शव्वाल -1445 हिजरी
कर्ज की जल्द से जल्द करें अदायगी
'' हजरत अबू मूसा अश्अरी रदिअल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि जनाब नबी-ए-करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया- कबाईर (बड़े) गुनाहों के बाद सबसे बड़ा गुनाह यह है कि कोई शख्स मर जाए और उस पर देन यानी किसी का मी हक हो और उसके अदा करने के लिए वह कुछ न छोड कर जाए। ''
- अबु दाउद
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✅ नई तहरीक : रायपुर
जमाअत ए इस्लामी हिंद, रायपुर यूनिट की जानिब से 13 अप्रैल को अल फलाह टावर, बैरन बाजार में हर साल की तरह इस साल भी ईद मिलन प्रोग्राम मुनाकिद किया गया जिसमें सभी मजहब के लोगों ने शिरकत की।
तकरीब में प्रफुल्ल ठाकुर, सदर, प्रेस क्लब रायपुर, नंदलाल, प्रबंधक शदाणी दरबार रायपुर, दिलेर सिंह, प्रबंधक तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर, फादर सेबेस्तियन, बैरन बाजार चर्च व मेंतानंद भंते, प्रबंधक बुद्ध विहार बिरगांव ने बतौर मेहमाने खुसूसी शिरकत की। सदारत मोहम्मद अहमद, सेक्रेटरी, जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, नई दिल्ली ने की।
तकरीब में प्रफुल्ल ठाकुर, सदर, प्रेस क्लब रायपुर, नंदलाल, प्रबंधक शदाणी दरबार रायपुर, दिलेर सिंह, प्रबंधक तेलीबांधा गुरुद्वारा, रायपुर, फादर सेबेस्तियन, बैरन बाजार चर्च व मेंतानंद भंते, प्रबंधक बुद्ध विहार बिरगांव ने बतौर मेहमाने खुसूसी शिरकत की। सदारत मोहम्मद अहमद, सेक्रेटरी, जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, नई दिल्ली ने की।
✒ इसराईल ने मस्जिद अकसा में नमाज़ियों पर बरसाए गैस बम, कई नमाज़ी ज़ख़मी
मआशरे में बाहमी मोहब्बत, भाईचारा और समाजी हम आहंगी बनाए रखने के मकसद से मुनाकिद प्रोग्राम का आगाज हाफिज अर्मुगान के तिलावत-ए-कुरआन से हुआ। इफ्तेताही तकरीर फ़हीम उल्लाह ने की। उन्होंने ईद मिलन प्रोग्राम में आए मेहमानों का इस्तकबाल करते हुए सभी को ईद-ए-सईद की मुबारकबाद पेश की। तकरीब से खिताब करते हुए मेहमाने खुसूसी प्रफुल्ल ठाकुर ने बचपन में किताबों में पढ़े वाकिये का जिक्र करते हुए कहा, किताबों में पढ़ाया जाता रहा है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, सब आपस में भाई-भाई है, किताबों में पढ़ी ये बात आज यहां सच होती नजर आ रही है। उन्होंने कहा, ईद की सेंवईयों की मिठास हमारी जुबान में घुल जाए तो हम हमेशा ऐसे ही मिलकर रह सकते हैं। उन्होंने जमाअत-ए-इस्लामी के तंई शुक्रगुजारी का इजहार करते हुए रायपुर प्रेस क्लब की जानिब से सभी को ईद की मुबारकबाद पेश की।✒ जंग के छः माह मुकम्मल : गाजा मलबे के ढेर में तबदील, हम्मास के हमले का नतीजा सिफ़र
नंदलाल, प्रबंधक शदाणी दरबार रायपुर ने कहा ईश्वर का नाम रख लेने से कोई ईश्वर नहीं बन जाता या बड़ी से बड़ी मंदिर या मस्जिद में इबादत कर लेने से कोई बड़ा इन्सान नहीं हो जाता, बल्कि उसका मन साफ होना और ईश्वर के बताए मार्ग पर चलने और एक-दूसरे के काम आने पर ही इंसान बड़ा और अच्छा होता है। उन्होंने तंजीम की जानिब से किए जाने वाले काम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रोग्राम से शहर की अच्छी फिजा़ बनी रहती है।✒ सउदी अरब : मस्जिद-ए-नबवी ﷺ में लगी है दुनिया की अनोखी छतरी
सर्व आस्था मंच के अहलकार मनमोहन सिंह सैलानी ने कहा, मजहब से बड़ा कोई नहीं। इंसानियत और इंसानों की खिदमत ही सबसे बड़ा मजहब है। उन्होंने कहा, सभी इंसोनों को आपस में भाईचारे के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए।प्रोग्राम की सदारत कर रहे जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के सेक्रेटरी मोहम्मद अहमद ने रमजा़न के रोजे़ की अहमियत बताते हुए कहा कि रोजा़ इंसान के अंदर अल्लाह का खौफ पैदा करता है। जिस इंसान के अंदर अल्लाह का खौफ नहीं, उसकी मिसाल जानवर की सी होती है। उन्होंने कहा कि हर इंसान चाहे वह किसी भी मज़हब का मानने वाला हो, उसे अल्लाह का खौफ होना लाजिम है ताकि वह बुराइयों से बाज रहे। उसकी जिंदगी एक अच्छा मआशरा और एक अच्छा मुल्क बनाने में मददगार साबित हो। उन्होंने कहा, मोहब्बत करना और मोहब्बत हासिल करना हमारा हक है, हमसे लोग मोहब्बत करें और हम लोगों से मोहब्बत करें, ऐसा माहौल बनाकर मआशरे में चलना है, जिससे लोग एक-दूसरे को पसंद करें और एक-दूसरे पर भरोसा करें।
जमात-ए-इस्लामी हिंद के रियासती सदर शफीक अहमद ने भी मेहमानों को ईद-ए-सईद की मुबारकबाद पेश की। प्रोग्राम में सर्व आस्था मंच के प्रेम शंकर कोठिया, ऑल मुस्लिम वेलफेयर फाउंडेशन के सरपरस्त फैसल रिजवी, सिराज साहब, सिस्टर जोजिना, हरिंदर जी, एडवोकेट शाकिर कुरैशी, शत्रुघ्न साहू, राष्ट्रीय संस्थापक ओबीसी संयोजन कमेटी, टिकेश्वर साहू एवं मनीष कुमार ध्रुव के अलावा प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सहाफियों ने शिरकत की।
आखिर में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, रायपुर, शहर सदर उबैद खान ने ईद मिलन तकरीब में आने पर सभी के तंई शुक्रगुजारी का इजहार किया। तकरीब को कामयाब बनाने में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, रायपुर के वॉलिंटियर्स ने अहम किरदार अदा किए। तकरीब की कार्रवाई जुनैद सिद्दीकी ने चलाई।