जंग के छः माह मुकम्मल : गाजा मलबे के ढेर में तबदील, हम्मास के हमले का नतीजा सिफ़र

 शव्वाल -1445 हिजरी

बंदों के हुकूक की माफी के लिए सिर्फ तौबा काफी नहीं

'' हजरत अबु हरैरह रदि अल्लाहो अन्हु से रियायत है कि नबी ए करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया, जिसके जिम्मे उसके मुसलमान भाई का कोई हक हो, चाहे वो आबरू का हो या किसी और चीज का, उसे आज ही माफ करा लेना चाहिए। इससे पहले कि न दीनार होगा और न दिरहम होगा। (इससे मुराद कयामत का दिन है, यानी वहां हुकूक की अदायगी के लिए रुपया-पैसा न होगा।) ''

- बुखारी शरीफ

--------------------------------------------

जंग के छः माह मुकम्मल : गाजा मलबे के ढेर में तबदील, हम्मास के हमले का नतीजा सिफ़र

✅ ग़ज़ा : आईएनएस, इंडिया

छः माह पहले जब इसराईल और हम्मास के दरमयान जंग शुरू नहीं हुई थी, ग़ज़ा में ज़िंदगी अपनी तमाम-तर रानाइयों के साथ मौजूद थी। इस ग़नजान आबाद इलाक़े में रेस्तोराँ, दुकानें, फुटबाल के मैदान, यूनीवर्सिटीज़ और अस्पताल सब कुछ था लेकिन अब बहुत कुछ बदल चुका है।    न्यूज एजेंसी की कैमरा टीम ने साईकलों पर ग़ज़ा की पट्टी की गली-मोहल्लों में होने वाली तबाही का जायज़ा लिया, जहां ग़ज़ा में हम्मास के जे़र-ए-इंतज़ाम वज़ारत-ए-सेहत के मुताबिक़ अब तक 33 हज़ार से ज़ाइद फ़लस्तीनी शहीद हो चुके हैं। ग़ज़ा की हर दूसरी सड़क पर मलबे के ढेर तबाही की दास्तान सुना रहे हैं। 23 लाख आबादी की अक्सरीयत इन्सानी बोहरान (संकट) का सामना कर रही है जो अदवियात (दवाई), ख़ुराक और दीगर सहूलतों से महरूम है। ग़ज़ा के बहुत से शहरी बमबारी से बचने के लिए मुख़्तलिफ़ हिस्सों में आरिज़ी ख़ेमा बस्तीयों में पनाह गज़ीन हैं। गलियों में सन्नाटा है, जहां मोटर साईकल पर एक नौजवान ख़ामोशी को चीरता हुआ जा रहा है जबकि एक तरफ़ एक नौजवान लड़का मिट्टी और गर्दो ग़ुबार से अटी तबाहशुदा इमारतों के पास से हाथ रेड़ी लिए गुज़र रहा है। दूसरी तरफ़ एक आदमी कंधे पर आटे की बोरी उठाए जा रहा है। ग़ज़ा में ख़ुराक की क़िल्लत है, जहां फ़लस्तीनीयों का कहना है कि ख़ुराक का हुसूल ज़िंदगी या मौत की कश्मकश के मुतरादिफ़ है। 

✒ सहरी की तैयारी में मशरूफ थे फलीस्तीनी, अचानक होने लगी बमबारी, 10 फ़लस्तीनी शहीद

