रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
'' माहे रमजान में अल्लाह ताअला का जिक्र करने वाले को बख्श दिया जाता है और इस माह में अल्लाह ताअला से मांगने वाले को नामुराद नहीं किया जाता है। ''---------------------------------------
माहे सयाम के आखिरी जुमा पर आबाद रहीं मस्जिदें, नमाज के बाद की खूब खरीदारी
माहे रमजान का आखिरी जुमा होने की वजह से अलविदा जुमा पढ़ने हजारों की तादाद में नमाजी शहर की तमाम मस्जिदों में पहुंचे। हालत यह रही कि तमाम इंतजामों के बावजूद मस्जिद और बाहर के हिस्से में तिल भर के लिए भी जगह नहीं बची। अलविदा जुमा पर रोजे की हालत में नमाजियों ने खूब दुआएं की और अपने तमाम गुनाहों के लिए गिड़गिड़ा कर माफी मांगी।रोजेदारों ने अपने गुनाहों से माफी मांगी और रोजों की कुबूलियत के लिए दुआएं की। वहीं मुल्क में अमन व सलामती के लिए भी दुआओं में हाथ उठे। इमाम सहित तमाम नमाजियों ने दुआओं के लिए हाथ उठा कर गिड़गिड़ाते हुए बारगाह-ए-इलाही में दुआएं मांगीं।
ईद उल फितर अब करीब होने की वजह से मस्जिदों के सामने खास तौर पर सेवई व मेवों की दुकान में जुमा तुल विदा के दिन भारी भीड़ नजर आई। लोग सेवई और मेवा खरीदने यहां पहुंचते रहे। वही फलों की दुकानें भी मस्जिदों के सामने सजी रही।
आज शब-ए-कद्र, इबादत में गुजरेगी रात
जुमा-तुल-विदा के बाद अब 6 अप्रैल को रहमत भरी रात यानि शब-ए-कद्र है जिसमें तमाम मस्जिदों और घरों में लोग रात भर जाग कर इबादत करेंगे और खैरो-बरकत के लिए दुआओं के साथ अपने गुनाहों के लिए माफी मांगेंगे। शब-ए-कद्र को देखते हुए शहर की मस्जिदों में खास इंतजाम किए जा रहे हैं। शहर की तमाम मस्जिदों में शब-ए-कद्र को देखते हुए खास इंतजाम किए गए हैं। मस्जिदों में नमाज-ए-तरावीह के बाद इमाम, मुअज्जिन और मोतकिफ सहित दीगर लोगों का इस्तकबाल किया जाएगा। शहर की मस्जिदों में नमाजियों के रात भर जाग कर इबादत करने और सेहरी के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। जामा मस्जिद सेक्टर-6 में 6 अप्रैल की रात नमाजे ईशा के लिए अजान रात 9 बजे होगी।
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