9 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
जुमा, 28 जुलाई, 2023
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अकवाले जरीं‘जो चीज सबसे ज्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी वह खौफ-ए-खुदा और हुस्ने अखलाख है।’
- तिर्मिजी
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सावन महीने में कांवड़ यात्रियों की जानिब से हो रही परेशानियों से वाकिफ कराया
नई तहरीक : बरेली शरीफसावन महीने में धार्मिक यात्राओं के नाम पर होने वाले उपद्रव के सबब बदहाल हो रहे जनजीवन, बदहाल होती जा रहा कानूनी निजाम के अलावा मुख्तलिफ तरीक से परेशान हो रहे मुस्लिम मआशरे की जानिब ध्यान मबजूल कराने वजीरे आला, उत्तर प्रदेश को कलेक्टर की जानिब से मेमोरेंडम इर्साल किया है।
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आॅल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) ने अपने मेमोरेंडम में बताया कि सावन माह में धार्मिक यात्राओं के नाम पर कुछ उपद्रवी जिला बरेली में कई मुकाम समेत रियासतभर में लगातार एक खुसूसी मआशरे को टारगेट करके उपद्रव कर रहे हैं, जिससे कानून का निजाम बदहाल होता जा रहा है। हालत यह है कि उपद्रवियों के सामने पुलिस के इकबाल की कोई अहमियत नजर नहीं आ रही है। धार्मिक यात्राओं की आड़ में उपद्रवी आए दिन पुलिस जवानों की पिटाई कर रहे हैं और उनकी वर्दियां फाड़ रहे हैं। यहां तक कि सीनियर खातून पुलिस अहलकार तक को नहीं छोड़ा जा रहा है, दबाव बनाकर उन्हें माफी मांगने पर मजबूर किया जा रहा है। यात्रा को मनमाने रास्तों से निकालने की जिÞद में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है, पुलिस पर दबाव बनाकर ऐसे नए रास्तों से यात्रा निकाली जा रही है, जहां से पहले कभी यात्रा नहीं निकाली गईं। मेमोरेंडम में उन्होंने बरेली शहर में थाना बारादरी इलाके में जोगी नवादा से होकर 23 जुलाई को निकाली गई कांवड यात्रा की शिकायत करते हुए कहा कि रास्ते में शाह नूरी मस्जिद के सामने कांवड़यात्रियों ने हुड़दंग किया, मस्जिद पर रंग फेंका और अपशब्दों से भरे नारे लगाए। यहां तक कि मस्जिद पर पथराव भी किया गया। बाद में पुलिस के आला अफसरों ने भी मीडिया में बयान दिया कि वहां कुछ फेंका गया था और पथराव दोनों तरफ से हुआ था, मगर मुकदमा सिर्फ मुस्लिम फरीक के खिलाफ दर्ज किया गया। मामले में सिर्फ एक फरीक पर कार्रवाई की गई जबकि पुलिस खुद मान रही है कि पथराव दोनों ओर से हुआ था। इस मामले में उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई करने की मांग की है।
इसी तरह जिÞला बरेली की आँवला तहसील के मनौना में कावड़िये तयशुदा रास्ता छोड़ कर नए रास्ते से कावड़ यात्रा निकालने अड़े रहे। लगातार हंगामा करते रहे, बाद में अहलकारों की सूझबूझ से तयशुदा रास्ते ही कावड़ यात्रा निकाली गई जिससे आंवला तहसील के मनौना का माहौल बिगड़ने से बच गया।
इसी तरह आंवला तहसील के अलीगंज ग्राम नौगवां ब्रहमनान से रवाना हुए कावड़ियों ने अलीगंज के फकीराबाद मोहल्ले में जमकर हंगामा किया, जबकि वहां के लोगों का कहना है कि इससे पहले कभी इस रास्ते से कावड़ यात्रा नहीं निकली।
