10 मुहर्रम-उल-हराम 1445 हिजरी
सनीचर, 29 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं‘हसन और हुसैन (रदिअल्लाहो अन्हो) मेरे बेटे और मेरी बेटी फातिमा (रदिअल्लाहो अन्हो) के बेटे हैं, मैं इन दोनों से मोहब्बत करता हूं, तू भी इन दोनों से मोहब्बत फरमा और इन दोनों से मोहब्बत करने वालों से भी मोहब्बत फरमा।’
- बुखारी शरीफ
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तकरीर के बाद की गईं मुल्क में अमन व सलामती की दुआएंनई तहरीक : भिलाई
मुहर्रम के मौके पर अंजुमन हुसैनिया कमेटी की ओर से बीती रात कर्बला के शहीदों की याद में तकरीर के साथ-साथ मआशरे में बेहतर काम कर रहे लोगों का इस्तकबाल किया गया। इस मौके पर अंजुमन के खास बुलावे पर पैगंबर हजरत मुहम्मद के वंशज, आले नबी औलादे अली, फर्जंद-ए-गौसे आजम, हजरत सैयद आलमगीर अशरफ, अशरफी उल जिलानी भी यहां पहुंचे। जलसे की शुरूआत हाफिज इमरान खान के कलाम पाक की तिलावत से हुई। इमामबाड़ा जोन 1, सड़क 20, खुर्सीपार में मुनाकिद प्रोग्राम में रूंगटा कॉलेज आॅफ फार्मेसी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एजाजुद्दीन, छत्तीसगढ़ प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी में रियासती सेके्रटरी व रियासती डेलीगेट मोहम्मद इरफान खान, सीनियर सहाफी अब्दुल सलाम और मिशन तालीम से जुटी जकात फाउंडेशन का इस्तकबाल हजरत आलमगीर अशरफी ने किया।इसके पहले शायर-ए-इस्लाम मौलाना इसरार, मोहम्मद आरिफ अशरफ, हाफिज मोहम्मद, हाफिज महमूद गौहर, मौलाना शहजाद आलम, अब्दुल कुद्दुस, हाफिज गुलाम अहमद रजा, हाफिज अल्ताफ हुसैन, हाफिज मोहम्मद, हाफिज शमशेर अशरफी और हाफिज मोहम्मद आरिफ ने शोहदाए करबला पर अपने कलाम पेश किए।
अपनी तकरीर में आलमगीर अशरफी ने करबला के वाकयात बयान किए। वहीं मुकर्रिरे खुसूसी हजरत अल्लामा मौलाना मुफ्ती कलीमुल्लाह खान रिजवी, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ने भी तकरीर की। निजामत गुलाम नबी और कमालुद्दीन ने की। आखिरी में मुल्क में अमन व सलामती की दुआएं की गईं।
सराही गई इनकी कोविश व मेहनत
प्रोग्राम के दौरान जिन हस्तियों का सम्मान किया गया, उनके काम का ब्यौरा मंच से दिया गया। जिसमें बताया गया कि अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने फामेर्सी के रिसर्चर डॉ. एजाजुद्दीन को दुनियाभर के दो फीसदी बेहतर वैज्ञानिकों की फेहरिस्त में रखा है। कैंसर के मरीजों को कम तकलीफ के साथ इलाज के लिए डॉ. एजाज नई दवाओं पर रिसर्च कर रहे हंै। वहीं सोरायसिस पर भी दवा तैयार करने उनका शोध जारी है। डॉ. एजाज को सोसाइटी आॅफ फार्मास्युटिकल साइंस ने भी बेस्ट साइंटिस्ट के अवार्ड से नवाजा है।Must Read
इसी तरह मोहम्मद इरफान खान छत्तीसगढ़ प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी में प्रदेश सचिव एवं प्रदेश प्रतिनिधि हैं। सोशल वर्क में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले इरफान खान रोटरी क्लब आॅफ भिलाई सिटी और दुर्ग भिलाई टेलीकॉम एसोसिएशन के सदर रहे हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सुरक्षा समिति, भारत सरकार के कारकुन रहे हैं। सीनियर सहाफी अब्दुल सलाम तीन दहाई से भी ज्यादा समय से सहाफत के पेशे से जुड़े रहकर मआशरे की आवाज बने हुए हैं। अब्दुल सलाम ने 1989 में सहाफत शुरू की थी और तब से लगातार एक्टिव हैं।
छत्तीसगढ़ जकात फाउंडेशन ने अपने मिशन तालीम के जरिए मआशरे की लाइल्मी को दूर करने का बीड़ा उठाया है। फाउंडेशन पिछले 8 साल से समूचे छत्तीसगढ़ में जकात व दीगर अतियात से हासिल रकम से नादार व गरीब तबके के बच्चों के लिए खास कर हायर एजूकेशन की राह आसान करने में जुटा है। जिसमें मेडिकल, इंजीनियरिंग, वकालत, सीए व अन्य सब्जेक्ट पर ताअलीम के लिए काबिल उम्मीदवारों को इक्तेसादी मदद दी जा रही है। भिलाई में जकात फाउंडेशन के प्रतिनिधि मोहम्मद इमरान हैं।
छत्तीसगढ़ जकात फाउंडेशन ने अपने मिशन तालीम के जरिए मआशरे की लाइल्मी को दूर करने का बीड़ा उठाया है। फाउंडेशन पिछले 8 साल से समूचे छत्तीसगढ़ में जकात व दीगर अतियात से हासिल रकम से नादार व गरीब तबके के बच्चों के लिए खास कर हायर एजूकेशन की राह आसान करने में जुटा है। जिसमें मेडिकल, इंजीनियरिंग, वकालत, सीए व अन्य सब्जेक्ट पर ताअलीम के लिए काबिल उम्मीदवारों को इक्तेसादी मदद दी जा रही है। भिलाई में जकात फाउंडेशन के प्रतिनिधि मोहम्मद इमरान हैं।