर्ड के दावे को लेकर तनाज़ा खड़ा हो गया है। इसके लेकर कॉलेज कैंपस में गुजिश्ता दिनों ज़बरदस्त हंगामा-आराई हुई और कशीदगी का माहौल रहा।
तलबा ने कैम्पस में वाके मस्जिद और मक़बरे में दाख़िल हो कर हनूमान चालीसा पढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोका तो तलबा यूपी कॉलेज के गेट पर बैठ गए और हनूमान चालीसा का पाठ करने लगे। दरहक़ीक़त, वक़्फ़ बोर्ड की यूपी (उदय कॉलेज) कॉलेज को नोटिस देने की ख़बर फैलने के बाद गुजिश्ता जुमा की नमाज़ के लिए तक़रीबन पाँच सौ नमाज़ी यहां पहुंचे थे। जबकि आम तौर पर सिर्फ पाँच से छः अफ़राद ही नमाज़-ए-जुमा के लिए मस्जिद जाते हैं। इतनी बड़ी तादाद को देखकर वहां ज़ेर-ए-ताअलीम हिंदू तलबा ने इसके ख़िलाफ़ एहतिजाज शुरू कर दिया।
ख़्याल रहे कि उदय प्रताप कॉलेज को 2018 में एक नोटिस भेजा गया था जिसमें दावा किया गया था कि कैम्पस में वाके मस्जिद और कॉलेज की ज़मीन नवाब आफ़ टोंक ने वक़्फ़ बोर्ड को अतिया की थी। प्रिंसिपल डीके सिंह ने हाल ही में बताया था कि इसी दावे के साथ कॉलेज कैम्पस को वक़्फ़ जायदाद क़रार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ये नोटिस वाराणसी के रिहायशी वसीम अहमद ख़ान ने भेजा है। कॉलेज के इस वक़्त के सेक्रेटरी ने नोटिस का फ़ौरी जवाब दिया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद गै़रक़ानूनी तौर पर बनाई गई है, जबकि कॉलेज की जायदाद एक ट्रस्ट है, उसे ना ख़रीदा जा सकता है और ना ही बेचा जा सकता है। सिंह ने कहा कि बाद में 2022 में वक़्फ़ बोर्ड की तरफ़ से मस्जिद की तामीर की कोशिश की गई, जिसे कॉलेज इंतिज़ामीया की शिकायत पर पुलिस ने रोक दिया था।
तलबा ने कैम्पस में वाके मस्जिद और मक़बरे में दाख़िल हो कर हनूमान चालीसा पढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोका तो तलबा यूपी कॉलेज के गेट पर बैठ गए और हनूमान चालीसा का पाठ करने लगे। दरहक़ीक़त, वक़्फ़ बोर्ड की यूपी (उदय कॉलेज) कॉलेज को नोटिस देने की ख़बर फैलने के बाद गुजिश्ता जुमा की नमाज़ के लिए तक़रीबन पाँच सौ नमाज़ी यहां पहुंचे थे। जबकि आम तौर पर सिर्फ पाँच से छः अफ़राद ही नमाज़-ए-जुमा के लिए मस्जिद जाते हैं। इतनी बड़ी तादाद को देखकर वहां ज़ेर-ए-ताअलीम हिंदू तलबा ने इसके ख़िलाफ़ एहतिजाज शुरू कर दिया।
ख़्याल रहे कि उदय प्रताप कॉलेज को 2018 में एक नोटिस भेजा गया था जिसमें दावा किया गया था कि कैम्पस में वाके मस्जिद और कॉलेज की ज़मीन नवाब आफ़ टोंक ने वक़्फ़ बोर्ड को अतिया की थी। प्रिंसिपल डीके सिंह ने हाल ही में बताया था कि इसी दावे के साथ कॉलेज कैम्पस को वक़्फ़ जायदाद क़रार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ये नोटिस वाराणसी के रिहायशी वसीम अहमद ख़ान ने भेजा है। कॉलेज के इस वक़्त के सेक्रेटरी ने नोटिस का फ़ौरी जवाब दिया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद गै़रक़ानूनी तौर पर बनाई गई है, जबकि कॉलेज की जायदाद एक ट्रस्ट है, उसे ना ख़रीदा जा सकता है और ना ही बेचा जा सकता है। सिंह ने कहा कि बाद में 2022 में वक़्फ़ बोर्ड की तरफ़ से मस्जिद की तामीर की कोशिश की गई, जिसे कॉलेज इंतिज़ामीया की शिकायत पर पुलिस ने रोक दिया था।