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सऊदी ग़ोताखोर जोड़े ने समुंद्र की गहराई में जाकर की सगाई, शादी के लिए मिलेगा 72 हज़ार रियाल तक क़र्ज़ा

रबि उल आखिर 1446 हिजरी 

 ﷽

 फरमाने रसूल ﷺ 

वो नौजवान, जिसकी जवानी अल्लाह की इबादत और फरमाबरदारी में गुज़री, अल्लाह ताअला उसे कयामत के दिन अपने अर्श का ठंडा साया नसीब फरमाएगा।

- बुख़ारी शरीफ 

सऊदी ग़ोताखोर जोड़े ने समुंद्र की गहराई में जाकर की सगाई

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

अरब मीडीया के मुताबिक़ सऊदी ग़ोताखोर जोड़े हुस्न अब्बू उलाला और यासमीन दफ़्तरदार ने बहीरा अह्मर (लाल सागर) की गहराई में अपनी मंगनी की रस्म अदा की। 
    जोड़े ने मंगनी को यादगार और मुनफ़रद (अलग) बनाने के लिए एक ज़ेर-ए-आब (पानी के नीचे) प्लेटफार्म पर एक दूसरे को अँगूठी पहनाईं। रिपोर्ट के मुताबिक़ इस मौके पर उनके दोस्तों ने अरब रवायात के मुताबिक़ मख़सूस अंदाज़ में ख़ुशी का इज़हार किया। सऊदी जोड़े की मुनफ़रद अंदाज़ में मंगनी की विडियो सोशल मीडीया पर वाइरल है और इस पर मिलेजुले रद्द-ए-अमल का इज़हार किया जा रहा है। ख़्याल रहे कि माज़ी में भी कई जोड़ों ने समुंद्र की गहराई में जाकर मंगनी की रस्म अदा की है।

शादी के लिए सऊदी शहरियों को 72 हज़ार रियाल तक मिलेगा क़र्ज़ा

ममलकत में समाजी तरक़्क़ीयाती बैंक ने सऊदी शहरियों के लिए कर्जे़ की रक़म बढ़ा कर 72 हज़ार रियाल तक कर दिया है। रक़म की अदायगी चार बरस की आसान किस्तों में की जा सकती है। 
    अख़बार 24 के मुताबिक़ शादी क़र्ज़ के हवाले से समाजी तरक़्क़ीयाती बैंक ने बताया कि बीमा पालिसी की शराइत के मुताबिक़ इंतिक़ाल की सूरत में लिया गया क़र्ज़ माफ़ हो जाएगा। क़र्ज़ की दीगर शराइत के मुताबिक़ दरख़ास्त दहिंदा की उम्र 18 बरस से कम और 70 से ज़्यादा ना हो, जबकि माहाना आमदनी 14500 रियाल से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। ये भी बताया गया कि क़र्ज़ पहली शादी पर ही दिया जाएगा, बीवी के फ़ौत होने की सूरत में दूसरी शादी के लिए भी क़र्ज़ लिया जा सकता है। 
    क़र्ज़ के लिए दी गई दरख़ास्त के साथ निकाहनामा की तसदीक़ अदालत से कराई जाए। शादी को दो बरस से ज़्यादा वक़्त गुज़रने की सूरत में माली मदद लेने का अहल नहीं होगा।

इराक़ : 9 साल में लड़कियों की शादी करने की तजवीज़

बग़दाद : इराक़ की पार्लियामेंट में लड़कियों की शादी की उम्र 9 साल मुक़र्रर करने का बिल मुतआरिफ़ कराने पर बड़े पैमाने पर ग़म-ओ-ग़ुस्से और तशवीश का इज़हार किया गया। ग़ैरमुल्की मीडीया के मुताबिक़ इस वक़्त इराक़ में क़ानूनी तौर पर लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल मुक़र्रर है जिसे कम कर 9 साल करने का बिल लाया गया है। 
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    बिल पर तन्क़ीद करने वालों ने ख़दशे का इज़हार किया है कि ये बिल विरासत, तलाक़ और बच्चों की तहवील के मुआमलात में हुक़ूक़ में कमी का बाइस बनेगा। अगर ये बिल मंज़ूर हो जाता है तो ये 9 साल की लड़कियों और 15 साल से कम उमर लड़कों को शादी करने की इजाज़त देगा। इन्सानी हुक़ूक़ की तन्ज़ीमों, ख़वातीन के ग्रुपों और सिविल सोसाइटी के अरकान ने बिल की शदीद मुख़ालिफ़त की है और लड़कियों की तालीम, सेहत और बहबूद पर पड़ने वाले संगीन नताइज के ख़तरे से आगाह किया है। 
    उनका कहना है कि कमउमर की शादी से तलाक़ की शरह में इज़ाफ़ा होगा साथ ही घरेलू तशद्दुद का ख़तरा बढ़ेगा। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के बच्चों के इदारे यूनीसेफ के मुताबिक़ इराक़ में 28 फ़ीसद लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही कर दी जाती है। हियूमन राइट्स वाच की मुहक़्क़िक़ सारा सनबर ने कहा कि इस क़ानून को पास करने से ये ज़ाहिर होगा कि मुल़्क पीछे की तरफ़ बढ़ रहा है। 


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