शव्वाल -1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
'' लोगों में सबसे बुरा आदमी वह है जिसकी बदकलामी की वजह से लोग उसका साथ छोड़ दें। ''
- बुखारी शरीफ
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नाम निहाद विज़न की आड़ में फ़ह्हाशी को दे रहे हवा
सऊदी अरब में सिनेमा-घरों को खुले 6 बरस गुज़र चुके हैं। ममलकत में फ़िल्में ग़ैरमामूली तौर पर मक़बूल हो रही है। ममलकत में पहले सिनेमा का इफ़्तिताह अप्रैल 2018 मैं हुआ था। गुजिश्ता सात बरसों में ममलकत में सिनेमा-घरों में 61 मिलियन टिकट बिके जिससे होने वाली आमदनी 3.7 अरब रियाल रही।मीडीया जनरल अथार्टी की जानिब से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2018 मैं सिनेमा-घरों के आग़ाज़ के पहले बरस 633130 टिकट फ़रोख़त हुए। दूसरे बरस 2019 में 6847523 जबकि साल 20 में फ़रोख़त होने वाले टिकटों की तादाद 6596073 थी। साल 2023 मैं फ़िल्म देखने वालों ने 17637154 टिकट खरीदी। जबकि रवां बरस महज 3 माह के दौरान फ़रोख़त होने वाले टिक्टों की तादाद 261236 रही, जिसका सिलसिला जारी है।
ममलकत में सिनेमा-घरों के बाक़ायदा आग़ाज़ से अब तक 22 शहरों में 66 सिनेमा घर खुल चुके हैं। सिनेमा-घरों के लिए 6 कंपनियों को लाईसैंस जारी किए गए हैं जिनके ज़ेर-ए-इंतिज़ाम मुख़्तलिफ़ शहरों में सिनेमा घर खोले गए हैं।
विजन-2030 ने मिसाली तरक़्क़ी की राहें हमवार कीं : रिपोर्ट
गवर्नर हदूद अलशमालेह शहज़ादा फ़ैसल बिन ख़ालिद बिन सुलतान बिन अबदुल अज़ीज़ का कहना है कि ममलकत के विजन 2030 के लॉन्च होने के बाद से इलाक़े में ग़ैरमामूली तरक़्क़ी हुई है।न्यूज़ के मुताबिक़ शहज़ादा फ़ैसल बिन ख़ालिद ने मज़ीद कहा कि ममलकत के विजन की बदौलत मुख़्तलिफ़ शोबों में होने वाली तरक़्क़ी वाजेह तौर पर दिखाई दे रही है। कान कनी (खनन) में होने वाली तरक़्क़ी सबसे सामने है। कान कनी का शोबा तेल और गैस के बाद सऊदी सनअत (उद्योग) के लिए ग़ैरमामूली एहमीयत का हामिल है। उन्होंने कहा, इलाक़े में फ़ास्फ़ेट के बड़े ज़ख़ाइर मौजूद हैं जो आलमी फ़ास्फ़ेट के 7 फ़ीसद ज़ख़ाइर के मुसावी (बराबर) है।
उसी बीच हरमैन शरीफ़ैन में दीनी उमूर के सरबराह शेख़ अबदुर्रहमान अलसदीस का कहना है कि ममलकत का विजन 2030 जिसे वली अहद मुहम्मद बिन सलमान बिन अबदुल अज़ीज़ ने मुतआरिफ़ कराया है, में ज़ाइरीन हरमैन शरीफ़ैन की ख़िदमत को मुक़द्दम रखा गया है। शेख़ अलसदीस ने मज़ीद कहा कि ममलकत के विजन को जारी हुए 8 बरस हो चुके हैं। वाजेह रहे कि 25 अप्रैल 2016 को ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन शाह सलमान बिन अबदुल अज़ीज़ की रहनुमाई और हिदायात की रोशनी में वली अहद ममलकत शहज़ादा मुहम्मद बिन अबदुल अज़ीज़ ने विजन 2030 पेश किया जिसका बुनियादी मक़सद ममलकत को तरक़्क़ी की शाहराह पर गामज़न करना था।
विजन के इन 8 बरसों में ममलकत ने मुख़्तलिफ़ मैदानों में तरक़्क़ी का मिसाली सफ़र तै किया है। इस दौरान उमरा ज़ाइरीन और हुज्जाज कराम की ख़िदमत के लिए रज़ाकाराना सरगर्मियां उरूज पर पहुंचीं। विज़न 2030 की वजह से सऊदी अरब को एक्सपो 2030 की मेज़बानी के लिए मुंतख़ब किया गया। इस हवाले से ममलकत को एक्सपो की मेज़बानी के लिए 119 वोट मिले । दीगर शोबों की तरह सऊदी अरब के सयाहती (टूरिस्ट) सेक्टर में भी ग़ैरमामूली इज़ाफ़ा देखने में आया जिसके बाइस आलमी सयाहत (टूरिज्म) के हवाले से ममलकत ने दूसरी पोज़ीशन हासिल कर ली है।
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