रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
'' माहे रमजान में अल्लाह ताअला का जिक्र करने वाले को बख्श दिया जाता है और इस माह में अल्लाह ताअला से मांगने वाले को नामुराद नहीं किया जाता है। ''
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शहर की सामाजिक तंजीमें गरीबों और बेसहारों को पहुंचा रही राहत
शहर की सोशल तंजीमें माहे रमजान की खुशियों में गरीबों और बेसहारों को भी शामिल करते हुए इमदाद कर रही हैं। इस कड़ी में बैतुलमाल वेलफेयर सोसाइटी और अल मदद एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी ने अलग-अलग प्रोग्राम मुनाकिद कर गरीबों को राशन तकसीम किया।बैतुलमाल वेलफेयर सोसाइटी ने पिछले साल की तरह इस साल भी रमजान माह के दौरान मुस्लिम कम्युनिटी हॉल सेक्टर-6 और विवेकानंद नगर में आइडियल पब्लिक स्कूल के पास गरीबों एवं जरूरतमंदों को राशन किट तकसीम किया। इसकी शुरुआत जामा मस्जिद सेक्टर-6 के इमाम-ओ-खतीब हाफिज इकबाल अंजुम हैदर के हाथों हुई। बैतुलमाल कमेटी के तमाम ओहदेदार इस मौके पर मौजूद थे।
अल मदद एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी ने माहे रमजान के मुबारक महीने में लगभग 150 परिवारों के बीच राशन व जरूरत का सामान तकसीम किया। दुर्ग, पावर हाउस, कैंप-1, जामुल, रूआबांधा बस्ती, मरोदा बस्ती, मुख्तलिफ सेक्टर इलके, खुर्सीपार, कोहका व दीगर हिस्सों की गरीब बस्तियों में राशन बांटा गया। इसके साथ ही आला ताअलीम हासिल कर रहे गरीब व बेसहारा परिवार के तुलबा को दस हजार रूपए चेक के जरिये दिए गए।
अल मदद सोसाइटी की प्रेसीडेंट अंजुम अली ने बताया कि दौरान कौसर खान, शबाना सिद्दीकी, शाहीन, फरीदा अली, रुखसाना सिद्दीकी, एसएन शेख, आयशा आलम, लीना तजमीन, नर्गिस, डॉ. अमरीन उज्मा, सरवरी, जुल्फी, रानी, शीरीन, दिलशाद, शम्शुन, नाहिदा, सीमा खान और तस्कीन बानो सहित तमाम लोगों ने अपनी भागीदारी दी।
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