सफर-उल-मुजफ्फर 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
बेशक अल्लाह ताअला रोज़े कयामत फरमाएगा, मेरी अज़मत व ताज़ीम की खातिर बाहमी (आपस में) मोहब्बत करने वाले कहाँ है? मैं आज उनको अपने साए में जगह दूंगा, इस दिन मेरे साए के सिवा कोई साया नहीं।
- मिश्कवत, मुस्लिम
✅ काबुल : आईएनएस, इंडिया तालिबान की अख़लाक़ी उमूर की वज़ारत ने दाढ़ी ना रखने पर सिक्योरिटी फ़ोर्स के 280 से ज़्यादा अहलकारों (अधकारियों) को बरतरफ़ कर दिया है। वज़ारत ने ये भी बताया कि गुजिश्ता साल अफ़्ग़ानिस्तान में ग़ैर अख़लाक़ी हरकात के इर्तिकाब (जुर्म) के इल्ज़ाम में 1300 से ज़्यादा लोगों को पकड़ा गया था। अख़लाक़ीयात से मुताल्लिक़ उमूर के डायरेक्टर मुख़लिस ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि सिक्योरिटी फ़ोर्स के 281 अरकान को मुलाज़मत से बरतरफ़ कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने शरई दाढ़ी नहीं रखी थी।
म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स को किया तबाह
मंसूबा बंदी और क़ानूनसाज़ी से मुताल्लिक़ अफ़्ग़ान वज़ारत के डायरेक्टर मुहिब अल्लाह मुख़लिस ने एक बताया कि हुक्काम ने गुजिश्ता साल मौसीक़ी के 21،328 साज़ों को तबाह करवा दिया और हज़ारों कम्पयूटर आप्रेटर्ज को मार्केट में ग़ैर अख़लाक़ी और काबिल एतराज़ फिल्में फ़रोख़त करने से रोका। तालिबान की अख़लाक़ी उमूर की वज़ारत ने सन 2021 में अफ़्ग़ानिस्तान के इक़तिदार पर क़बज़ा करने के बाद उस इमारत में अपना दफ़्तर क़ायम किया था, जहां ख़वातीन उमूर की वज़ारत क़ायम थी।तालिबान ने ख़वातीन की वज़ारत को ख़त्म और ख़वातीन की तालीम, रोज़गार, नक़ल-ओ-हरकत समेत उन पर कई तरह की पाबंदिया आइद कर दी थी। ख़वातीन और लड़कियों के हुक़ूक़ पर पाबंदियों के ख़िलाफ़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा समेत इन्सानी हुक़ूक़ की तंज़ीमें मुसलसल तन्क़ीद करती आ रही हैं। जबकि तालिबान उनकी तन्क़ीद को मुस्तर्द करते हुए कहते हैं कि उनके इक़दामात इस्लामी क़ानून के मुताबिक़ हैं।
रियाद : एक लाख चौसठ हजार में बिके तीन बाज
रियाद : रियाद में फालकन क्लब के तहत तीन बाज़ों की नीलामी हुई। तीनों बाज एक लाख 64 हज़ार रियाल में फ़रोख़त हुए। सबक़ वेबसाइट के मुताबिक़ फ़रोख़त किए जाने वाले बाज़ बर्तानिया के फ़ार्म हाऊस की मिल्कियत हैं।इंतिज़ामीया ने कहा कि पहला बाज़ 65 हज़ार रियाल, दूसरा 51 हज़ार रियाल जबकि तीसरा 48 हज़ार रियाल में फ़रोख़त हुआ। इंतिज़ामीया ने कहा है कि बाज़ों पर नीलामी की मुकम्मल कार्रवाई फालकन मेले के तमाम सोशल एकाऊंट पर बराह-ए-रास्त देखी जा सकती है। वाजेह रहे कि रियाद में फालकन क्लब के मेले में सऊदी अरब और ख़लीजी ममालिक के अलावा मुख़्तलिफ़ ममालिक से बाज़ पालने वाले 18 इदारे शरीक हुए।
रात में आयतुल कुर्सी पढ़ने की फ़ज़ीलत
हज़रत अली (रज़ियल्लाहु अन्हु) फरमाते हैं कि मैंने रसूल अल्लाह (ﷺ) को मिम्बर पर फ़रमाते हुए सुना : जो शख़्स हर (फ़र्ज़) नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़े, उसे जन्नत में दाख़िल होने से मौत के सिवा कोई चीज़ नहीं रोकती। और जो कोई रात को सोते वक्त इसे पढ़ेगा अल्लाह तआ़ला उसे, उसके घर को और आस पास के घरों को महफूज़ फ़रमाएगा।
- शुअबुल ईमान
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