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ईद उल अदहा पर अमनो-आमान व हम आहंगी के लिए दुआओं में उठे हाथ

जिल हज्ज-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

ह्य अल्लाह ताअला जिसके साथ खैर व भलाई करना चाहता है, उसे बीमारी की तकलीफ और दीगर मुसीबतों में मुब्तिला कर देता है।ह्य

- सहीह बुख़ारी

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- नई तहरीक : उर्दू अदब और इस्लामी तारीख का पहला और वाहिद न्यूज पोर्टल…

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तीन दिन तक चलने वाला कुर्बानी का सिलसिला शुरू

Eid Mubarak

✅ मुहम्मद जाकिर हुसैन : भिलाई 

ट्विन सिटी में तीन दिन के ईद उल अदहा की शुरुआत पीर से हुई। कुर्बानी के जज्बे के साथ लोग ईद मना रहे हैं। 19 जून बुध तक हैसियत के मुताबिक मआशरे के लोग बकरों की कुर्बानी करेंगे। पहले दिन ईदुलअजहा की नमाज शहर की तमाम ईदगाह व मस्जिदों में अदा की गई जिसमें बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। इनमें दीगर मआशरे के लोग भी शामिल थे। इस मौके पर हज के अरकान पूरा होने पर दुआएं की गईं।
जामा मस्जिद सेक्टर-6, के इमाम ओ खतीब इकबाल अंजुम हैदर ने नमाज अदा करवाई। नमाज के बाद भिलाई नगर मस्जिद ट्रस्ट के सदर जमील अहमद की ओर से सालाना रिपोर्ट पेश की गई जिसमें ट्रस्ट की ओर से मस्जिद में जारी तामीराती काम की जानकारी दी गई। वहीं मुल्क में बढ़ती फिरकावाराना वाकेआत पर तशवीश का इजहार करते हुए ऐसे अनासिर (तत्वों) पर लगाम लगाने की मांग की गई। इमाम के खुत्बे के बाद मुल्क में अमनो-आमान, हम आहंगी व भाईचारे की दुआएं की गई।
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    इस मौके पर मक्का मुअज्जमा में हज पूरा होने पर सभी लोगों ने दुआएं की। खास तौर पर दुर्ग-भिलाई से गए आजमीन-ए-हज ने अपने-अपने खानदान में फोन-वीडियो कॉल कर हज पूरा होने की जानकारी दी और लोगों ने उनसे दुआओं की गुजारिश की। ईद की नमाज के मौके पर भिलाई में तमाम मस्जिदों व ईदगाहों में हज पूरा होने पर हाजियों को मुबारकबाद पेश की गई। नमाज से फरागत के बाद शहर के कब्रिस्तान हैदरगंज पहुंचकर लोगों ने अपने मरहूमीन के इसाले सवाब के लिए दुआएं की। 


परहेजगारी पसंद करता है अल्लाह : हक

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मरकजी मस्जिद पावर हाउस, कैंप-2 में नमाज़ से पहले अपनी तकरीर में मौलाना इनामुल हक ने कहा कि अल्लाह ने हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम से कुर्बानी मांगी लेकिन ली नहीं। इब्राहिम अलैहिस्सलाम को जब बेटे पर छुरी चलाने की नौबत आई तो अल्लाह ने फ़रिश्ते के जरिए से बेटे की जगह एक दुंबा (भेड़) रखवा दिया और इस्माइल को हटा दिया। मौलाना हक ने कहा, अल्लाह प्यार और तकवा, परहेजगारी को पसंद करता है। इस कुर्बानी को क़यामत तक लोगों के लिए साहिबे हैसियत पर वाजिब कर दिया गया। 
    इसके बाद इमाम हाफिज कासिम ने नमाज़े ईदुल अदहा अदा करवाई। इस मौके पर लोगों ने एक-दूसरे से बगलगीर होकर ईद की मुबारकबाद दी साथ ही पुलिस महकमा के मौजूद लोगों के तंई शुक्रगुजारी का इजहार किया। इस दौरान सदर मोहम्मद असलम, सेक्रेटरी सैयद असलम, नायब सेक्रेटरी मोहम्मद अकरम, खजांची सगीर जमाल, मोहम्मद आजम, निजामुद्दीन अंसारी, युसूफ सिद्दीकी, अशरफ, हाफिज महफूज सईद अहमद, निसार अहमद, हाफिज अहमद, आदिल, ताहिर,साहिल और अदनान सहित कसीर तादाद में लोग मौजूद रहे।

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हाजी सिद्दीकी की किताब 'तामीर-ए-मस्जिद, मदरसा व मजारात' का हुआ इजरा

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 शहर के मशहूर शिल्पकार हाजी एमएच सिद्दीकी की किताब 'तामीर-ए-मस्जिद, मदरसा व मजारात' का ईद उल अजहा के मौके पर ईदगाह-मस्जिद शेर-ए-खुदा, हाउसिंग बोर्ड में रस्मे इजरा अमल में आया। हाजी सिद्दीकी ने यह किताब शिल्पकला के शोबे में अपने 40 साल के तजुर्बे की बिना पर लिखी है। किताब में उन्होंने मस्जिद, मदरसा और मजार की तामीर के दौरान आर्किटेक्चर के मुख्तलिफ पहलुओं पर रोशनी डाली है जिससे ऐसी तामीरात मुस्तकबिल में मिसाल बनें। इजरा के दौरान मौलाना मोहम्मद जलालुद्दीन रिजवी मिस्बाही, मौलाना मोहम्मद ताजीम रजा जामई जामा मस्जिद शेरे खुदा हाउसिंग बोर्ड, सदर हाजी मोहम्मद ताहिर सिद्दीकी, सेक्रेटरी मोहम्मद आसिफ सिद्दीकी, साबिक सदर गनी खान, कैशियर रशीद खान, मोहम्मद शमीम सिद्दीकी, हाजी मास्टर एजी कुरैशी, कैप्टन मोहम्मद जमाल, हाफिज मोहम्मद आसिफ रजा और मोहम्मद जाकिर सहित अनेक लोग मौजूद थे। सभी ने हाजी सिद्दीकी की मेहनत को सराहा और किताब की मकबूलियत के लिए दुआएं की। हाजी सिद्दीकी की इस किताब की इशाअत की जानकारी ईदगाह सेक्टर-6 सहित शहर की तमाम मस्जिदों-ईदगाहों में ईदुल अजहा की नमाज के दौरान मौजूद लोगों को दी गई।


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