दीन के साथ दुनियावी तालीम पर जोर, की गईं अमन की दुआएं

रबि उल आखिर 1446 हिजरी 

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 फरमाने रसूल  

नबी करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया : अगर कोई शख्स मुसलमानों का हाकिम बनाया गया और उसने उनके मामले में खयानत की और उसी हालत में मर गया तो अल्लाह ताअला उस पर जन्नत हराम कर देता है।
 - मिश्कवत 

मदरसा जामिया अरबिया में मुनाकिद ताअलीमी मुकाबला मुसाबका तालीमी मयार इख्तेताम पजीर

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0 दम तोड़ रही उर्दू को सरे नौ जिंदा करने 0 उम्मते मुसलमां का जायजा लेने और दीनी व मजहबी मुआमले को लेकर अपनी सोच व फिक्र का जवाब तलाशने के लिए …… ‘ बख्तावर अदब’और ‘नई तहरीक’ से जुड़े रहें …. Join Us

✅ नई तहरीक : भिलाई

मदरसा जामिया अरबिया, पावर हाउस, कैम्प-2 में मुनाकिद दो रोजा ताअलीमी मुकाबला मुसाबक ताअलीमी मेअयार के इख्तेताम पर बच्चों को इनआम-ओ-इकराम से नवाजा गया। 
    मुकाबले में रियासत छत्तीसगढ़ के मुख्तलिफ अजला से दीनी तालीम हासिल कर रहे तलबा के लिए ताअलीमी सतह का दो रोजा मुकाबला मुसाबक ताअलीमी मेअयार 23 अक्टूबर को इख्तेताम पजीर हुआ। मुकाबले में भिलाई-दुर्ग समेत अंबिकापुर, बिलासपुर, कटघोरा और रांका वगैरह अजला से तलबा शामिल हुए। 

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हज- 2025 : मुल्क से इस साल 1 लाख 22 हजार 518 आज़मीन-ए-हज्ज को मिला सफर-ए-हज का मौका

कुरआन पाक को तलफ्फुज से पढ़ने और इससे मिलने वाली तालीम और दुनियावी जिंदगी से जुड़े सवालों पर पर मबनी मुकाबले से मुताल्लिक प्रोग्राम से खिताब करते हुए मदरसा जामिया अरबिया के मुफ्ती सालिम हलीमी ने कहा, ये पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ रियासत में दीनी व दुनियावी ताअलीम के मद्देनजर पहली बार इस तरह का मुसाबका (प्रतियोगिता) की पहल की गई है। मेहमाने खुसूसी मुफ्ती नजमुद्दीन अमरावती शहर काजी मुफ्ती सोहेल ने कहा, वालिदैन की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों का अच्छा नाम रखे, उन्हें अच्छी तरबियत दें और उनके लिए बेहतर ताअलीम का इंतेजाम करें, बच्चों को दीन के साथ दुनियावी तालीम भी मुहैया कराएं ताकि बच्चे एक बेहतर मआशरा की ताअमीर में बेहतर किरदार अदा कर सकें। 

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लेबनान : जख्मियों से भर गए अस्पताल, बच्चे की पैदाइश के लिए ख़ातून को भेजना पड़ा ईराक

मुफ्ती नजमुद्दीन अमरावती व शहर काजी मुफ्ती सोहेल ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम 000 हजरत मोहम्मद मुस्तुफा 000 ने एक बेहतरीन जिंदगी गुजार कर लोगों के सामने मिसाल रखी है। उन्होंने बच्चों को मां-बाप और बड़ों की इज्जत व अदब और वालिदैन को औलाद की सही तरबीयत की नसीहत दी।
    इस दौरान मुल्क में अमन- चैन, खुशहाली क़ायम करने और मुल्क व सूबा छत्तीसगढ़ की तरक्की के साथ दुनिया में अमन की दुआएं की गईं। इस दौरान दुर्ग-भिलाई तारीख के पसेमंजर पर किताब लिखने वाले और दीगर समाजिक कामों में भाग लेकर अपनी किरदार अदा करने वाले लेखक/सहाफी मुहम्मद जाकिर हुसैन का आलिमे दीन और तमाम हाफिजे कुरआन की मौजूदगी में इस्तकबाल किया गया।
    इख्तेतामी जलसे की निजामत मौलाना इनामुल हसन ने की जबकि हाफिज कासिम हलीमी व कारी अब्दुल समद ने कुरआन की तिलावत की। मौलाना फैसल, हाउसिंग बोर्ड व मुफ्ती सालिम हलीमी ने नात शरीफ पेश की। प्रोग्राम में मौलाना मोहम्मद हाशिम, मौलाना जुनैद, मौलाना दिलशाद हाफ़िज़ रेहान, मौलाना नाजिम, हाफ़िज़ अता उल्ला, मौलाना मोईनुद्दीन, हाफ़िज़ इश्तियाक, हाफ़िज़ मोहम्मद अमीन, सदर मोहम्मद असलम, नायब सदर इमामुद्दीन पटेल सेक्रेटरी, सैय्यद असलम, ज़फ़र कुरैशी, हाफ़िज़ महफूज, निजामुद्दीन अंसारी, युसूफ सिद्दीकी, हाफ़िज़ अहमद, सोहेल, हाफ़िज़ अब्दुल समद, अब्दुल अलीम, तमयुजुदीन पटेल, असलम फल वाले, कारी अब्दुल समद, अदनान, मोहम्मद आदिल, मोहम्मद अशरफ, उबैदुल्ला, अलीम, मोबिन भाई साहिल, सईद और जमीर सहित बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे।

आखिरी दिन दुर्ग जिले के मदरसों के तलबा हुए शामिल

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मुसाबका ताअलीमी मेअयार के आखिरी रोज 23 अक्टूबर को दुर्ग जिले के अलग-अलग मदरसों में दीनी और दुनियावी तालीम हासिल कर रहे तलबा ने भाग लिया। पहले सेशन में मोहम्मद उमैर अव्वल, मोहम्मद साद दूसरे और ईसा खातून ने तीसरा मुकाम हासिल किया। जबकि दूसरे सेशन में अंसारा अहमद अव्वल, मोहम्मद बिन कासिम दूसरे और जाकिरीन ने तीसरा मुकाम हासिल किया।

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