9 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमा, 28 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं‘जो चीज सबसे ज्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी वह खौफ-ए-खुदा और हुस्ने अखलाख है।’
- तिर्मिजी
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रियाद : आईएनएस, इंडिया -------------------------
इदारा अमीर हरमीन शरीफैन की इंतिजामीया का कहना है कि हरम मक्की और मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में यौम आशूरा के मौका पर रोजादारों की इफतारी के इंतिजामात मुकम्मल कर लिए गए हैं। आजिल न्यूज के मुताबिक हरमैन शरीफैन में नमाज-ए-जुमा की अदायगी के हवाले से भी इंतिजामात को हतमी (अंतिम) शक्ल दे दी गई है।
हरमैन में नमाज-ए-जुमा के लिए आने वालों की सहूलत के लिए इजाफी कारकुनों की जिÞम्मेदारियां भी लगा दी गई हैं जो मस्जिद अल हरम और मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में लोगों की आमद-ओ-रफत को मुनज्जम (व्यवस्थित) रखने में तआवुन करेंगे ताकि जाइरीन और रोजादारों को किसी किस्म की दुशवारी का सामना ना करना पड़े। इदारा अमीर हरमैन का कहना है कि आशूरा के रोजे के हवाले से भी तमामतर इंतिजामात मुकम्मल कर लिए गए हैं। नमाज मगरिब से कुछ देर कब्ल रोजा दारों को इफतारी के लिए खजूरें, आब-ए-जमजम और ड्राई फ्रूट वगैरह फराहम किया जाएगा।
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वाजिह रहे कि मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में रमजान उल-मुबारक के अलावा आशूरा के मौका पर रोजा दारों के लिए खुसूसी इफतार दस्तर-ख़्वानों का एहतिमाम किया जाता है। वो अफराद, जो मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में रोजा दारों को इफतारी कराने के खाहां होते हैं, उन्हें इफतारी दस्तर-ख़्वान लगाने का खुसूसी परमिट हासिल करना होता है। हरमैन शरीफैन में रोजा दारों को इफतारी कराने के जवाबत (नियम कानून) मुकर्रर हैं, जिनकी पाबंदी करना लाजिÞमी होती है। मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के अंदरूनी हिस्सों में दस्तर-ख़्वान लगाने वालों को रोटी, खजूर, अरबी कहवा, दही या लस्सी ले जाने की इजाजात है।