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हजरत आलमगीर अशरफ की तशरीफ आवरी 15 को, जामा मस्जिद में अदा कराएंगे नमाज-ए-मग्रिब

मोहर्रम-उल-हराम - 1446 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

जिसने अस्तग़फ़ार को अपने ऊपर लाज़िम कर लिया अल्लाह ताअला उसकी हर परेशानी दूर फरमाएगा और हर तंगी से उसे राहत अता फरमाएगा और ऐसी जगह से रिज़्क़ अता फरमाएगा जहाँ से उसे गुमान भी ना होगा।

- इब्ने माजाह

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आलमगीर अशरफ


✅ नई तहरीक : भिलाई

शोहदा-ए-कर्बला की याद में जारी 10 रोजा तकरीर, लंगर व फातिहा ख्वानी के सिलसिले में पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद  के वंशज, आले नबी, औलादे अली, फर्जंद-ए-गौसे आजम, हजरत सैयद आलमगीर अशरफ अशरफी उल जिलानी की 15 जुलाई को भिलाई तशरीफ आवरी हो रही है। 
    अंजुमन हुसैनिया कमेटी, खुर्सीपार के सदर हुसैन अली अशरफी ने बताया कि हजरत आलमगीर दोपहर 2 बजे भिलाई पहुंचेंगे। यहां वे जामा मस्जिद, सेक्टर-6 में मग्रिब की नमाज अदा कराएंगे और बाद में शोहदा-ए-कर्बला के वाकेआत पर रोशनी डालेंगे। रात 9.30 बजे इलाहाबादी पंचायती, ताजिया इमामबाड़ा, सड़क 20, जोन—1, खुर्सीपारा में मुनाकिद दस रोजा तकरीरी प्रोग्राम जिक्र-ए-शोहदाए कर्बला में शामिल होंगे और कौम से खिताब करेंगे। 
    इस मौके पर हजरत आलमगीर के दस्ते मुबारक से मआशरे में खुसूसी किरदार अदा करने वाली शख्सियतों का एजाज किया जाएगा। रात 12 बजे इमामबाड़ा पर इमाम हसन की चौकी की फातिहा होगी। हुसैन अली ने बताया कि 10 मोहर्रम तक हर रोज सुबह 8 से 10 बजे तक कुरआन ख्वानी का सिलसिला जारी है। वहीं रात में तकरीर के बाद हर रोज कसीर तादाद में लोग लंगर में शामिल हो रहे हैं

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