जंग : ईरान के 10 करोड़ तो इसराईल के खर्च हुए तक़रीबन एक अरब डालर

 शव्वाल -1445 हिजरी

कर्ज की जल्द से जल्द करें अदायगी 

हजरत अबू मूसा अश्अरी रदिअल्लाहू अन्हु से रिवायत है कि जनाब नबी-ए-करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया- कबाईर (बड़े) गुनाहों के बाद सबसे बड़ा गुनाह यह है कि कोई शख्स मर जाए और उस पर देन यानी किसी का मी हक हो और उसके अदा करने के लिए वह कुछ न छोड कर जाए। 

- अबु दाउद

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जंग : ईरान के 10 करोड़ तो इसराईल के खर्च हुए तक़रीबन एक अरब डालर

✅ न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया

माहिरीन का कहना है कि अगर इसराईल हमला करता है तो ईरान के पास जवाबी कार्रवाई के लिए हज़ारों ड्रोन्ज और मीज़ाईलों का ज़ख़ीरा मौजूद है। अगरचे इसराईल ने ये नहीं बताया कि ईरान के ड्रोन्ज और मिज़ाईल गिराने पर उठने वाले अख़राजात कितने थे, लेकिन मुतअद्दिद तजज़ियाकारों (विश्लेषकों) का कहना है कि आदाद-ओ-शुमार ये ज़ाहिर करते हैं कि ईरान ने अपने हमले में आठ से दस करोड़ डालर मालियत के ड्रोन्ज और मिज़ाईल इस्तिमाल किए जबकि उन्हें मार गिराने पर इसराईल और उसके इत्तिहादियों के अख़राजात का तख़मीना (अंदाजा) एक अरब डालर तक जा पहुंचता है। 
    अगर इसराईली वज़ीर-ए-आज़म नेतन्याहू ईरान के हालिया ड्रोन्ज और मिज़ाईल हमले के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई ना करने के आलमी दबाव को नजरअंदाज़ करने का फ़ैसला करते हैं तो माहिरीन के मुताबिक़ ये ईरान के पुराने और फ़र्सूदा तय्यारों और हथियारों से लैस फ़िज़ाईया के लिए एक कड़ा इमतिहान होगा। माहिरीन का कहना है कि ईरानी फ़िज़ाईया की क़ुव्वत और हर्बी सलाहीयत के पेश-ए-नज़र इसराईल को ईरान के अंदर एहदाफ़ को निशाना बनाने के लिए बहुत कम दुशवारी का सामना होगा जिसके पास फ़र्सूदा तय्यारे और अपना तैयार करदा दिफ़ाई निज़ाम है जो ज़्यादातर रूसी मॉडलज़ पर मबनी है। 
    ईरान ने हाल ही में इसराईल पर मीज़ाईलों और ड्रोन्ज से जो हमला किया था, उसमें तेहरान ने ये ख़्याल रखा था कि उसके मीज़ाईलों और ड्रोन्ज से कम से कम नुक़्सान हो। इसराईल के एक साबिक़ फ़िज़ाई दिफ़ा के सरबराह का कहना है कि ईरान टेक्टीकल बैलिस्टिक मीज़ाईलों और ड्रोन्ज के शोबे में एक बड़ी क़ुव्वत की हैसियत रखता है। ईरान का फ़िज़ाई दिफ़ाई निज़ाम बड़े पैमाने पर रूसी एस 200 और एस 300 तय्यारा शिकन मिज़ाईल सिस्टमज़ के गिर्द घूमता है या इसमें मुक़ामी सतह पर तैयार करदा मिज़ाईल शामिल हैं, या फिर वो पुराने अमरीकी और रूसी जंगी तय्यारे हैं, जिनमें से अक्सर का ताल्लुक़ शहनशाह रज़ा शाह पहलवी की 1970 की दहाई से है। उनका कहना है कि इसराईल की फ़िज़ाईया जदीद है और उसके लिए ईरान के फ़िज़ाई दिफ़ा से निमटना चैलेंज नहीं होगा। 
    लंदन में रॉयल यूनाईटिड स्ट्रेटजिक इंस्टीटियूट के रिसर्च फ़ैलो सिद्धार्थ कोशा कहते हैं कि इसराईली एफ़ 35 जैसे तय्यारे ईरान के फ़िज़ाई दिफ़ाई नैटवर्क से बच कर निकल सकते हैं, लेकिन उनके ज़रीये सिर्फ छोटे हथियार ही ले जाए जा सकते हैं। बड़े हथियारों के लिए उसे एफ़ 16 की ज़रूरत पड़ेगी जो रेडार की पकड़ में आ सकते हैं। माहिरीन का कहना है कि इसराईल को जवाबी कार्रवाई करने से पहले ईरान के मज़ीद हमलों का ख़तरा मोल लेने के लिए तैयार होना पड़ेगा और उसे ये फ़ैसला करना होगा कि वो ईरान के मज़ीद कितने हमले नाकाम बनाने की सलाहीयत रखता है। 
    दिफ़ाई माहिरीन कहते हैं कि इसराईल को ये ज़हन में रखना होगा कि ईरान आइन्दा के हमलों में अपने मीज़ाईलों और ड्रोन्ज में से मज़ीद ख़तरनाक हथियारों का इंतिख़ाब कर सकता है जिसके पास एक अंदाज़े के मुताबिक़ कम-अज़-कम साढे़ तीन हज़ार मीज़ाईलों और ड्रोन्ज का ज़ख़ीरा मौजूद है जिनकी तादाद मज़ीद कई हज़ार तक हो सकती है। 
    इसराईल को जवाबी कार्रवाई के बाद ईरान के मज़ीद हमले रोकने के लिए अपने जदीद दिफ़ाई निज़ाम इस्तिमाल करने पड़ेंगे, लेकिन उसके गोला बारूद की भी एक क़ीमत है और वो काफ़ी महंगे हैं।

