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जब अचानक गायब हो गया खाना-ए-काअबा का साया

30 जिल हज्ज, 1444 हिजरी
बुध, 19 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं
‘जो चीज सबसे ज्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी वह खौफ-ए-खुदा और हुस्ने अखलाख है।’
- तिर्मिजी
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रियाद : आईएनएस, इंडिया 
मक्का मुकर्रमा के आसमान पर गुजिश्ता रोज इतवार को खाना-ए-काअबा पर साल 2023 का सूरज दूसरी और आखिरी बार अमूदी हालत (लंबवत अवस्था) में देखा गया। 
जब अचानक गायब हो गया खाना-ए-काअबा का साया
    जद्दा में कायम फलकियाती (खगोलीय) सोसाइटी के मुताबिक ये फलकियाती वाकिया तब पेश आता है, जब सूरज खत-ए-सर्तान  से जुनूब की तरफ खत-ए-इस्तिवा (कर्क रेखा से दक्षिण की ओर भूमध्य रेखा) की तरफ आता है। इस दौरान जब ये मेरेडीयन के वस्त (बीच) में यानी काअबा तकरीबन 90 डिग्री की बुलंदी पर होता है, तो मेरेडीयन का साया सिफर (शून्य) हो जाता है और काअबा का साया नजर नहीं आता है। 
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जददा में फलकियाती सोसाइटी के सरबराह, इंजीनियर माजिद अब्बू जुहरा ने वजाहत की कि सूरज के काअबा के ऐन ऊपर होने की वजह जमीन के ग्रदशी महवर (धूर्व अक्ष) का 23.5 डिग्री के जाविए (कोण) पर झुकाव है, जो साल में एक बार सूरज के गिर्द जमीन की गर्दिश के दौरान खत-ए-इस्तिवा से गुजरते हुए शुमाल (उत्तर) में खत-ए-सर्तान और जुनूब में जद्दी के दरमयान सूरज की बजाहिर मुंतकली (शिफ्टिंग) का बाइस बनता है। ये बात काबिल-ए-जिÞक्र है कि सूरज की पहली अमूदी हालत इस साल मई 2023 में थी जबकि अगले साल मई 2024 में दुबारा सूरज काअबा के ऐन ऊपर आएगा।

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