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हक के लिए थी इमाम हुसैन की शहादत : आलिमा रुखसाना

8 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमेरात, 27 जुलाई, 2023
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अकवाले जरीं
‘हसन और हुसैन (रदिअल्लाहो अन्हो) मेरे बेटे और मेरी बेटी फातिमा (रदिअल्लाहो अन्हो) के बेटे हैं, मैं इन दोनों से मोहब्बत करता हूं, तू भी इन दोनों से मोहब्बत फरमा और इन दोनों से मोहब्बत करने वालों से भी मोहब्बत फरमा।’
- बुखारी शरीफ 
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हक के लिए थी इमाम हुसैन की शहादत : आलिमा रुखसाना

अंजुमन हुसैनिया ने हाजियों, पढ़ाई में बेहतर मुजाहिरा करने वाली बेटियों 
और सोशल तंजीमों का किया इस्तकबाल 

नई तहरीक : भिलाई
मोहर्रम के मुकद्दस महीने में शहीदान-ए-कर्बला की याद के साथ अंजुमन हुसैनिया की जानिब से खुर्सीपार में तकरीर व कुरआन ख्वानी का सिलसिला जारी है। इसक अलावा दरख्त लगाने, मरीजों को फल तकसीम और पढ़ाई में बेहतरीन कारकर्दगी का मुजाहिरा करने वाली बेटियों की हौसला अफजाई के लिए उनका इस्तकबाल करने समेत मुख्तलिफ प्रोग्राम भी अंजुमन की जानिब से मुनाकिद किए जा रहे हैं। 
हक के लिए थी इमाम हुसैन की शहादत : आलिमा रुखसाना

    जोन 1, सड़क 20, खुर्सीपार में अंजुमन हुसैनिया कमेटी की जानिब से इमामबाड़ा में मुनाकिद मुख्तलिफ प्रोग्राम के जुमतरे में 24 जुलाई को स्कूली पढ़ाई में बेहतर नताईज लाने वाली बेटियों और हज्जे बैतुल्लाह से लौटे हाजियों का इस्तकबाल किया गया। इसके अलावा मआशरे में औरतों की बेहतरी के लिए काम कर रही तंजीमों का भी इस्तकबाल किया गया। 
    इस दौरान दोपहर में आलिमा रुख्साना ने कर्बला में इमाम आली मकाम इमाम हुसैन की शहादत की जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) की शहादत हक के लिए थी। इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) जंग करने खुद कर्बला नहीं गए थे, उन्हें बुलाया गया था। आप (अलैहिस्सलाम) अपने साथ बच्चों और औरतों के साथ कर्बला गए थे। एक तरफ 72 हुसैनी थे और दूसरी तरफ बीस हजार की यजीदी फौज थी। आप सोच सकते हैं, क्या यह जंग एकतरफा नहीं थी, जहां छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को कत्ल किया गया। छोटे-छोटे बच्चों को पानी के लिए तरसाया गया। पानी के बदले तीर उनके गले पर  मारा गया।  इसके बावजूद बातिल हार गया और इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) का सब्र जीत गया। आज हालत यह है कि यजीद का कोई नाम लेवा नहीं है, जबकि हुसैन (अलैहिस्सलाम) के नाम की चर्चा घर-घर में हो रही है। 
    वहीं रात में नमाज-ए-ईशा के बाद मुफ़्ती मुकर्रिरे खुसूसी हजरत अल्लामा मौलाना मुफ्ती कलीमुल्लाह खान रिजवी, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) की  तकरीर हुई। इस दौरान मंच से इस्तकबालिया प्रोग्राम हुआ। जिसमें इस साल हज का फरीजा अंजाम देकर लौटे खुशकिस्मत हाजियों को नवाजा गया। इसमें खुर्सीपार से हज पर जाने वाले हाजी जमीर बेग, हाजी फिरोज, मोहर्रम भाई, ओवैस अहमद और तीन हज्जन का भी इस्तकबाल किया गया। इसके पहले दोपहर में अंजुमन की ओर से स्कूली पढ़ाई में बेहतर नताईज लाने वाली बेटियों का इस्तकबाल किया गया। इनमें कक्षा 8 वीं से जोया फातमा, शाइस्ता, सुहाना बानो, सना आलम, जरीना बानो, सना परवीन, कक्षा 10वीं  से शिरीन परवीन, शिफा परवीन, शमा परवीन, फलक सिद्दीकी, शहनाज खातून, कक्षा 12 वीं से आफरीन बानो, शसाफ सलोनी, अल्फिया परवीन, तरन्नुम बानो शामिल हैं। 
    इसके अलावा मआशरे की बेहतरी के लिए काम कर रही अल मदद वेलफेयर सोसाइटी का भी इस्तकबाल किया गया। प्रोग्राम को कामयाब बनाने में सहरुन्निसां, मुसर्रत अफरोज, शाहीन परवीन, मैमून निसां, फरीदा, सितारा बनो, नजमा बानो और रईसा बानो समेत दीगर ने बेहतरीन किरदार अदा किया। 


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