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1 लाख 20 हजार साल बाद तारीख का सबसे गर्म महीना रहा जुलाई

15 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमेरात, 3 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘नमाजों में एक नमाज ऐसी है, जो किसी से छूट जाए तो गोया उसका घर-बार सब बर्बाद हो गया। वो नमाज, नमाजे असर है।’
- सहीह बुखारी 
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सऊदी अरब में टेंपरेचर 50 डिग्री तक बढ़ने का इमकान 
ईरान शदीद गर्मी के चलते दो रोज की छुट्टी 


After 1 lakh 20 thousand years, July was the hottest month on date

न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया 

जुलाई खत्म होते ही साईंसदानों ने कहा कि ये इन्सानी तारीख का गर्मतरीन महीना बन चुका है। इन्सानी तहजीब ने इससे ज्यादा गर्मी कभी नहीं देखी। सार्इंसदानों के मुताबिक अब बात ग्लोबल वारमिंग से आगे निकल रही है। जमीन तप नहीं रही, बल्कि दहक रही है। मौसमियात के आलमी इदारों ने कहा है कि 2023 का जुलाई एक लाख 20 हजार बरसों का सबसे गर्म महीना बन गया। वॉल्ड मेटरोजीकल आर्गेनाईजेशन और योरपी यूनीयन के मौसमियाती इदारे कूपरनेक्स क्लाइमेट चेंज सर्विस ने कहा कि जुलाई की गर्मी साबिका (पूर्व) रिकार्ड तोड़ने की सतह से कहीं आगे निकल गई है। उमूमी तौर पर रिकार्ड उस वक़्त टूटता है, जब दर्जा हरारत (टेंपरेचर) में एक डिग्री के दसवें हिस्से के बराबर इजाफा होता है। लेकिन इस माह के दौरान होने वाला इजाफा 2019 में कायम होने वाले रिकार्ड से 0.6 डिग्री यानी रिकार्ड बनाने के लिए दरकार सतह से छ: गुना ज्यादा है। 
    जमीन को गर्म होने से बचाने के लिए दुनिया-भर के साईंसदानों ने 2015 में पेरिस में एक मुआहिदा किया था, जिसमें कहा गया था कि आलमी दर्जा हरारत को सनअती दौर से पहले के दर्जा हरारत से ज्यादा से ज्यादा डेढ़ डिग्री सेंटीग्रेड तक महदूद कर दिया जाएगा। दर्जा हरारत को बढ़ने से रोकने के लिए कार्बन गैसों के इखराज (उत्सर्जन) पर कंट्रोल किया जाएगा और उसे बतदरीज (क्रमश:) कम करते हुए सिफर (शून्य) की सतह पर लाया जाएगा। ये तो हम सब जानते हैं कि फैक्ट्रियों, मोटरगाड़ियों और इन्सान के जेर-ए-इस्तेमाल दीगर आलात (चीजों) से खारिज होने वाले धुएं में बड़ी मिकदार (मात्रा) कार्बन गैसों की होती है। ये गैसें कुर्राह हवाई की बुलंदी पर पहुंच कर जमीन से वापिस जाने वाली हरारत का रास्ता रोक देती हैं, जिससे जमीन गर्म होना शुरू हो जाती है। 
    जमीन पर दर्जा हरारत का तवाजुन (संतुलन) कायम रखने का कुदरती निजाम ये है कि दिन के वक़्त सूरज की गर्मी से जमीन का दर्जा हरारत बढ़ता है और रात पड़ने पर जमीन से हरारत खारिज हो कर वापिस खला (शून्य) में चली जाती है जिससे दर्जा हरारत एतदाल में रहता है। सनअती तरक़्की (औद्योगिक विकास) के आगाज से पहले ये निजाम अरब में बरसों से खुश-उस्लूबी से चल रहा है लेकिन 1760 के लगभग जब इन्सान ने पहली मशीन बनाई और उसने धुआँ उगलना शुरू किया तो इससे कुदरत के निजाम में खलल का भी आगाज हो गया। जैसे-जैसे फिजा में कार्बन गैसों की मिकदार बढ़ रही है, जमीन भी गुस्से से गर्म होती जा रही है।