    फरवरी में इमदादी ट्रक से ख़ुराक हासिल करने की कोशिश में 100 से ज़ाइद फ़लस्तीनीयों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इसराईली हुक्काम ने कहा था कि बहुत से लोग अफ़रातफ़री की वजह से ट्रक तले आकर कुचले गए। हालांकि ग़ज़ा के महकमा-ए-सेहत के हुक्काम ने इल्ज़ाम लगाया था कि ये अफ़राद इसराईली फ़ौज की फायरिंग से हलाक हुए। इसराईल ग़ज़ा में कार्रवाई हम्मास के सात अक्तूबर के हमले के जवाब में कर रहा है जिसमें इसराईली हुक्काम के मुताबिक़ 1200 इसराईली शहरी हलाक और 260 यरग़माल बना लिए गए थे। अक़्वाम-ए-मुत्तहदा ने इमदाद की फ़राहमी में रुकावटों की शिकायात पर क़हत के ख़दशात ज़ाहिर किए हैं, जबकि अमरीका ने भी इसी नौईयत का ख़दशा ज़ाहिर किया है। इसराईली हुक्काम का कहना है कि उन्होंने ग़ज़ा में इमदाद की रसाई में इज़ाफ़ा किया है, लिहाज़ा वो ताख़ीर का ज़िम्मेदार नहीं है। इसराईली ओहदेदार ये भी कहते हैं कि ग़ज़ा में इमदाद की तरसील की ज़िम्मेदारी अक़्वाम-ए-मुत्तहदा और इन्सानी हमदर्दी की बुनियाद पर काम करने वाले इदारों की है। इमदादी तंज़ीम वर्ल्ड सेंट्रल के अमले पर इसराईली फ़ौज की फायरिंग और इसमें आस्ट्रेलिया, बर्तानिया और पोलैंड के शहरीयों समेत सात अफ़राद की हलाकत पर इसराईल को आलमी तन्क़ीद का सामना करना पड़ा है। 
जंग के छः माह मुकम्मल : गाजा मलबे के ढेर में तबदील, हम्मास के हमले का नतीजा सिफ़र

    छः माह बाद सूरत-ए-हाल ये है कि फ़लस्तीनी अब सिर्फ मलबे से भरी सड़कों पर ही चल सकते हैं और हर फ़िज़ाई हमले के बाद मज़ीद तबाही देखते हैं। साईकलों पर सवार कैमरा टीम ने मलबे के पहाड़ में ज़िंदगी के कुछ आसार भी देखे। दो औरतें एक छोटे बच्चे के साथ कहीं जा रही थीं। चंद लोग एक रंग-बिरंगी छतरी के नीचे बैठे दिखाई दिए। एक आदमी गधा गाड़ी पर सामान लादे जा रहा था। छः माह के दौरान जंग बंदी की कई कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं, ताहम अब भी अमरीका समेत कई ममालिक उसके लिए कोशां हैं। अमरीकी सदर जो बाईडन ने मिस्र और क़तर की क़ियादत को लिखे एक ख़त में ज़ोर दिया है कि वो जंग बंदी मुआहिदे और इस पर अमल दरआमद के लिए हम्मास पर दबाव डालें। 

✒ आटे का थैला मिलने के इंतेजार में खड़े फ़लस्तीनीयों पर इसराईली टैंकों से हमला, 19 शहीद

    ख़्याल रहे कि इसराईल और हम्मास जंग बंदी मुआहिदा ना होने का ज़िम्मेदार एक दूसरे को ठहराते हैं। अमरीका, क़तर और मिस्र कई माह से पस-ए-पर्दा मुज़ाकरात में मसरूफ़ हैं, जिसका मक़सद जंग बंदी और यरग़मालों की रिहाई है। ताहम नवंबर में एक हफ़्ते की जंग बंदी के अलावा इस मुआमले में कोई ख़ातिर-ख़्वाह पेश-रफ़्त नहीं हो सकी। वर्ल्ड सेंट्रल के क़ाफ़िले पर हमले में सात हलाकतों के बाद माहिरीन के मुताबिक़ बाईडन इंतिज़ामीया के सब्र का पैमाना भी लबरेज़ हो रहा है। यही वजह है कि सदर बाईडन ने इसराईली वज़ीर-ए-आज़म से कहा है कि वो जंगी तर्ज़-ए-अमल तबदील करें वर्ना अमरीका ग़ज़ा से मुताल्लिक़ अपनी पालिसी तबदील करने पर ग़ौर कर रहा है।


For the latest updates of islam

Please क्लिक to join our whatsapp group & Whatsappchannel

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