इसके अलावा जिÞला बरेली की नवाबगंज तहसील के क्योलड़िया के करीब नवादा बहोरम में गोश्त व्यापारी को बेवजह रोक कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। उस दिन जुमेरात होने की वजह से गोश्त व्यापारी अपनी गाड़ी से मारिया फ्रोजन फैक्ट्री से गोश्त लेकर क्योलड़िया में अपनी लाइसेंसी दुकान पर बेचने के लिए जा रहा था, लेकिन नवादा बहोरम में उसे जबरन रोक कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने जांच में पाया कि गोश्त के साथ फैक्ट्री का बिल भी था। इसके बाद व्यापारी को छोड़ा गया मगर तब तक उसका हजारों रुपये का नुकसान हो चुका था। यह मामला 20 जुलाई का है लेकिन अब तक व्यापारी को दुकान खोलने नहीं दिया गया है। रोजमर्रा कमाने वाले इस व्यापारी के सामने रोजीरोटी की परेशानी खड़ी हो गई है। जबकि उसने किसी तरह का नियम या कानून नहीं तोड़ा है। इस मामले में उन्होंने सख्त हिदायत देकर मुनासिब कार्रवाई करवाने की मांग की है।
अपने मेमोरेंडम में उन्होंने कानून का निजाम बनाए रखने के लिए कुछ खुसूसी सुााव भी पेश किए हैं जिसके मुताबिक जिस इलाके में किसी भी मजहब की यात्रा अथवा जुलूस निकलने वाला हो, वहां पहले से ही दोनों फरीक और शांति समिति के अहलकारों के साथ बैठक की जाए और बैठक में ही रूट तय कर लिया जाए।
आॅल इंडिया रजा एक्शन कमेटी (आरएसी) ने मज्कूरा मामलों की ओर सरकार का ध्यान मब्जूल कराते हुए इन मामलों में मुनासिब कार्रवाई करने की मांग की है।
हजरत अदनान मियां की हिदायत पर आरएसी के तमाम अहलकारों वा कारकुनान ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर मेमोरेंडम सौंपा। इस मौके पर अब्दुल हलीम खान, मौलाना कमरुज्जमा, अब्दुल लतीफ कुरैशी, ताज खान, राजू बाबा, हनीफ अजहरी, हाफिज सलीम, रजब अली, साजू सईद सिब्तैनी, मोहम्मद जुनैद, रेहान यार खान, हाफिज आरिफ रजा, सैय्यद रिजवान, मौलाना सद्दाम रजा, इब्ने हसन, साहिल रजा, सय्यद नासिर अली, मोहम्मद अहमद, आरिफ रजा, मोहम्मद यूसुफ, शाहनवाज रजा, अमीक रजा, हाजी समीर उद्दीन, फारूक रजा तहसीनी, उस्मान रजा, इश्तियाक रजा, अनवर हुसैन, फुरकान रजा, मुजाहिद रजा, नन्नू खान, इस्लाम, डायरेक्टर मोहम्मद चांद, राशिद अली, दानिश खान, इशाकात अल्वी, यूसुफ रजा, शरिक रजा, नफीस रजा, सलमान रजा, हाफिज आलम बरकाती, सय्यद मुशर्रफ हुसैन, इरशाद रजा, जिया उर रहमान, शोएब रजा, फैज रजा, कादरी उवैस रजा, मोहम्मद जाबिर, जुबैर रजा, मोहम्मद इरफान, मकसूद खान, मोहम्मद आमिर, सय्यद फैजान अली, शाहिद हुसैन, जहीर अली, अनवार हुसैन, याकूब अली, रियासत हुसैन, मोहम्मद अली खान, मोहसिन खान, शाहरुख अब्बासी, मोहम्मद आरिफ, रियाज अहमद, इसरार अली, हबीब मोहम्मद, नूर मोहम्मद, एहतेशाम खान, मोहम्मद रजा, इजहार रजा, हाफिज उवैस रजा, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद समीर, हाफिज कासिम, मोहम्मद सलमान, नजाकत अली, मोहम्मद तौफीक समेत बारिश के बावजूद बड़ी तादाद में आरएसी के अहलकार वा कारकुन मौजूद थे।