ईरान शदीद गर्मी के चलते दो रोज की छुट्टी 

तेहरान : ईरान में गर्मी की गैरमामूली शिद्दत के बाइस दो रोज की आम तातील (सार्वजनिक अवकाश) का ऐलान कर दिया गया, अस्पतालों में हाई अलर्ट करने के अलावा मुअम्मर और बीमार अफराद को घरों में रहने की हिदायत की गई है। ईरानी हुक्काम के मुताबिक गर्मी की शिद्दत के बाइस बुध और जुमेरात को आम तातील होगी, मुल्क के अस्पतालों में हाई अलर्ट कर दिया गया है। रवां हफ़्ते ईरानी शहर अलहाज में दर्जा हरारत 51 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा पहुंचा। इधर दार-उल-हकूमत तेहरान में बुध को दर्जा हरारत 39 डिग्री तक जाने का इमकान जाहिर किया गया है, ईरान के शुमाली (उत्तरी) इलाके इन दिनों गैरमामूली गर्मी की लपेट में हैं।

सऊदी अरब में टेंपरेचर 50 डिग्री तक बढ़ने का इमकान 

रियाद : कौमी मर्कज बराए मौसमियात (एनसीएम) के मुताबिक सऊदी अरब में इतवार से लेकर अगले सनीचर तक दर्जा हरारत में 50 डिग्री सेंटीग्रेड तक बढ़ सकता है। मशरिकी (पूर्वी) सूबा में दर्ज हरारत 48 से 50 डिग्री के दरमियान रहेगा, जबकि रियाद के मशरिकी (पूर्वी) और जुनूबी (दक्षिणी) हिस्सों में दर्जा हरारत 46 से 48 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाएगा। ममलकत की वजारत-ए-सेहत ने गुजिशता हफ़्ते एक इंतिबाह (चेतावनी) जारी किया जिसमें लोगों पर जोर दिया गया था कि वो आने वाली शदीद गर्मी की लहर की वजह से बाहर निकलते वक़्त एहतियात करें। 

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    वजारत ने गर्मी की लहर के खतरात से खबरदार करते हुए अवाम से कहा है कि वो सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के दरमयान बाहर जाने से गुरेज करें। मुल्कभर में हफ़्ते के आखिर में दर्जा हरारत 45 से 49 डिग्री सेंटीग्रेड के दरमयान रहने के बाद अब तक की बलंद तरीन सतह को छूने लगा है। 
    वाजेह रहे कि साईंसदानों ने तसदीक की है कि जुलाई जमीन पर रिकार्ड होने वाला अब तक का गर्मतरीन महीना रहा। अक़्वाम-ए-मुत्तहदा के जनरल सेक्रेटरी अन्तोनियो ने मौसमियाती तबदीलीयों से मुताल्लिक इंतिबाह (चेतावनी) जारी करते हुए कहा कि अब उबलने का दौर आ गया है। उन्होंने जुमेरात को न्यूयार्क में अकवाम-ए-मुत्तहिदा के हेडक्वार्टर में एक प्रेस कान्फे्रंस में बताया कि जुलाई के तीन हफ़्तों में रिकार्ड गर्मी पड़ी। इसी महीने तीन गर्मतरीन दिन और गर्मतरीन समुंद्री दर्जा हरारत भी रिकार्ड किया गया। उनका मजीद कहना था कि मौसमियाती तबदीली यहां पहुंच चुकी है। ये बेहद खौफनाक है और अभी तो ये महज आगाज है।

रूहानी इलाज

किसी शख़्स पर कोई बड़ी मुसीबत आन पड़ी हो, और वह किसी तरीके से टल नहीं रही हो, उसे चाहिए बाद नमाजे जोहर 450 मर्तबा ह्यहस्बुनल्लाहु व नेअ़मल वकीलह्ण (अव्वल-आखिर 100-100 बार दुरूदे पाक के साथ) पढ़कर मुसीबत दूर होने की दुआ करे। इन्शा अल्लाह जल्द ही मुसीबत से छुटकारा मिल जाएगा। यह अमल 41 दिन करना है।


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