इसराईल ने ईरान पर हमले में रेडार पर ना आने वाले मीजाईल इस्तिमाल किए

मक़बूज़ा बैतुल-मुक़द्दस : इसराईली ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन ने इन्किशाफ़ (खुलासा) किया है कि इसराईल ने 19 अप्रैल को ईरानी इलाक़े इस्फ़िहान पर हमले में रेमबाज मिज़ाईल का इस्तिमाल किया जो इसराईल का तैयार करदा है और इसकी रफ़्तार आवाज़ से ज़्यादा है। 
    इस मिज़ाईल को ईरानी रेडार पर नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने निशानदेही की कि इस मिज़ाईल का फ़िज़ाई दिफ़ाई निज़ाम से पता लगाना मुश्किल है। अपना रास्ता दुरुस्त करने की सलाहीयत की वजह से ये कामयाबी से अपने हदफ़ तक पहुंचता है। 450 किलोमीटर की रेंज वाले इस मिज़ाईल में 150 किलो ग्राम वज़नी वार हैड था। न्यूज के मुताबिक हुक्काम के हवाले से बताया गया है कि इसराईल ने जिस हथियार से ईरानी न्यूक्लीयर साइट के फ़िज़ाई दिफ़ा को निशाना बनाया उसमें ऐसी टेक्नोलोजी मौजूद थी, जो उसे ईरानी रेडार से बचने के काबिल बनाती थी। मग़रिबी हुक्काम का कहना है कि हमले का मक़सद ईरान को ये पैग़ाम देना था कि इसराईल ईरानी दिफ़ाई निज़ाम को मफ़लूज कर सकता है। 
    दो ईरानी ओहदेदारों ने तसदीक़ की है कि इसराईली हथियार ने सूबा इस्फ़िहान में एक फ़ौजी अड्डे पर एंटी एयर क्रा़फ्ट सिस्टम को निशाना बनाया। खबरों के मुताबिक़ सेटेलाइट तसावीर के ज़रीये तजज़िया किया गया कि इस्फ़िहान मैं एस 300 सिस्टम को नुक़्सान पहुंचा है। दोनों ईरानी ओहदेदारों ने ये भी कहा कि ईरानी फ़ौज जुमा को अपनी फ़िज़ाई हदूद में ड्रोन, मिज़ाईल और हवाई जहाज़ों की मुदाख़िलत का पता नहीं लगा सकी। ईरानी ख़बर एजेंसी ने रिपोर्ट किया था कि कोई मिज़ाईल हमला नहीं हुआ और ये कि ईरानी फ़िज़ाई दिफ़ाई निज़ाम भी फ़आल नहीं हुआ।


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