17 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
सनीचर, 5 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं‘मेरी उम्मत में से सबसे पहले मेरे पास हौजे कौसर पर आने वाले वो होंगे जो मु्रासे और मेरे अहले बैत से मोहब्बत करने वाले हैं।’
-जामाह उल हदीस
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गुरु ग्राम : आईएनएस, इंडिया
नूह में तशद्दुद (हिंसा) के एक दिन बाद, तशद्दुद गुरु ग्राम और हरियाणा के दीगर जिलों में भी फैल गया। इस दौरान गुरु ग्राम के सोहना में बनी मस्जिद भी फिरकापरस्त शरपसंद टोले के हुजूम का निशाना बन गई। मीडीया रिपोर्टस के मुताबिक करीब सौ लोगों के हुजूम ने उस जगह पर तोड़ फोड़ की। इस दौरान मस्जिद के अंदर बने मदरसे में पढ़ने वाले 10-12 बच्चों और इमाम के अहले खाना की जिंदगी के लिए बोहरान (संकट) पैदा हो गया। उसी दौरान उनके पड़ोस में रहने वाले मुकामी सिख बिरादरी के लोग आगे आए और अपनी जान की बाजी लगाकर उनके माल-ओ-जान की हिफाजत की।Must Read
मस्जिद के इमाम के मुताबिक तशद्दुद शुरू होते ही सिख बिरादरी के लोग आगे बढ़े और मस्जिद में फंसे उन लोगों को बहिफाजत बाहर निकाला। गुरु ग्राम की शाही मस्जिद के नाम से मशहूर इस मस्जिद में कुछ खानदानों के लिए कमरे और बच्चों के लिए क्लासरूम बनाए गए हैं। मंगल, 1 अगस्त को एक हुजूम ने इस मस्जिद पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि मुकामी लोगों की शिकायत पर नामालूम अफराद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मस्जिद में अपने चार भाईयों के साथ रहने वाले इमाम कलीम ने बताया कि वहां कुल 30 लोग रहते थे। उन्होंने कहा कि हम सब खौफजदा थे लेकिन चूँकि पुलिस ने अमन बरकरार रखने के लिए इलाके में फ्लैग मार्च किया था, इसलिए हमें किसी भी खतरे के बारे में यकीन था, लेकिन जब हमने दोपहर 2.15 बजे फायरिंग की आवाज सुनी तो हम बाहर निकल आए।
उन्होंने कहा कि हमने वहां देखा कि फिरकापरस्तों का हुजूम लाठियों, सलाखों और खतरनाक हथियारों के साथ हमारी तरफ दौड़ रहा है। इमाम कलीम मजीद बताते हैं कि इतने बड़े हुजूम को अपनी तरफ आते देखकर हम डर गए और घर के तमाम अफराद के साथ छुप कर बैठ गए। उन्होंने कहा कि हमें लग रहा था कि आज हमें मार दिया जाएगा, क्योंकि वो पहले ही इस कमरे के करीब पहुंच चुके थे, जहां हम छिपे हुए थे, लेकिन तभी हमारे मुहल्ले में रहने वाले मुकामी लोग बरवक़्त पहुंचे और हमें वहां से निकाल लिया। एक ऐनी शाहिद (चश्मदीद) ने बताया कि मुकामी लोगों ने इस हुजूम को रोका और खवातीन और बच्चों को भी बचाया, उसके साथ ही पुलिस भी 10 मिनट में जाए वारदात पर पहुंच गई।
उन्होंने कहा कि हमने वहां देखा कि फिरकापरस्तों का हुजूम लाठियों, सलाखों और खतरनाक हथियारों के साथ हमारी तरफ दौड़ रहा है। इमाम कलीम मजीद बताते हैं कि इतने बड़े हुजूम को अपनी तरफ आते देखकर हम डर गए और घर के तमाम अफराद के साथ छुप कर बैठ गए। उन्होंने कहा कि हमें लग रहा था कि आज हमें मार दिया जाएगा, क्योंकि वो पहले ही इस कमरे के करीब पहुंच चुके थे, जहां हम छिपे हुए थे, लेकिन तभी हमारे मुहल्ले में रहने वाले मुकामी लोग बरवक़्त पहुंचे और हमें वहां से निकाल लिया। एक ऐनी शाहिद (चश्मदीद) ने बताया कि मुकामी लोगों ने इस हुजूम को रोका और खवातीन और बच्चों को भी बचाया, उसके साथ ही पुलिस भी 10 मिनट में जाए वारदात पर पहुंच गई।
रूहानी इलाज
किसी शख़्स पर कोई बड़ी मुसीबत आन पड़ी हो, और वह किसी तरीके से टल नहीं रही हो, उसे चाहिए बाद नमाजे जोहर 450 मर्तबा ‘हस्बुनल्लाहु व नेअ़मल वकील’ (अव्वल-आखिर 100-100 बार दुरूदे पाक के साथ) पढ़कर मुसीबत दूर होने की दुआ करे। इन्शा अल्लाह जल्द ही मुसीबत से छुटकारा मिल जाएगा। यह अमल 41 दिन करना है।