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हमास का दावा, लड़ने की सलाहियत बाकी है अब भी

 शव्वाल -1445 हिजरी

बंदों के हुकूक की माफी के लिए सिर्फ तौबा काफी नहीं

'' हजरत अबु हरैरह रदि अल्लाहो अन्हु से रियायत है कि नबी ए करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया, जिसके जिम्मे उसके मुसलमान भाई का कोई हक हो, चाहे वो आबरू का हो या किसी और चीज का, उसे आज ही माफ करा लेना चाहिए। इससे पहले कि न दीनार होगा और न दिरहम होगा। (इससे मुराद कयामत का दिन है, यानी वहां हुकूक की अदायगी के लिए रुपया-पैसा न होगा।) '' 

- बुखारी शरीफ 

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हमास का दावा, लड़ने की सलाहियत बाकी है अब भी

✅ लंदन : आईएनएस, इंडिया

छः माह की जंग और 10 हज़ार जंगजुओं को हलाक कर देने के इसराईली दावे के बावजूद हम्मास का कहना है कि उनके पास लड़ने की सलाहीयत अब भी बरक़रार है। 
    ग़ज़ा में इसराईल की हम्मास के ख़िलाफ़ जंग के छः माह बाद, एक इसराईली फ़िज़ाई हमले में इमदादी कारकुनों के एक ग्रुप के अरकान की हलाकत के बाद, संगीन इन्सानी बोहरान और इस तनाज़ा से निकलने के वाजेह रास्ते की अदम मौजूदगी, इसराईल को तेज़ी से तन्हाई की जानिब धकेल रही है। पीर की रात एक इमदादी ग्रुप के सात अरकान की हलाकत ने, जिनमें से छः ग़ैर मुल्की थे, इसराईल के क़रीबी इत्तिहादियों को भी बरहम (आक्रोशित) कर दिया है, जिससे लड़ाई ख़त्म करने के लिए दबाव में मज़ीद इज़ाफ़ा हुआ है। इसराईल ने इमदादी कारकुनों की हलाकतों में फ़ौज की ग़लती के एतराफ़ के साथ माज़रत करते हुए कहा है कि ये ग़ैर इरादी वाक़िया था। 
    हलाक होने वालों में बर्तानिया, आस्ट्रेलिया, पोलैंड, फ़लस्तीन और दोहरी शहरीयत का एक अमरीकी कैनेडीयन शहरी शामिल है। हालांकि इसराईल की इस वाकिये पर माज़रत ने बैरून-ए-मुल्क बढ़ते इस दबाव को कम नहीं किया जिनमें बर्तानिया, जर्मनी या आस्ट्रेलिया जैसे वो रिवायती दोस्त ममालिक भी शामिल हैं, जहां अब राय आम्मा (आम सहमति) ग़ज़ा में इसराईल की फ़ौजी मुहिम के ख़िलाफ़ होती जा रही है। वर्ल्ड सेंट्रल के कारकुनों की हलाकत के बाद अमरीकी सदर जो बाईडन भी नाराज़ हैं, जिन पर पहले ही अपने हामियों की जानिब से जंग बंद कराने के दबाव में इज़ाफ़ा हो रहा है। 
हमास का दावा, लड़ने की सलाहियत बाकी है अब भी

    वाइट हाउस ने जुमेरात को नेतन्याहू के साथ एक टेलीफ़ोन काल में शहरी नुक़्सानात को कम करने के लिए ठोस और नज़र आने वाले इक़दामात का मुतालिबा करते हुए कहा था कि मुस्तक़बिल में अमरीकी हिमायत का ताय्युन इसराईल के इक़दामात से होगा। उन्होंने जुमेरात को नेतन्याहू को इंतिबाह किया था कि अमरीकी मुआवनत ग़ज़ा के शहरीयों के तहफ़्फ़ुज़ पर मुनहस्सिर है।

इमदारी सामान लेकर सऊदी का तीसरा जहाज़ अल अरेश पहुंचा 

क़ाहिरा : मुत्तहदा अरब अमीरात का तीसरा जहाज़ ग़ज़ा के मुतास्सिरीन के लिए चार हज़ार 630 टन इमदादी सामान लेकर मिस्र की बंदरगाह पोर्ट अल अरेश पहुंच गया। बहरी जहाज़ पर चार हज़ार 218 टन ख़ुराक, 370 टन शेल्टरज़ का सामान और 41 टन तिब्बी इमदाद के अलावा छः पानी के टैंक, दो सेप्टिक टैंक और एक डीज़ल स्टोरेज मौजूद है। 
    अमीरात की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ सदर शेख़ मुहम्मद बिन ज़ाएद ऑल नहयान की हिदायत पर ग़ज़ा मुतास्सिरीन के लिए इमदादी मुहिम चलाई जा रही है। अमीराती हिलाल अह्मर के सेक्रेटरी जनरल राशिद मुबारक अलमंसूरी ने ग़ज़ा में मौजूद टीमों के साथ तंज़ीम की स्ट्रेटजिक मंसूबा बंदी पर ज़ोर दिया ताकि इंतिहाई ज़रूरतमंदों में इमदाद की मूसिर (प्रभावी) तरीक़े से तक़सीम को यक़ीनी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि तंज़ीम ग़ज़ा में बढ़ते इन्सानी चैलेंजों से निपटने के लिए अनथक काम कर रही है। खासतौर पर फ़ूड सिक्योरिटी और बुनियादी अश्या की फ़राहमी पर ज़ोर दिया जा रहा है।
    अमीरात के बहरी जहाज़ के ज़रीये इमदाद ऐसे वक़्त पहुंची है, जब अमरीकी चैरिटी इदारे वर्ल्ड सेंट्रल ने ग़ज़ा में इसराईली फ़िज़ाई हमले के सबब सात इमदादी कारकुनों की हलाकत के बाद अपनी सरगर्मियां रोक दी थी। इससे कब्ल अमीरात ने पहले बहरी जहाज़ से चार हज़ार 16 टन और दूसरे बहरी जहाज़ के ज़रीये चार हज़ार 303 टन इमदादी सामान ग़ज़ा के लिए रवाना किया था। ग़ज़ा के मुतास्सिरीन को तिब्बी सहूलतों फ़राहम करने के लिए एक फ़ील्ड हस्पताल भी क़ायम किया गया है जो 150 से ज़्यादा बिस्तरों पर मुश्तमिल है जहां ज़ख़मीयों का ईलाज किया जा रहा है। हस्पताल में मुख़्तलिफ़ किस्म के ऑप्रेशनों की सहूलत है। याद रहे कि अमीरात के सदर शेख़ मुहम्मद बिन ज़ाएद ने गुज़श्ता नवंबर को फ़लस्तीनी अवाम के लिए इमदादी कार्रवाईयों के आग़ाज़ का हुक्म दिया था।


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