वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी का 50 फ़ीसद होनहार बच्चों की तालीम पर होगा ख़र्च, बनेंगे 21 नए मदारिस

सफर उल मुजफ्फर - 1446 हिजरी

  हदीस-ए-नबवी ﷺ  

 'जो शख्स ये चाहता है कि उसके रिज्क में इजाफा हो, और उसकी उम्र दराज हो, उसे चाहिए कि रिश्तेदारों के साथ हुस्न सुलूक और एहसान करे।'

- मिश्कवात शरीफ

वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी का 50 फ़ीसद होनहार बच्चों की तालीम पर होगा ख़र्च,  बनेंगे 21 नए मदारिस
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✅ भोपाल : आईएनएस, इंडिया 

वक़्फ़ बोर्ड गुजिश्ता चंद दिनों से काफ़ी ख़बरों में है। इस दौरान मध्य प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड ने एक बड़ा फ़ैसला लेते हुए वक़्फ़ बोर्ड की आमदनी का 50 फ़ीसद होनहार बच्चों की तालीम पर ख़र्च करने का फैसला लिया है। इसके लिए वक़्फ़ बोर्ड हर जिले में एक कमेटी तशकील देगा जो होनहार और ज़रूरतमंद बच्चों का इंतिख़ाब करेगी जिसके बाद उन्हें 25 हज़ार रुपय तक की मदद दी जाएगी। 
    अब तक बोर्ड को आमदनी का सिर्फ 7 फ़ीसद मिलता था और बाक़ी 93 फ़ीसद मैनेजमेंट कमेटी के पास रहता था। एमपी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन डाक्टर सँवर पटेल ने बोर्ड के फ़ैसले पर कहा कि जिस मक़सद के साथ अतीया दहिंदगान (डोनर) ने अपनी जायदादें वक़्फ़ बोर्ड को अतिया की हैं उसकी पैरवी की जाए। उन्होंने कहा कि ये फैसला इसीलिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड हर उस ग़रीब बच्चे की मदद करेगा जो 10वीं जमात में 65 फ़ीसद से ज़्यादा नंबर हासिल करेगा। 
    सँवर पटेल ने कहा कि पहले वक़्फ़ बोर्ड पर बैठे समाज दुश्मन अनासिर अतिया दहिंदगान की जायदादों से हासिल होने वाली आमदनी का ग़लत इस्तिमाल करते थे। उन्होंने कहा कि एक साल कब्ल जब रियासत में वक़्फ़ बोर्ड का सिरे से क़ियाम अमल में आया था, हमने फ़ैसला किया था कि बोर्ड की जायदादों से हासिल होने वाली आमदनी को ग़रीब अवाम की फ़लाह-ओ-बहबूद पर ख़र्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड का मक़सद ये है कि ग़रीब बच्चे भी तालीम हासिल कर क़ौम की तामीर में अपना हिस्सा डालें। 
    आपको बता दें कि मध्य प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड बदउनवानी (भ्रष्टाचार) की शिकायात को लेकर ख़बरों में रहता है। इस पर कई बार सवालात उठाए गए हैं। बहुत से लोगों ने इल्ज़ाम लगाया है कि मिलने वाले अतयात का 10 फ़ीसद भी बच्चों की नशव-ओ-नुमा पर ख़र्च नहीं होता। इसके बाद हुकूमत ने तब्दीलियां कीं। अब वक़्फ़ बोर्ड के फ़ैसलों में ज़िला सतह की कमेटियां अहम रोल अदा करेंगी। आपको बता दें कि गुजिश्ता मानसून इजलास में मर्कज़ी हुकूमत ने वक़्फ़ बोर्ड तरमीमी बिल लोक सभा में पेश किया था। कांग्रेस और एसपी समेत कई पार्टियों ने इसकी मुख़ालिफ़त की। हुकूमत ने कहा कि बिल के ज़रीये वो वक़्फ़ बोर्ड के पूरे अमल को जवाबदेह और शफ़्फ़ाफ़ बनाना चाहती है। अपोज़ीशन की जानिब से मुसलसल मुख़ालिफ़त के बाद हुकूमत ने उसको मुशतर्का (साझा) पार्लियामानी कमेटी के सपुर्द कर दिया और लोक सभा स्पीकर ने उसके लिए कमेटी भी तशकील दे दी है जो उसकी कमियों और खामियों को निशान ज़िद करके उसमें तरमीम करने की कोशिश करेगी।

नतीश सरकार का ऐलान : वक़्फ़ से मुताल्लिक़ ज़मीन पर बनाए जाएंगे 21 नए मदारिस

पटना : बिहार की नितीश कुमार हुकूमत ने वक़्फ़ ज़मीन पर 21 नए मदारिस बनाने का ऐलान किया है। जेडीयू के सीनीयर लीडर और बिहार हुकूमत में अकलीयती बहबूद (अल्पसंख्यक कल्याण) के वज़ीर ज़माँ ख़ान ने कहा कि अकलीयती समाज की सियासत करने वाले लोग सिर्फ वोट बैंक की सियासत करते हैं। जबकि नितीश कुमार की क़ियादत में हर समाज तरक़्क़ी कर रहा है। उन्होंने कहा कि नए मदरसे में लोगों के लिए बेहतर तालीमी निज़ाम होगा, नए असातिज़ा की तक़र्रुरी की जाएगी। 
    जेडीयू लीडर और मर्कज़ी वज़ीर राजीव रंजन सिंह (लल्लन सिंह) ने वक़्फ़ बिल पर अपोज़ीशन के तमाम ख़दशात को मुस्तर्द करते हुए मर्कज़ की हिमायत की है। उन्होंने कहा, ये एक क़ानून का पाबंद इदारा है, जिसे शफ़्फ़ाफ़ (पारदर्शी) बनाने के लिए क़ानून बनाया जा रहा है। वक़्फ़ बोर्ड की तशकील कैसे हुई, क्या ये किसी क़ानून से बना है, अगर कोई इदारा जो क़ानून का पाबंद है, तो हुकूमत को ये हक़ हासिल है कि वो इस में शफ़्फ़ाफ़ियत (पारदर्शिता) लाने के लिए क़ानून बनाए। कोई मज़हबी तक़सीम नहीं हो रही, लोग बेवजह इंतिशार फैला रहे हैं। 



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