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श्रीनगर : ऐसा लगा, जैसे हम कर्बला में हैं, चौंतीस साल बाद निकला जुलूस मुहर्रम

9 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमा, 28 जुलाई, 2023
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अकवाले जरीं
‘जो चीज सबसे ज्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी वह खौफ-ए-खुदा और हुस्ने अखलाख है।’
- तिर्मिजी
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श्रीनगर : आईएनएस, इंडिया 
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श्रीनगर में जाइद अज तीन दहाईयों के बाद रिवायती रास्तों से जुमेरात यानी 8 मुहर्रम को मुहर्रम जलूस बरामद हुआ, जो शहीद गंज से निकल कर ब रास्ता मौलाना आजाद रोड, डल गेट पहुंचकर इखतेताम पजीर (समापन) हुआ। ख़्याल रहे कि इंतेजामिया ने जलूस को सुबहा 6 से 8 बजे तक दो घंटों की इजाजत दी थी। जलूस में शिरकत करने के लिए जुमेरात की सुबह से ही हजारों की तादाद में लोग शहीद गंज जमा हुए जिसके बाद जलूस रिवायती रास्तों से डलगेट की तरफ रवाना हुआ। 
श्रीनगर : ऐसा लगा, जैसे हम कर्बला में हैं, चौंतीस साल बाद निकला जुलूस मुहर्रम
´Image google

    जुलूस में शरीक अजादार कश्मीरी और उर्दू जबान में नौहे पढ़ रहे थे और कर्बला के मसाइब याद करके सीना कूबी (छाती पीटना) कर रहे थे। अजादार जिनकी अक्सरीयत स्याह लिबास में मलबूस थी, हाथों में पर्चम उठाए हुए थे, जिन पर ‘या हुसैन’ लिखा हुआ था। एक अजादार ने बताया कि तीन दहाईयों के बाद इस जलूस में शिरकत कर रहा हूँ जो मेरे लिए एक बड़ी 'सआदत है। इस अजादार ने कहा कि काफी इंतिजार के बाद ये जलूस रिवायती रास्तों से बरामद हुआ, ऐसा लगा, जैसे मैं कर्बला में हूँ, लोगों में काफी जोश-ओ-जज्बा था। उसी बीच इंतिजामीया ने जलूस की पुरअम्न बरआमदगी को यकीनी बनाने के लिए सिक्योरिटी का मिसाली बंद-ओ-बस्त किया था। 

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    एडीशनल डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस कश्मीर विजय कुमार ने मीडीया को बताया कि जलूस के लिए थ्री टायर सिक्योरिटी का बंद-ओ-बस्त किया गया था। उन्होंने कहा कि ये शीया बिरादरी का पिछले तीन चार बरसों से मुतालिबा था, हुकूमत ने फैसला लिया तो हमने तमाम सिक्योरिटी एजेंसियों से मीटिंग की। उनका कहना था कि सिक्योरिटी के कड़े इंतिजामात किए गए थे और सब कुछ पुरअम्न तरीके से हुआ। 


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