9 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमा, 28 जुलाई, 2023
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अकवाले जरीं
‘जो चीज सबसे ज्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी वह खौफ-ए-खुदा और हुस्ने अखलाख है।’
- तिर्मिजी
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- मुहर्रम पर शहर में हो रहे मुतअद्दिद प्रोग्राम, 29 को निकलेगा ताजिया
नई तहरीक : भिलाई
हक के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले कर्बला के शहीदों की याद में मुहर्रम पर शहर में 10 दिन मुतअद्दिद प्रोग्राम हो रहे हैं। इसी कड़ी में जुमेरात को भी तकरीर का सिलसिला जारी रहा। अब 29 जुलाई को ताजिए के साथ जुलूस निकालने की तैयारी को हतमी शक्ल दी जा रही है।
अंजुमन हुसैनिया कमेटी की ओर से इमामबाड़ा जोन 1, सड़क 20, खुसीर्पार में मुहर्रम पर हर रोज मुख्तलिफ प्रोग्राम मुनाकिद किए जा रहे हैं। जहां मुकर्रिरे खुसूसी हजरत अल्लामा मौलाना मुफ्ती कलीमुल्लाह खान रिजवी, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) तकरीर में कर्बला के शहीदों का वाकेया बयान कर रहे हैं। अंजुमन के खास बुलावे पर जुमेरात को पैगंबर हजरत मुहम्मद के वंशज, आले नबी, औलादे अली, फर्जंद ए गौसे आजम, हजरत सैयद आलमगीर अशरफ, अशरफी उल जिलानी यहां पहुंचे। अंजुमन के सदर हुसैन अली अशरफी और तमाम लोगों की ओर से गुलपोशी के साथ हजरत का इस्तकबाल किया गया। इस दौरान कमालुद्दीन अशरफी, अरशद अय्यूब, जावेद अहमद, आरिफ अय्यूब, तौहीद, आरिफ हुसैन, राजा, सुल्तान अली, अशफाक अहमद और मोहम्मद शमीम सहित कई लोग मौजूद थे। हजरत आलमगीर अशरफ यहां तकरीर करेंगे और इस्तकबालिया प्रोग्राम में शिरकत करेंगे।
हजरत बाबा भोला शफी शाह रहमतुल्लाह अलैह की खानकाह में लहराया पर्चम
इसके पहले नंदिनी एयरोड्रम के पास ग्राम बीरेभाठ स्थित सूफी संत हजरत बाबा भोला शफी शाह रहमतुल्लाह अलैह की खानकाह में शहीदाने कर्बला की याद में परचम लगाया गया। खादिम मुहम्मद हसन साबरी व तमामी पीर भाईयो के साथ निशान शरीफ के बांस को गुलाब जल से धोकर, खुशबू लगा कर परचम लगाया गया। उसके बाद निशान शरीफ को अदब व एहतराम के साथ लगाया गया। यहां मौजूद लोगों में शरबत व शीरीनी तकसीम की गई। यह अलम (ध्वज) अगले साल की 7 मोहर्रम तक लहराता रहेगा।
जामा मस्जिद सेक्टर-6 में दो दिन तकरीर
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मुहर्रम के मौके पर जामा मस्जिद सेक्टर-6 में दो दिन की तकरीर जुमेरात की शाम से शुरू हुई। मुहर्रम की 8 व 9 तारीख में यहां रात में नमाज-ए-ईशा के बाद तकरीर में कर्बला के शहीदों का जिक्र हो रहा है। जिसमें मुकर्रिर आली मुफ्ती अब्दुल कलीम इमामो खतीब, जोन 2 मस्जिद, खुसीर्पार हैं। नात ए पाक और निजामत हाफिज मंजर हसन साहब कर रहे हैं। तकरीर 28 जुलाई को भी रात 9 बजे होगी।