17 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
सनीचर, 5 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं‘मेरी उम्मत में से सबसे पहले मेरे पास हौजे कौसर पर आने वाले वो होंगे जो मु्रासे और मेरे अहले बैत से मोहब्बत करने वाले हैं।’
-जामाह उल हदीस
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
ज्ञानवापी के (आर्कियोलाजी सर्वे आफ इंडिया) एएसआई सर्वे पर जुमा को सुप्रीमकोर्ट में समाअत हुई। मुस्लिम फरीक की दरखास्त पर अदालत ने कहा कि हम हाईकोर्ट के हुक्म में मुदाखिलत क्यों करें, अदालत ने मुस्लिम फरीक से पूछा कि एएसआई के सर्वे पर एतराज क्यों है; कोर्ट ने कहा कि सर्वे से मुस्लिम फरीक को कोई नुक़्सान नहीं होने वाला है। इतना ही नहीं सुप्रीमकोर्ट ने मश्वरा दिया है कि सर्वे होने दिया जाए। कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में पेश करने के लिए कहा है।
अदालत ने कहा कि सर्वे बेहतर तरीकों से किया जाए। एएसआई ने वाजेह किया है कि सारा सर्वे बगैर किसी खुदाई के और ढाँचे को कोई नुक़्सान पहुंचाए बगैर मुकम्मल किया जाएगा। कब्लअजीं इलाहाबाद हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद एएसआई की टीम ने जुमेरात सुबह 8 बजे से ज्ञानवापी में सर्वे शुरू किया। 4 घंटे बाद यानी 12 बजे नमाज के लिए सर्वे रोक दिया गया। उसके बाद दोपहर से फिर सर्वे शुरू हुआ। इस बार एएसआई की टीम में 61 अरकान (सदस्य) हैं। यानी पिछली बार से 40 मेंबर्ज ज्यादा हैं।
सर्वे के लिए ज्ञानवापी कैम्पस को 4 ब्लॉक्स में तकसीम किया गया है। चारों तरफ कैमरे नसब हैं। वीडियोग्राफी की जा रही है। ज्ञान वापी की मगरिबी (पूर्वी) दीवार पर सबसे ज्यादा फोकस है। दीवार की बारीक स्कैनिंग की जा रही है। नमूने देखे जा रहे हैं। हिंदू फरीक एएसआई के साथ हैं। लेकिन मुस्लिम फरीक ने सर्वे में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। मुस्लिम फरीक ज्ञान वापी तक नहीं पहुंचा। नमाज-ए-जुमा के पेश-ए-नजर रियासत में हाई अलर्ट है। ज्ञान वापी के आस-पास बड़ी तादाद में फोर्सिज तायिनात हैं।
वाराणसी की मुकामी अदालत ने एएसआई को सर्वे करने और 4 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन मुस्लिम फरीक सुप्रीमकोर्ट और फिर हाईकोर्ट पहुंच गया। एएसआई सर्वे नहीं कर सका। ऐसे हलफनामा में अदालत में मजीद वक़्त मांगा गया है। ख़्याल रहे कि जुमेरात को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को ज्ञान वापी का साईंसी सर्वे करने की इजाजत दी थी। जस्टिस दीवाकर ने कहा कि इन्साफ के मुफाद में सर्वे जरूरी है। मुझे इस दलील में कोई खूबी नजर नहीं आती कि एएसआई दीवार खोदे बगैर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।
अदालत ने सर्वे रोकने के लिए अंजुमन इंतिजामीया मस्जिद कमेटी की दरखास्त मुस्तर्द कर दी थी। इस दौरान मुस्लिम फरीक ने हाईकोर्ट के हुक्म के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का रुख किया। एडीशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (सिटी) आलोक कुमार वर्मा ने सर्वे टीम के साथ हिंदू की तरफ से 7 और मुस्लिम फरीक के 9 लोगों को अंदर जाने की इजाजत दी है।
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ज्ञानवापी के (आर्कियोलाजी सर्वे आफ इंडिया) एएसआई सर्वे पर जुमा को सुप्रीमकोर्ट में समाअत हुई। मुस्लिम फरीक की दरखास्त पर अदालत ने कहा कि हम हाईकोर्ट के हुक्म में मुदाखिलत क्यों करें, अदालत ने मुस्लिम फरीक से पूछा कि एएसआई के सर्वे पर एतराज क्यों है; कोर्ट ने कहा कि सर्वे से मुस्लिम फरीक को कोई नुक़्सान नहीं होने वाला है। इतना ही नहीं सुप्रीमकोर्ट ने मश्वरा दिया है कि सर्वे होने दिया जाए। कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में पेश करने के लिए कहा है।अदालत ने कहा कि सर्वे बेहतर तरीकों से किया जाए। एएसआई ने वाजेह किया है कि सारा सर्वे बगैर किसी खुदाई के और ढाँचे को कोई नुक़्सान पहुंचाए बगैर मुकम्मल किया जाएगा। कब्लअजीं इलाहाबाद हाईकोर्ट से इजाजत मिलने के बाद एएसआई की टीम ने जुमेरात सुबह 8 बजे से ज्ञानवापी में सर्वे शुरू किया। 4 घंटे बाद यानी 12 बजे नमाज के लिए सर्वे रोक दिया गया। उसके बाद दोपहर से फिर सर्वे शुरू हुआ। इस बार एएसआई की टीम में 61 अरकान (सदस्य) हैं। यानी पिछली बार से 40 मेंबर्ज ज्यादा हैं।
सर्वे के लिए ज्ञानवापी कैम्पस को 4 ब्लॉक्स में तकसीम किया गया है। चारों तरफ कैमरे नसब हैं। वीडियोग्राफी की जा रही है। ज्ञान वापी की मगरिबी (पूर्वी) दीवार पर सबसे ज्यादा फोकस है। दीवार की बारीक स्कैनिंग की जा रही है। नमूने देखे जा रहे हैं। हिंदू फरीक एएसआई के साथ हैं। लेकिन मुस्लिम फरीक ने सर्वे में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। मुस्लिम फरीक ज्ञान वापी तक नहीं पहुंचा। नमाज-ए-जुमा के पेश-ए-नजर रियासत में हाई अलर्ट है। ज्ञान वापी के आस-पास बड़ी तादाद में फोर्सिज तायिनात हैं।
वाराणसी की मुकामी अदालत ने एएसआई को सर्वे करने और 4 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन मुस्लिम फरीक सुप्रीमकोर्ट और फिर हाईकोर्ट पहुंच गया। एएसआई सर्वे नहीं कर सका। ऐसे हलफनामा में अदालत में मजीद वक़्त मांगा गया है। ख़्याल रहे कि जुमेरात को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को ज्ञान वापी का साईंसी सर्वे करने की इजाजत दी थी। जस्टिस दीवाकर ने कहा कि इन्साफ के मुफाद में सर्वे जरूरी है। मुझे इस दलील में कोई खूबी नजर नहीं आती कि एएसआई दीवार खोदे बगैर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।
अदालत ने सर्वे रोकने के लिए अंजुमन इंतिजामीया मस्जिद कमेटी की दरखास्त मुस्तर्द कर दी थी। इस दौरान मुस्लिम फरीक ने हाईकोर्ट के हुक्म के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का रुख किया। एडीशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (सिटी) आलोक कुमार वर्मा ने सर्वे टीम के साथ हिंदू की तरफ से 7 और मुस्लिम फरीक के 9 लोगों को अंदर जाने की इजाजत दी है।