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मस्जिद हराम में है दुनिया का सबसे बड़ा साउंड सिस्टम, 7 हजार स्पीकर से गूंजती है अजान की आवाज

21 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
मंगल, 14 मार्च 2023

रियाद : आईएनएस, इंडिया 
सदारत आम्मा बराए उमूर हरमैन शरीफैन की जानिब से मस्जिद हराम में मुसलसल देखभाल के लिए बेहतरीन खिदमात की अंजाम दही के साथ मस्जिद हराम में दुनिया का सबसे बड़ा साउंड सिस्टम नसब किया गया है। 
Masjid Haram has the world's largest sound system, the sound of Ajan echoes with 7 thousand speakers
    मस्जिद हराम में नसब जदीद तरीन साउंड सिस्टम दुनिया का सबसे बड़ा सूती निजाम है। ये निजाम जदीद तरीन एंटीना और हसासीयत के साथ काम करता है जो जदीद आलात का इस्तिमाल करते हुए उस जगह की जरूरीयात के मुताबिक तैयार किया गया है। इस निजाम को चलाने के लिए तर्बीयत याफताह माहिरीन मुकर्रर हैं जो चौबीस घंटे इस सिस्टम के जरीये आडीयो सिगनल को अल्लाह के मुकद्दस घर और मस्जिद हराम के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए मसरूफ रहते हैं। मस्जिद हराम में इलेक्ट्रॉनिक बिजनेस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर इंजीनियर सएद बिन खलफ अलामरी ने मस्जिद में कम्यूनीकेशन एंड मीडिया एजेंसी से बात करते हुए कहा कि आडियो सिस्टम अजान के मेयार के मुताबिक तैयार किया गया है। 
    सिस्टम में अजान और इकामत के साथ नमाज पंजगाना भी अदा की जाती है। हर नमाज से पहले मुस्तकिल पर 120 से ज्यादा इंजीनियर और तकनीकी माहिरीन काम करते हैं। मस्जिद हराम में कुल 7000 से ज्यादा स्पीकर नसब हैं। ये अमला आडियो नेटवर्क को फीड करने के लिए मुस्तकिल बुनियादों पर काम करता है। साउंड सिस्टम मस्जिद हराम के हालों, सेहनों और गैलरियों हत्ता कि अतराफ की सड़कों तक आवाज पहुँचाता है। 
    आडियो सिस्टम को चलाने के लिए दो साइट्स से इसकी निगरानी की जाती है, जब उसका एक मर्कजी कंट्रोल रुम में मस्जिद हराम की दूसरी सऊदी में है, जिसे एक कंपनी चलाती है। आवाज को माईक्रोफोन के जरीये आला दर्जे की हसासीयत के साथ पहुंचाया जाता है जो मक्का मुकर्रमा की मस्जिद हराम के मोअज्जनों और इमामों की आवाजों को एक आडीयो बैलेंस के मुताबिक पकड़ता है जिस पर रोजाना की बुनियाद पर काम किया जा रहा है ताकि तमाम हिस्सों में आवाज के मेयार को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने मजीद कहा कि कंट्रोल रूम्ज के अंदर से आवाज का तवाजुन इस तरह से किया जाता है कि इससे नमाजियों को किसी किस्म की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। इमाम और मोअज्जिÞन की आवाज मस्जिद के तमाम अंदरूनी और बैरूनी मुकामात में यकसाँ पहुँचती और सुनी जाती है।



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